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काजी नजरूल विश्वविद्यालय में शुरू हुआ इंटिग्रेटेड एमफील, पीएचडी पाठ्यक्रम

राज्य का पहला विश्वविद्यालय बना काजी नजरूल इस पाठ्यक्रम के लिए फिलहाल छह सीटों पर होगा दाखिला प्रवेश परीक्षा का परिणाम 10 दिसंबर को आसनसोल : काजी नजरूल यूनिवर्सिटी राज्य का पहला यूनिवर्सिटी बना जहां विद्यार्थी अंग्रेजी विभाग में इंटिग्रेटेड एमफील एवं पीएचडी का अध्यन कर सकेंगे. सत्र 2019-20 से अंग्रेजी विभाग में छह सीटों […]

राज्य का पहला विश्वविद्यालय बना काजी नजरूल

इस पाठ्यक्रम के लिए फिलहाल छह सीटों पर होगा दाखिला
प्रवेश परीक्षा का परिणाम 10 दिसंबर को
आसनसोल : काजी नजरूल यूनिवर्सिटी राज्य का पहला यूनिवर्सिटी बना जहां विद्यार्थी अंग्रेजी विभाग में इंटिग्रेटेड एमफील एवं पीएचडी का अध्यन कर सकेंगे. सत्र 2019-20 से अंग्रेजी विभाग में छह सीटों के लिए इंटिग्रेटेड एमफील एवं पीएचडी पाठ्यक्रम आरंभ किया गया. पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया था.
विभाग द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा का परिणाम दस दिसंबर तक प्रकाशित किये जायेंगे. दाखिला संबंधी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद दिसंबर माह के तृतीय सप्ताह तक इंटिग्रेटेड एमफील एवं पीएचडी पाठयक्रम की कक्षाएं आरंभ कर दी जायेंगी.
काजी नजरूल यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष सह अनुसंधान सेल के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. सजल कुमार भट्टाचार्य ने इसे यूनिवर्सिटी के लिए बहुत बडी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि राज्य का प्रथम यूनिवर्सिटी है जहां सीबीसीएस पाठयक्रम लागू किया गया. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी स्तर से इस पाठयक्रम के आरंभ किये जाने के लिए विगत एक वर्ष से तैयारियां चल रही थीं.
इस पाठ्यक्रम के आरंभ किये जाने से आने वाले समय में इंटिग्रेटेड एमफील एवं पीएचडी पाठ्यक्रम में बडी संख्या में आवेदन मिलने की संभावना जतायी. अंग्रेजी विभाग पहला विभाग था जहां सबसे पहले पीएचडी पाठ्यक्रम आरंभ किया गया. साल 2016 से एमफील और पीएचडी पाठयक्रम आरंभ किये गये. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 14 विभागों में पीएचडी पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है.
डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि दो वर्षीय एमफील पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए जांच परीक्षा उत्तीर्ण करना पडता था. एमफील परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को पीएचडी के लिए कोर्स वर्क और यूजीसी की नेट परीक्षा को उत्तीर्ण करना पडता था. इसके बाद ही पीएचडी अध्ययन का मार्ग खुलता था.
लेकिन इंटिग्रेटेड एमफील एवं पीएचडी पाठ्यक्रम आरंभ किये जाने से छात्रों को एमफील और पीएचडी दाखिले के लिए अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होने कि प्रक्रिया से नहीं गुजरना पडेगा. इंटिग्रेटेड एमफील एवं पीएचडी में दाखिला लेने वाले छात्र दोनों पाठ्यक्रम एक साथ पूरा कर पायेंगे. छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ यूनिवर्सिटी द्वारा लगातार रोजगारमुखी एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों का अध्यन आरंभ किया जा रहा है.

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