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नागराकाटा : हाथी के हमले में महिला की मौत

नागराकाटा : हाथी के हमले में चाय बागान की एक महिला की मौत हो गयी. यह घटना नागराकाटा के संरक्षित वनांचल में घटी है. उधर, बानरहाट थानांतर्गत न्यू डुवार्स चाय बागान में हाथियों का एक झुंड पिछले चार पांच रोज से जमा हुआ है. शनिवार को झुंड ने ऊधम मचाते हुए बागान के ईको-पार्क के […]

नागराकाटा : हाथी के हमले में चाय बागान की एक महिला की मौत हो गयी. यह घटना नागराकाटा के संरक्षित वनांचल में घटी है. उधर, बानरहाट थानांतर्गत न्यू डुवार्स चाय बागान में हाथियों का एक झुंड पिछले चार पांच रोज से जमा हुआ है. शनिवार को झुंड ने ऊधम मचाते हुए बागान के ईको-पार्क के चाय के पौधों को नष्ट कर दिया है. हाथियों के चलते श्रमिक काम भी नहीं कर सके.
वन विभाग के सूत्र के अनुसार नागराकाटा जंगल के उदलाबाड़ी कंपार्टमेंट से मृत महिला सुमित्रा गौड़ (40) का शव बरामद किया गया. वह नागराकाटा चाय बागान के रतन लाइन की निवासी थी. जानकारी अनुसार सुमित्रा कई अन्य महिलाओं के साथ जंगल में जलावन संग्रह के लिये गये थे. उसी समय हाथी ने आकर उन सबों का पीछा किया.
मौके पर पाकर महिला को कुचल दिया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. दूसरी महिलाओं ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचायी. इस बारे में चालसा रेंज के रेंजर पल्लव मुखर्जी ने बताया कि मौत की घटना दुखद है. लेकिन चूंकि यह घटना संरक्षित जंगल के भीतर हुई है इसलिये परिवार को क्षतिपूर्ति नहीं मिलेगी.
उधर, 7-8 हाथियों का जो झुंड पिछले कई रोज से बंद सुरेंद्रनगर, आमबाड़ी, डायना, कर्बला जैसे चाय बागानों में चहलकदमी कर रहा था वह शनिवार को न्यू डुवार्स चाय बागान में घुस आया. रात भर चहलकदमी करने के बाद हाथियों ने बागान के करीब पांच से छह सौ चाय के नन्हें पौधों को नष्ट कर दिया.
उस रोज झुंड जंगल नहीं लौटा और हाथियों ने न्यू डुवार्स के एक ईको-फॉरेस्ट में शरण ली. बागान के चार हेक्टेयर खाली जमीन में साल, जारुल और काले शिरीष के पेड़ लगाये गये थे. इसी ईको-फॉरेस्ट के चारों ओर न्यू डुवार्स चाय बागान अवस्थित है. हाथियों के चलते ईको-फॉरेस्ट में काम नहीं हो सका.
चाय बागान के श्रमिक कल्याण अधिकारी सुरजीत पाल ने बताया कि हाथियों के चलते शनिवार को काम नहीं हो सका. इसके पूर्व सिंचाई के पाइप को हाथियों ने नष्ट किया था. बीती रात हाथियों ने बागान के जलाशय से पानी भी पीया है. उधर, वन विभाग की वाइल्ड लाइफ की मानद वार्डेन सीमा चौधरी ने बताया कि शाम को झुंड वहां से हटने लगा था. उन पर नजर रखी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व झुंड ने रेड बैंक और सुरेंद्रनगर चाय बागानों में भी हमले किये हैं. रेड बैंक के सालबनी डिवीजन में यह झुंड चार पांच रोज से डेरा जमाये हुए है. उन्हें खबर लिखे जाने तक जंगल भेजा नहीं जा सका है. हालांकि नये किसी हमले की खबर नहीं है. मगर दहशत बनी हुई है.

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