कोलकाता: यौन उत्पीड़न मामले में फंसे पूर्व जस्टिस अशोक गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन पद से दिसंबर महीने में ही हटाया जायेगा. इस संबंध में गुरुवार को कानून मंत्रलय के विशेषज्ञों ने बैठक की. बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने जस्टिस गांगुली को उनके पद से हटाने की मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय कानून मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एटॉर्नी- जनरल जीई वाहनवाटी से भी उनके विचार देने को कहा गया था और उन्होंने भी कहा कि जस्टिस गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में कुछ सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर उनको हटाया जा सकता है.
इस संबंध में केंद्रीय कैबिनेट बहुत जल्द ही अपना फैसला सुनायेगी. वहीं, इस संबंध में वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जुडिसियल साइंसेज की प्रवक्ता रुचिरा गोस्वामी ने कहा कि संस्थान ने अपने मानद प्रोफेसर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एके गांगुली से खुद को ‘अलग’ कर लिया है. गांगुली पर एक विधि छात्र के यौन उत्पीड़न का आरोप है, जिसने उनके तहत एक इंटर्न के रूप में काम किया था. संस्थान की कार्यकारी परिषद अगले महीने इस बारे में निर्णय करेगी कि इस मामले में अन्य कार्रवाई क्या की जा सकती है.