आम हो या खास टैक्स में राहत चाह रहे हैं लोग
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लोगों को बजट से काफी उम्मीद
आम हो या खास टैक्स में राहत चाह रहे हैं लोग व्यापारिक क्षेत्र में नयी घोषणा की लोगों में आस दुर्गापुर : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम बजट पेश करेंगी. वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुछ वक्त से धीमी पड़ी हुयी है. जिसके कारण विभिन्न क्षेत्रों […]
व्यापारिक क्षेत्र में नयी घोषणा की लोगों में आस
दुर्गापुर : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम बजट पेश करेंगी. वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुछ वक्त से धीमी पड़ी हुयी है. जिसके कारण विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को अगले वित्त वर्ष के आम बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. शनिवार को पेश होने वाले आम बजट पर सबकी निगाहें हैं.
इसे लेकर कारोबारियों से लेकर आम लोग तक अपनी राय जाहिर कर रहे हैं. इसमें आयकर में कटौती, जीएसटी की दरों में कमी, अधिक-से-अधिक रोजगार सृजित करने और जरूरी वस्तुओं के दाम में कटौती जैसे विचार छाए हुए हैं.
आने वाले बजट को लेकर अपने विचार प्रकट करते हुए शहर के विशिष्ट व्यवसायी राकेश भट्ट्ड़ ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती छायी है. लोगों को कर में राहत देने की जरूरत है. इसी प्रकार जीएसटी की कर दरों में भी सुधार लाने की आवश्यकता है. अधिकतम जीएसटी की दर 18 प्रतिशत ही रखी जाये. मध्यम वर्गीय व्यापारियों को सहूलियत देने की जरूरत है. ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े विनय बाजोरिया ने कहा कि बजट से आम आदमी हो या खास सभी को उम्मीद रहती है़. इन दिनों ऑटोमोबाइल क्षेत्र की परिस्थिति काफी खराब है.
इस क्षेत्र की स्थिति में सुधार के लिए स्पेशल पैकेज की जरूरत है. हमलोग सरकार से इस बजट में स्पेशल पैकेज की उम्मीद लगाए बैठे हैं. सरकार को इस क्षेत्र में सुधार के लिए जीएसटी रेट में कमी और रोड टैक्स में कमी करने की जरूरत है. जिससे इस क्षेत्र में फिर एक बार बूम देखी जाये. वहीं उन्होंने प्रोप्राइटरशिप और पार्टनरशिप कंपनी के लिए इन्कम टैक्स में कमी के पक्ष में बात कहीं.
उनका मानना है की सरकार को प्रोप्राइटरशिप और पार्टनरशिप कंपनी के लिए टैक्स की दर 22 प्रतिशत करने की जरूरत है. जिससे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी. बैंक अधिकारी जयंत वर्मा का कहना है कि आम बजट से नौकरी पेशा लोगों को काफी उम्मीदें हैं. सरकार को इस बार टैक्स स्लैब बढ़ाना चाहिए. वहीं उन्होंने टैक्स का दायरा भी बढ़ाने की बात कहीं.
टैक्स का दायरा बढ्ने से सरकार को सहूलियत होगी. जीएसटी की दरों में बदलाव की जरूरत है. कई सामानों की कीमत बढ़ गयी है. नौकरी पेशा वाले लोगों के पास पैसा बच नहीं पा रहा है. टैक्स स्लैब में बदलाव करना अत्यंत जरूरी हो गया है. कई लोग इस उम्मीद में हैं कि सरकार इस बार कुछ बदलाव करेगी, ताकि मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिले.
निर्माण व्यापार से जुड़े विजय अग्रवाल ने रोजगार के सृजन के लिए कदम उठाने, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने एवं व्यापार क्षेत्र को गति देने वाली नीतियां बनाने की अपील की. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती, आयकर दरों में कटौती की भी जरूरत पर उन्होंने ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि मार्केट में फंड की काफी कमी है.
मार्केट में सुधार की जरूरत है. रियल इस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए. इसी तरह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों की भी घोषणा करनी चाहिए. समाजसेवी कामकाजी महिला राधा भट्ट्ड़ का कहना है कि आने वाले बजट से सभी को काफी उम्मीद है. लोग सरकर की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं.
घरेलू और कामकाजी महिलाओं को बजट से काफी उम्मीदें है़ं. सरकार महिलाओं के हित को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करे. महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. महिलाएं स्वावलंबी बन सकें इस पर विशेष फोकस करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार से टैक्स के स्लैब में बदलाव की अपेक्षा है. वहीं ज्वेलरी के मामले में भी सरकार से महिलाओं के हित कुछ फैसले की उम्मीद है.
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