कोलकाता: लालकृष्ण आडवाणी व नरेंद्र मोदी के बीच किसी भी तरह के हितों के टकराव से इनकार करते हुए भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को दी गयी चुनौती का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को उनके प्रदर्शन पर सवाल खड़ा करने का अधिकार है, क्योंकि वह देश के प्रति जवाबदेह हैं.
श्री नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा : हितों का कोई टकराव नहीं है, क्योंकि आडवाणीजी ने किसी का भी नाम नहीं लिया है. मैंने उनके वक्तव्य को बेहद सावधानी से पढ़ा है. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के प्रति जवाबदेह हैं. वह विफल रहे हैं, इसलिए हमें उनसे सवाल करने का पूरा अधिकार है. लेकिन व्यक्तिगत आलोचना नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा : लेकिन हां, उनके प्रदर्शन की आलोचना की जा सकती है. प्रधानमंत्री देश के प्रति जवाबदेह हैं.
श्री नायडू की टिप्पणी स्वतंत्रता दिवस पर मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी के हमले की पृष्ठभूमि में आयी है. मोदी के बयान की परोक्ष तौर पर आडवाणी ने आलोचना की थी. आडवाणी के बयान का राजग के सहयोगी दल शिवसेना ने भी समर्थन किया था. आडवाणी ने गुरुवार को कहा था कि स्वतंत्रता दिवस जैसे मौके पर नेताओं को एक-दूसरे की आलोचना नहीं करनी चाहिए. गौरतलब है कि आडवाणी ने मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने पर आपत्ति जतायी थी.
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा नीत राजग मोदी के साथ पर्याप्त सहयोगी दल जुटाने में सक्षम होगी, तो नायडू ने कहा : गंठबंधन और तालमेल व्यक्ति के आधार पर नहीं बनाया जाता, बल्कि एजेंडा के आधार पर बनाया जाता है.
जदयू नये मित्रों की तलाश में : नायडू
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा है कि जदयू नये साथियों की तलाश में है. महानगर पहुंचे श्री नायडू से संवाददाताओं ने जब उनसे जदयू नेताओं द्वारा की गयी टिप्पणियों के संबंध में पूछा, तो उनका कहना था कि जदयू नये साथी तलाश कर रहा है. इसके लिए उसे शुभकामनाएं हैं. वह मुसलिम लीग, मजलिस पार्टी सरीखे दलों के साथ दोस्ती करने की कोशिश कर रहा है. जदयू के झूठे आरोपों से कुछ भी नहीं होनेवाला है. दाजिर्लिंग के मुद्दे पर श्री नायडू ने कहा कि गोरखालैंड मुद्दे का संतोषजनक समाधान निकाला जाना चाहिए. यह समाधान सरकार को ही निकालना होगा.