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सरकारी नियमों का उल्लंघन कर पिछले एक साल में नहीं हुई एससी की बैठक

सरकारी नियमानुसार प्रत्येक तीन माह में एक बार करनी है एससी की बैठक. श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर में चल रही है अराजक स्थिति, देखने वाला कोई नहीं. वर्षों से यहां नहीं हुई गार्जियन्स मीटिंग, छात्रों एक भविष्य दांव पर बराकर : श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर में सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए पिछले एक वर्ष […]

सरकारी नियमानुसार प्रत्येक तीन माह में एक बार करनी है एससी की बैठक.

श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर में चल रही है अराजक स्थिति, देखने वाला कोई नहीं.
वर्षों से यहां नहीं हुई गार्जियन्स मीटिंग, छात्रों एक भविष्य दांव पर
बराकर : श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर में सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए पिछले एक वर्ष से यहां स्टाफ काउंसिल (एससी) की एक भी बैठक नहीं हुई. नियमानुसार प्रत्येक तीन माह में एससी की बैठक करने का प्रावधान है. इस बैठक में स्कूल की समस्यायों पर चर्चा के बाद उसपर अहम निर्णय लिया जाता है.
निर्णय को प्रबंधन समिति के पास भेज दिया जाता है. प्रबंधन समिति उस निर्णय को बैठक में पेश कर उसपर आगे की रणनीति तैयार करती है. शिक्षकों की कमी से परेशान इस विद्यालय में अनुशासन और शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. स्कूल प्रबंधन अपनी खामियों को छुपाने के लिए गर्जियन्स मीटिंग का आयोजन तक नहीं कर रहा है. जिसका सीधा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.
सनद रहे कि वर्ष 1941 में स्थापित जिले के सबसे प्राचीन विद्यालयों में से एक श्री मारवाड़ी विद्यालय के हिंन्दी माध्यम में शिक्षकों की भारी कमी से छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है. यहां कक्षा पांच से 12 तक की पढ़ाई होती है. उच्च माध्यमिक और माध्यमिक में सात विषयों के शिक्षक यहां नहीं हैं. कक्षा दस तक औसत चार क्लास और उच्च माध्यमिक में औसत तीन क्लास ही प्रतिदिन होता है. छात्र हर समय स्कूल परिसर में टहलते रहते हैं.
जिस छात्र को जब मन किया तब घर वापस लौट जाता है. इन सभी मुद्दों पर अंकुश लगाने और स्कूल के विकास को लेकर गर्जियन्स मीटिंग और स्टाफ काउंसिल की बैठक नियमित करने का प्रावधान है. यह मीटिंग यहां नहीं होने से समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. शिक्षकों ने कहा कि स्कूल में अराजक स्थिति बनी हुई है. कोई देखने वाला नहीं है.

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