कोलकाता/मुंबई: बाजार नियामक संस्था सेबी की ओर से राज्य में कुकुरमुत्ते की फैले चिट फंड कंपनियों पर अंकुश लगाना जारी है. सारधा, रोज वैली के बाद अब सेबी ने कोलकाता वीर इंडस्ट्रीज, इसके प्रवर्तकों व निदेशकों को प्रतिभूति जारी कर धन जुटाने से रोक दी है. कंपनी पर लोगों से गलत तरीके से धन जुटाने का आरोप है.
क्या कहा सेबी ने
भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस बारे में सहारा मामले व उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि कोलकाता वीर इंडस्ट्रीज ने एक लाख से अधिक निवेशकों से जो 47.9 करोड़ रुपये जुटाये हैं, वे सार्वजनिक पेशकश के दायरे में आते हैं न कि निजी नियोजन के दायरे में.
सेबी ने 14 अगस्त को अपने आदेश में कहा है कि कोलकाता वीर इंडस्ट्रीज प्रथम दृष्टया आम लोगों से विमोचन योग्य तरजीही शेयरों की पेशकश के जरिये धन जुटाने की गतिविधियों में लगी है. यह पेशकश एक सार्वजनिक निर्गम है, जो 50 लोगों या अधिक को जारी किया जाता है.
मिली थी शिकायत
सेबी को कंपनी द्वारा अवैध रूप से धन जुटाने की शिकायत मिली थी. सेबी ने कहा : इस आदेश को कंपनी व इसके आला अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी माना जायेगा. इसका जवाब 15 दिन में देना होगा. कंपनी के जिन निदेशकों, प्रवर्तकों के खिलाफ आदेश जारी किये गये हैं, उनमें शाहजहां खान, शम्सुल आलम खान, राम कृष्ण मंडल, प्रवीर हालदार, रत्न कुमार, अजय कुमार श्रीवास्तव, सलीम लस्कर, लुकामन अंसारी, चंदन चौधरी, सहजमल खान व लक्ष्मीकांत गायेन शामिल हैं.