9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

और अब बनेगी पुरुषों की पार्टी

कोलकाता : गरीब, मजदूर, हिंदू, मुसलमान, सिख, दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय, मराठी व आम आदमी आदि के नाम पर देश में राजनीतिक दलों का गठन तो बहुत हो चुका है, पर अब जल्द ही भारत में केवल पुरुषों के लिए एक राजनीतिक दल का गठन होनेवाला है. इसका मकसद कथित पक्षपातपूर्ण कानूनों व महिलाओं के […]

कोलकाता : गरीब, मजदूर, हिंदू, मुसलमान, सिख, दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय, मराठी व आम आदमी आदि के नाम पर देश में राजनीतिक दलों का गठन तो बहुत हो चुका है, पर अब जल्द ही भारत में केवल पुरुषों के लिए एक राजनीतिक दल का गठन होनेवाला है. इसका मकसद कथित पक्षपातपूर्ण कानूनों व महिलाओं के उत्पीड़न व शोषण से पुरुष वर्ग की रक्षा करना है.

पारिवारिक कानून पक्षपातपूर्ण

पुरुष के हितों के लिए काम कर रही स्वयंसेवी संस्था नेशनल कॉलिशन ऑफ मैन (एनसीएम) के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने बताया कि देश में जितने भी पारिवारिक कानून हैं, सभी पक्षपातपूर्ण हैं. सभी कानूनों में पुरुष वर्ग का पक्ष नहीं रखा गया है. श्री गुप्ता ने बताया कि देश में हर कोई केवल महिलाओं के उत्थान व विकास की बात करता है.

सबसे ज्यादा पुरुष शिकार

उन्होंने कहा कि हर किसी को पुरुष महिला पर अत्याचार करता दिखता है, पर हकीकत तो यह है कि महिलाओं के शोषण व उत्पीड़न का सबसे बड़ा शिकार मर्द है. घरेलू हिंसा के नाम पर पुरुष ही सबसे अधिक इसका शिकार हो रहे हैं. यही कारण है कि पुरुषों का जीवन तनाव में गुजरता है.

तनाव के कारण पुरुषों में आत्महत्या की दर महिलाओं से दोगुनी है. पिछले वर्ष भारत में 60 हजार से अधिक पुरुषों ने आत्महत्या की थी, जिसमें अधिकतर ने पारिवारिक कानून व महिलाओं के उत्पीड़न का शिकार हो कर यह कदम उठाया था.

महिलाओं पर उत्पीड़न के मामले ज्यादातर फरजी

उन्होंने दावा किया कि घरेलू हिंसा व महिलाओं पर उत्पीड़न के अधिकतर मामले नकली होते हैं. पिछले 60 वर्ष में किसी भी कानून में पुरुषों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है, न ही उनके विकास के लिए कोई योजना शुरू की गयी है. सब कुछ महिलाओं को दिया जा रहा है.

इसलिए हमारी मांग है कि सरकार पुरुष विकास का एक मंत्रालय गठित करे. पुरुष की आत्महत्या के मामले की जांच एवं दोषियों को सामने लाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाये. पक्षपातपूर्ण पारिवारिक कानून एवं महिलाओं द्वारा फंसाये गये पुरूषों का पुनर्वास किया जाये.

संगठन ने आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी दस सूत्री मांगों पर आधारित एक घोषणा पत्र तैयार किया है, जिसे लेकर वह देश के सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के पास जायेंगे. श्री गुप्ता ने बताया कि अगर राजनीतिक दलों ने हमारी मांगों को स्वीकार नहीं किया तो हम लोग स्वयं एक पुरुषवादी दल का गठन कर चुनाव में कूद पड़ेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें