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केंद्र, राज्यों को मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करना चाहिए : नरेंद्र मोदी

बर्नपुर, प. बंगाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि केंद्र और राज्यों को राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए ‘टीम इंडिया’ की तरह मिलकर काम करना चाहिए, जिस तरह उन्होंने भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते जैसे मुद्दों का हल निकालने में किया है. मोदी ने यहां आईआईएससीओ के आधुनिक इस्पात संयंत्र का उद्घाटन करने के […]

बर्नपुर, प. बंगाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि केंद्र और राज्यों को राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए ‘टीम इंडिया’ की तरह मिलकर काम करना चाहिए, जिस तरह उन्होंने भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते जैसे मुद्दों का हल निकालने में किया है.

मोदी ने यहां आईआईएससीओ के आधुनिक इस्पात संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘यदि दूसरे देशों के साथ ‘टीम इंडिया’ की भावना के माध्यम से मुद्दों को सुलझाया जा सकता है तो घरेलू मुद्दों का समाधान बहुत आसान होगा. ’’ मोदी ने कहा कि संसद ने भारत-बांग्लादेश के भूमि सीमा से जुडे समझौते से संबंधित विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया और इस मुद्दे का हल निकालने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने तथा पश्चिम बंगाल, असम, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा जैसे राज्यों ने केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.

भारत को आगे ले जाने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने का दृढसंकल्प जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से अतीत में राज्यों और केंद्र के बीच तनाव की स्थिति रही है. उन्होंने कहा कि वह भी कई साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं और समझते हैं कि राज्यों के प्रति केंद्र का रवैया कैसा होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संविधान ने हमें संघीय ढांचा दिया है. लेकिन दुर्भाग्य से केंद्र-राज्य संबंध हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं.’’ मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मिलकर टीम की तरह काम करेंगे और भारत को आगे ले जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘भारत पर केवल दिल्ली से शासन नहीं होगा. देश केवल दिल्ली के पिलर पर खडा नहीं होगा, बल्कि इसे 30 स्तंभों (यानी 30 राज्यों) का सहारा होगा.

उन्होंने नीति आयोग के गठन का उल्लेख किया जिसमें सभी राज्य साझेदार हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ टीम इंडिया केंद्र है और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं. यदि टीम इंडिया है तो हम राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को आसानी से सुलझा सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पूर्व में भारत का आर्थिक विकास बंगाल में हुई प्रगति से तय होता था.

राष्ट्र हित में बंगाल को विकास की सीढी पर चढना होगा.’’ मोदी ने कहा, ‘‘ निश्चित रुप से आने वाले दिनों में बंगाल फिर उठेगा और महत्वपूर्ण आर्थिक ताकत बनेगा.’’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘ यदि बंगाल और कोलकाता मजबूत नहीं बन सकते तो देश का कोई हिस्सा मजबूत नहीं बन सकता.’’ दूसरी हरित क्रांति का नेतृत्व पूर्वी राज्यों द्वारा किए जाने पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि इस विचार का मकसद पूर्वी क्षेत्र को देश के पश्चिमी हिस्से से मिलाना है.

उन्होंने कहा, ‘‘ यदि हम भारत को मजबूत बनाना चाहते हैं तो किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना होगा और यदि हम देश का पेट भरना चाहते हैं तो एक दूसरी हरित क्रांति यहां से शुरु की जा सकती है और आर्थिक स्थिति बदली जा सकती है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक संभावनाएं हैं क्योंकि ये उर्वरा जमीन हैं और यहां पानी भरपूर है. उन्होंने कहा, ‘‘ आप पश्चिमी भारत में व्यापक आर्थिक गतिविधियां देखते हैं लेकिन पूर्वी हिस्सा उपेक्षित रहा है. यदि भारत का एक हिस्सा बीमार है तो देश मजबूत नहीं बन सकता और हमारा प्रयास देश के इस हिस्से का विकास करना है.’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत पूर्वी क्षेत्र के कोयला संपदा वाले राज्यों को कोल ब्लाक नीलामी प्रक्रिया से फायदा होगा और खनन वाले इलाकों में रहने वाले आदिवासियों के कल्याण की आधारशिला रखी जाएगी.

इससे पूर्व, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘ यदि हम मिलकर काम करते हैं तो देश आगे बढता है. जब हम विभाजित होते हैं तो देश का नुकसान होता है. हम लोगों के बीच विभाजन नहीं चाहते. राजनीति भी होगी लेकिन विकास भी होगा.’’ ममता ने कहा, ‘‘ संघीय और केंद्रीय ढांचा रहेगा और हम संविधान के दायरे में रहते हुए मिलकर काम करेंगे.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के आधुनिकीकरण की प्रधानमंत्री से अपील करने के साथ ही कहा कि परियोजना के लिए 20 हजार करोड रुपये दिए जाएं जिसके लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है.

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