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विश्वभारती के दीक्षांत समारोह में नहीं मिलेगा ” सर्वोच्च सम्मान ”

पानागढ़ : विश्वभारती शांतिनिकेतन में आगामी 11 नवंबर को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह की युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां पहुंच रहे हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद श्री कोविंद पहली बार विश्वभारती शांतिनिकेतन पहुंच रहे हैं. इसे लेकर विश्वभारती प्रबंधन की ओर […]

पानागढ़ : विश्वभारती शांतिनिकेतन में आगामी 11 नवंबर को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह की युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां पहुंच रहे हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद श्री कोविंद पहली बार विश्वभारती शांतिनिकेतन पहुंच रहे हैं. इसे लेकर विश्वभारती प्रबंधन की ओर से कार्यक्रमों की रूपरेखा की तैयारी भी अंतिम चरण में है.

जानकारी के अनुसार, इस बार दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं तथा गवेषकों को मिलने वाले ‘सर्वोच्च सम्मान’ समारोह कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. इससे छात्र-छात्राओं तथा विश्वभारती के अन्य लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. विश्वभारती प्रबंधन की ओर से उठाये गये इस कदम को लेकर मामला तूल पकड़ने लगा है. दीक्षांत समारोह में मुख्य रूप से सर्वोच्च सम्मान के रूप में देशीकोत्तम, अवन गगन तथा रवींद्र सम्मान को रद्द कर दिया गया है.
विश्वभारती परिसर में रहने वाले आश्रमिकों का आरोप है कि इस वर्ष भी देशीकोत्तम सम्मान समेत अवन गगन तथा रवींद्र सम्मान को कार्यक्रम सूची से विश्वभारती प्रबंधन ने हटा दिया है. उनका आरोप है कि भाजपा का कोई बड़ा चेहरा इस सम्मान के लायक नहीं मिलने पर ही विश्वभारती प्रबंधन ने यह कदम उठाया है. इस वर्ष भी देशीकोत्तम सम्मान नहीं दिया जा रहा.
बताया जाता है कि उद्योग के क्षेत्र में मिलने वाला सम्मान अवन गगन तथा परिवेश व विज्ञान के क्षेत्र में मिलने वाला रविंद्र सम्मान भीं नही दिया जायेगा. बताया जाता है कि गत वर्ष भी विश्वभारती प्रबंधन की ओर से उक्त दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम के दौरान सम्मान हेतु कई लोगों के नाम की तालिका प्रधानमंत्री के पास भेजी गई थी.
लेकिन उक्त तालिका में भाजपा का कोई चेहरा नहीं था. भाजपा विरोधी चेहरा होने के कारण ही उक्त सम्मान को रद्द कर दिया गया था. इस वर्ष भी विश्व भारती द्वारा सम्मान को रद्द करने के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा है. आश्रमिक सुबोध मित्र का आरोप है कि इस वर्ष भी भाजपा या उसके समकक्ष समर्थित कोई चेहरा नहीं होने के कारण विश्वभारती प्रबंधन की ओर से उक्त सम्मानों को रद्द कर दिया गया. यह चिंता का विषय है.
इस विश्व विख्यात विश्वविद्यालय में इस तरह की राजनीति का हस्तक्षेप शर्मसार करने वाली है. हम लोग इसका विरोध करते हैं. विश्व भारती कर्मी परिषद के सचिव किशोर भट्टाचार्य ने कहा कि यह फैसला कर्मी समिति अथवा विश्व भारती प्रबंधन पर निर्भर करता है. बताया जाता है कि इस वर्ष भी दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में केवल स्नातक तथा स्नातकोत्तर के साढ़े चार हजार छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र सौंपा जाएगा.

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