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प्रति दो माह में एक बार करनी है स्कूल प्रबंधन कमेटी की बैठक, नहीं होती है, कमेटी की बैठक में शिक्षक प्रतिनिधि को शामिल नहीं करने का आरोप. सरकारी सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर स्कूल बढ़ रहा है बर्बादी की ओर. बराकर : श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर में सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए स्कूल […]

प्रति दो माह में एक बार करनी है स्कूल प्रबंधन कमेटी की बैठक, नहीं होती है, कमेटी की बैठक में शिक्षक प्रतिनिधि को शामिल नहीं करने का आरोप. सरकारी सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर स्कूल बढ़ रहा है बर्बादी की ओर.

बराकर : श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर में सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए स्कूल प्रबंधन कमेटी की नियमित बैठक नहीं होने से स्कूल की समस्यायों का निष्पादन सही तरीके से नहीं हो रहा है. नियमानुसार दो माह में एक बार प्रबंधन कमेटी की बैठक करने का प्रावधान है. अंतिम बैठक यहां जून 2019 में हुई.
जिसके शिक्षक प्रतिनिधि को नहीं बुलाने के मुद्दे को लेकर कमेटी के सदस्य सह शिक्षक सुदर्शन कुमार सुधांशु ने जिला के स्कूल निरीक्षक से लिखित शिकायत की. जिसके बाद से अब-तक बैठक नहीं हुई. स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण यहां अनुशासन और शिक्षा व्यवस्था की हालत एकदम से चरमरा गई है.
इसपर प्रबंधन कमेटी की पहल नहीं होने से स्कूल की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. औसत प्रतिदिन तीन से चार क्लास ही यहां होता है. अनुशासन की कमी के कारण बच्चे हर वक्त स्कूल परिसर में टहलते नजर आते हैं, छात्र को जब मन किया स्कूल से निकल जाते हैं. उन्हें रोकने वाला कोई नहीं हैं. छात्रों का कहना है कि शिक्षक नहीं होने से क्लास नहीं होता है और वे लोग घर चले आते हैं.
सनद रहे कि श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर में कक्षा पांच से 12 तक की पढ़ाई होती है. यहां बांग्ला माध्यम में 83 छात्रों पर आठ शिक्षक और हिंदी माध्यम में 1021 छात्रों पर नौ शिक्षक की नियुक्ति है. हिंदी माध्यम के शिक्षकों के अवकाश ग्रहण के बाद उन पदों पर नियुक्ति नहीं हुई. हिंदी माध्यम उच्च माध्यमिक में सात विषयों के शिक्षक नहीं हैं.
इसके अलावा भी सेकेंडरी और अपर प्राइमरी में भी शिक्षकों की कमी है. इसे लेकर स्कूल प्रबंधन कमेटी की ओर से कोई विशेष पहल नहीं की जा रही है. सरकारी नियमों की यहां धज्जियां उड़ाई जा रही है. नियमानुसार साल में दो बार गर्जियन्स मीटिंग और एक बार गर्जियन्स सप्ताह करने का प्रावधान है.
यहां वर्षों से गर्जियन्स मीटिंग या गर्जियन्स सप्ताह नहीं हुआ है. तीन माह में एक बार स्टॉफ काउंसिल की बैठक करने का प्रावधान है, वह भी नहीं होता है. दो माह में एक बार स्कूल प्रबंधन कमेटी की बैठक करने का गाइड लाइन का भी पालन यहां नहीं होने से स्कूल में अराजक स्थिति बनी हुई है.

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