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महारानी से की लंदन जाने में सहायता की अपील

कोलकाता: ब्रिटेन के अगले वारिस प्रिंस जॉर्ज के जन्म की घोषणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शाही सेवक बदर अजीम ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से उसे इंगलैंड वापस लौटने में सहायता करने की अपील की है. प्रिंस जॉर्ज के जन्म के एलान के कारण दुनिया भर में सुर्खियों में आये बदर को उसके वीजा […]

कोलकाता: ब्रिटेन के अगले वारिस प्रिंस जॉर्ज के जन्म की घोषणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शाही सेवक बदर अजीम ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से उसे इंगलैंड वापस लौटने में सहायता करने की अपील की है. प्रिंस जॉर्ज के जन्म के एलान के कारण दुनिया भर में सुर्खियों में आये बदर को उसके वीजा की मियाद खत्म हो जाने के बाद बकिंघम पैलेस की नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. नौकरी चली जाने के बाद पिछले दिनों कोलकाता के फूलबागान स्थित अपने घर वापस लौटे बदर अजीम एक बार फिर से उस नौकरी को हासिल करने की उम्मीद लगाये बैठे हैं.

बदर का कहना है कि अगर उसे यह मौका दोबारा मिलता है तो बेहद खुशी के साथ वह इसे स्वीकार करेगा. बदर को उम्मीद है कि इंगलैंड का शाही परिवार उसके इस आवेदन का समर्थन करेगा. बदर ने बताया कि उसने वहां दो वर्ष तक नौकरी की है और उसे अपनी नौकरी दोबारा मिलने का भरोसा है.

बदर का कहना है कि उसने अपना काम काफी अच्छी तरह से किया है. शाही परिवार उनके काम से खुश है. इसीलिए उसे उम्मीद है कि शाही परिवार उसकी मदद करेगा. बदर लंदन जाने के लिए टीयर 2 वीजा के लिए आवेदन करने की तैयारी कर रहा है. पर यह प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल हो सकती है, क्योंकि इस वीजा के लिए क्वालिफाइ करने के वास्ते बदर को कम से कम 24300 पाउंड की नौकरी की जरूरत पड़ेगी, जबकि बकिंघम पैलेस में उसे लगभग 10000 पाउंड ही मिलता था.

वेल्डर पिता का बेटा बदर ने महारानी के लंदन स्थित आधिकारिक निवास स्थल बकिंघम पैलेस में यूं तो 18 महीने तक काम किया, पर पिछले सप्ताह प्रिंस जॉर्ज के जन्म की घोषणा के मात्र 15 मिनट ने उसे दुनिया भर में मशहूर कर दिया है. इंगलैंड के भविष्य के महाराज के जन्म की खबर फैलने के बाद काले लंबे कोट एवं लाल वास्केट में सजे भारतीय मूल के शाही सेवक ने महारानी के प्रेस सचिव ऐलसा एंडरसन की ऐतिहासिक चित्रफलक में प्रिंस जॉर्ज का आधिकारिक जन्म नोटिस लगाने में सहायता की थी. उस लम्हे को याद करते हुए बदर ने कहा कि उसने इस अप्रत्याशित घटना के बारे में कुछ भी नहीं सोचा था, पर आज उस पल को महसूस कर बेहद अच्छा लगता है. बेशक वह उनके एक गर्व का क्षण है. ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं धन्य हो गया हूं. बदर इडिनबर्ग के नेपियर यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए इंगलैंड गया था. जून 2011 में उसने स्नातक की डिग्री हासिल की थी. तब से वह वहां छात्र वीजा पर था. फरवरी 2012 में उसे बकिंघम पैलेस में शाही सेवक की नौकरी मिली थी. कहा जाता है कि उसके सहयोगी भी उसे काफी पसंद करते थे.

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