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जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
बर्दवान, वीरभूम में नदियों का जलस्तर खतरे से ऊपर, बाढ़ की आशंका पानागढ़ : दक्षिण बंगाल के बर्दवान और वीरभूम में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. बर्दवान जिला प्रशासन ने समस्त प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टियां 15 दिनों के लिये रद्द कर दी है. जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन […]
बर्दवान, वीरभूम में नदियों का जलस्तर खतरे से ऊपर, बाढ़ की आशंका
पानागढ़ : दक्षिण बंगाल के बर्दवान और वीरभूम में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. बर्दवान जिला प्रशासन ने समस्त प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टियां 15 दिनों के लिये रद्द कर दी है.
जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन ने बताया कि जिले की दामोदर, अजय, भागीरथी, खड़ी नदी सह कैनलों पर नजर रखी जा रही है. ब्लॉक अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है. पर्याप्त परिमाण में राहत सामग्री तैयार रखने की हिदायत दी गयी है.
राहत व बचाव अधिकारी मृत्युंजय हलदर ने बताया कि चावल का स्टॉक कम है. पर्याप्त मात्र में चावल राहत कोष में नहीं आने तक मीड डे मील के चावल से ही काम चलाने का निर्देश सभी ब्लॉक के बीडीओ को दे दिया गया है. मौसम विभाग ने दक्षिण बंगाल में भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है. जिले के विभिन्न ब्लॉकों में बारिश व डैम से छोड़े गये पानी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जिलाशासक ने बताया कि बुधवार से ही अजय, भागीरथी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. मॉनिटरिंग बोर्ड का गठन किया गया है.
मैथन, पंचेत डैम से बुधवार तक 33 हजार तथा दुर्गापुर बैरेज से 62 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है. वीरभूम जिले के हिंगला नदी से 13 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस वजह से अजय, भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है. बर्दवान जिल के उक्त नदियों के तट पर बसे मेमारी, केतुग्राम, कटवा, कालना, पूर्वस्थली आदि ब्लॉक के कई गांव जलमग्न हो गये हैं. केतुग्राम एक व दो ब्लॉक के कई गांव डूबने लगे हैं. बर्दवान जिला सभाधिपति देबू टुडू, अतिरिक्त जिलाशासक ऋषिकेश मूदी आदि ने बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया. सभाधिपति ने बताया कि केतुग्राम एक, दो ब्लॉक में 19 राहत कैंप लगाये गये हैं. इसकी संख्या बढ़ेगी.
पीड़ित यहां शरण लिये हुये है. कटवा एक, दो ब्लॉक के कई वार्ड जलप्लावित हो गये हैं.
जिलाशासक बर्दवान जिले के 12 ब्लॉक के अलावे समस्त महकमा दफ्तर में अतिरिक्त एक हजार तिरपाल भेजे गये हैं. पुरुलिया से भी राहत सामग्री मंगायी गयी है. जमालपुर, चकदीपी एवं चांपड़ा इलाके में रास्ता काट कर जमे पानी को निकाला जा रहा है.
जॉग्रामपाड़ा तल एक व दो को छोड़ कालना, पूर्वस्थली, मंतेश्वर के कई इलाके डूब गये हैं. यहां नौकाएं भेजी गयी हैं. जिला परिषद के खाद्य कर्माध्यक्ष मोहम्मद इसमाइल ने बताया कि बर्दवान-कालना रोड के जाबुइडांगा पहाड़हाटी के रास्ते के ऊपर से जलप्रवाह जारी है. मंतेवर-मामदपुर एक और दो बामुनपाड़ा, पुरगुड़ा के अलावे मेमारी दो तथा वोहाट एक, बड़पलायान दो, विजुर एक अंचल की सड़कों के ऊपर पानी बह रहा है.
खंडघोष के मत्सय कर्माध्यक्ष आलोक माझी ने बताया कि खंडघोष के विसना, तातिपाड़ा, शाखारी, केशपुर, खुदकुड़ी, खोरकोल, उवानिया मयूर आदि इलाके जलप्लावित हो गये हैं. सभाधिपति ने कहा कि कर्माध्यक्षों को अपने अपने इलाकों में नजर रखने, राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया गया है.
जिला सिंचाई विभाग अधिकारी श्याम बनर्जी ने बताया कि समस्त बांध व नदियों पर नजर रखी जा रही है. अभी तक कोई अप्रिय खबर नहीं है. कृषि भूमि, फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
जिला कृषि विभाग के अधिकारी जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने बताया कि जिले में करीब एक हजार हेक्टेयर खेतिहर भूमि पानी में डूब गयी है. 55-65 हजार हेक्टेयर भूमि में की गयी धान की खेती को नुकसान हुआ है. 10 हजार हेक्टेयर भूमि में की गयी धान के खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है. साग-सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गयी हैं. जिलाशासक बाढ़ की आशंका को लेकर समस्त बीडीओ, एसडीओ, अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से परिस्थिति पर नजर रखे हुए हैं. जिले में 52 राहत शिविर खोले गये हैं. 9300 लोगों ने इनमें शरण ले रखी है. 11 हजार ग्रामीणों के घर पानी लील गया है. पिछले 24 घंटे में दो हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
जिलाअधिकारी ने बताया कि बुधवार शाम तक 50 मिलीमीटर बारिश हुई है. तूफानी बारिश के कारण भतार-बर्दवान एक में सैकड़ों मवेशियों को जान गंवानी पड़ी है. पूर्वस्थली के 450 घर व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये. विद्युत संयोग भी टूट गया है.
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