- फुसरो और लंका गांव में आसनसोल व बोकारो पुलिस ने ग्रामीणों से की पूछताछ
- अपराधियों को लेकर पुलिस को नहीं मिला कोई ठोस सुराग
- चंदनकियारी में हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधी बांग्ला भाषा में कर रहे थे बात, पुलिस के लिए परेशानी बढ़ी
- गणपति ज्वेलर्स लूटकांड को अंजाम देने वाले हिंदी में कर रहे थे बात, कॉल डंप पर पुलिस की जांच हुई केंद्रित
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गणपति ज्वेलर्स लूटकांड : लूट के 72 घंटे बाद भी पुलिस अंधेरे में
आसनसोल : आसनसोल में गणपति ज्वेलर्स लूटकांड और बोकारो (झारखंड) के चंदनकियारी थाना क्षेत्र में हत्याकांड को अंजाम देकर फरार अपराधियों को लेकर शनिवार तक पुलिस अंधेरे में हैं. पुलिस आयुक्त सुकेश कुमार जैन ने कहा कि पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. बोकारो के पुलिस अधीक्षक पी मुरुगन ने […]
आसनसोल : आसनसोल में गणपति ज्वेलर्स लूटकांड और बोकारो (झारखंड) के चंदनकियारी थाना क्षेत्र में हत्याकांड को अंजाम देकर फरार अपराधियों को लेकर शनिवार तक पुलिस अंधेरे में हैं. पुलिस आयुक्त सुकेश कुमार जैन ने कहा कि पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रयास कर रही है.
बोकारो के पुलिस अधीक्षक पी मुरुगन ने बताया कि हत्याकांड मामले में चंदनकियारी थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ कांड संख्या 32/2020 में आईपीसी की धारा 302/307/34 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
दोनों राज्यों की पुलिस संयुक्त रूप से अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर कार्य कर रही है. अपराधी जल्द पकड़े जाएंगे. शनिवार को चंदनकियारी थाना में कमिश्नरेट पुलिस के निरीक्षक देवज्योति साहा ने पुलिस अधीक्षक श्री मुरुगन के साथ बैठक कर अपराधियों की गिरफ्तारी की रणनीति पर बात की.
चंदनकियारी थाना के बरमसिया पुलिस आऊट पोस्ट अंतर्गत लंका और फुसरों गांव के दर्जनों लोगों से दोनों राज्यों के पुलिस आधिकरियों ने अपराधियों के सुराग जानने के लिए पूछताछ की. इनकी जानकारी पाने के लिए दोनों ही राज्यों में तकनीकी प्रक्रिया कॉल डंप का सहारा लिया जा रहा है. इससे अपराधियों द्वारा उपयोग किये जा रहे मोबाइल फोन नम्बर की पहचान हो सकती है. जिससे इन्हें पकड़ने में काफी मदद होगी.
अपराधियों की पहचान को लेकर पुलिस अंधेरे में
आसनसोल में नगदी सहित ढ़ाई करोड़ रुपये मूल्य के सोना और हीरा लूटकांड और बोकारो के चंदनकियारी थाना क्षेत्र में हत्याकांड के आरोपी को लेकर पुलिस शनिवार तक अंधेरे में है. अपराधियों की सही पहचान नहीं मिल अभी तक नहीं मिल पाई है. पुलिस दोनों ही जगह घटनास्थल पर कॉल डंप की प्रक्रिया अपना रही है. इसमें घटना के दौरान उस क्षेत्र में जितने भी मोबाइल फोन का उपयोग हुआ है.
सभी का नम्बर आ जायेगा. दोनों जगहों के नम्बरों को मिलाकर देखा जाएगा. यदि कुछ नंबर को उपयोग दोनों ही जगह पर हुआ है तो पुलिस को जांच में काफी आसानी हो जाएगी. यदि नम्बर नहीं मिलता है तो पुलिस की परेशानी बढ़ सकती है. मोबाइल फोन नम्बर मिल जाने से पुलिस को उनकी गिरफ्तरी में आसानी होगी.
हत्याकांड को अंजाम देने वाले बांग्ला भाषा में बात कर रहे थे
चंदनकियारी थाना क्षेत्र में गुरुवार को हुई बासुदेव महतो हत्याकांड में उसके भाई चंद्रकांत महतो जिसे खुद दो गोली लगी है उसके शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में लिखा गया कि गुरुवार शाम छह बजे वह और उसका भाई बासुदेव भिलाईडीह मोड़ से हटियाडूबा आ रहे थे. यहां उनका नया मकान बन रहा है, जिसे देखने आ रहे थे. यहां आकर देखा कि घर के सामने पक्की सड़क पर सफेद रंग का स्कॉर्पियों खड़ी है. घर के पीछे कुछ लोग आग जलाकर ताप रहे हैं.
वे लोग छह की संख्या में थे. उन्हें आकर पूछा गया कि यहां क्या कर रहे हैं? उनलोगों ने कहा कि ठंड है आग जलाकर ताप रहे है. उसमें से एक ने दो सौ रुपया निकालकर दिया और कहा जाकर खाओ पियो, हमलोग को आग तापने दो. मना करने पर भी जब वे नहीं माने तब बासुदेव को कहा कि जाकर उनका गाड़ी का नम्बर नोट करो.
बासुदेव मोबाइल फोन का टार्च जलाकर गाड़ी के पास पहुंचते ही, आग ताप रहे छह में से एक जिसने पैसे की पेशकश की थी वह उसके पीछे गया और उसे गोली मार दी. यह देख मैं वहां पड़े साबल लेकर दौड़ा तब तक आग ताप रहे पांच लोग भी मेरे पीछे दौड़े. बासुदेव को जिसने गोली चलाई उसने मुझे दो गोली मारी. सभी लोग गाड़ी पर चढ़ गए.
इतने में काम से लौट रहा गांव का ही बिंदेश्वर महतो हमलोंगों को जमीन पर पड़ा देख साइकिल रोक तो उसे भी गोली मारकर अपराधी भिलाईडीह मोड़ के तरफ निकल गए. स्थानीय लोग और पुलिस आकर उन्हें चंदनकियारी सरकारी अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने बासुदेव को मृत घोषित किया और हमें बोकारो जनरल अस्पताल में भेज दिया.
चंद्रकांत ने अपने शिकायत में लिखा कि सारे लोग 25 से 35 वर्ष उम्र के थे और बंगला भाषा में बात कर रहे थे. चंदनकियारी थाना पुलिस को आग जलाने की जगह से कुछ गहनों के जले हुए डिब्बे मिले है. जिसपर गणपति ज्वेलर्स का टैग लगा हुआ है. जिसकी सूचना मिलते ही कमिश्नरेट पुलिस जांच के लिए पहुंची है और दोनों कांड में एक ही गिरोह के होने की संभावना लेकर जांच को आगे बढ़ाई जा रही है.
पुलिस के लिए परेशानी बढ़ी
चंदनकियारी में हुए हत्याकांड में अपराधी एक दूसरे के साथ बंगला भाषा में बात कर रहे थे और गणपति ज्वेलर्स लूट कांड के आरोपी हिंदी में बात कर रहे थे. हत्याकांड की जगह से गणपति ज्वेलर्स के गहने के डिब्बे का टैग मिलने से यह साफ है कि अपराधी का लिंक लूटकांड से है.
लेकिन दोनों कांड एक ही अपराधी द्वारा दिये जाने को लेकर पुलिस थोड़ी चिंता में पड़ गयी है. इस संभावना पर भी जांच की जा रही है कि लूटकांड को एक गिरोह ने अंजाम देकर समान किसी दूसरे गिरोह को सौंप दिया हो. इसे लेकर दोनों जगहों पर कॉल डंप की प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
शातिर अपराधी कांड के दौरान फोन का उपयोग नहीं करते
किसी भी अपराध के बाद अपराधियों को पकड़ने में उनके मोबाइल फोन सबसे आसान सुराग होता है. मोबाइल फोन नम्बर की जांच कर पुलिस उन्हें आसानी से पकड़ लेती है. हाल के दिनों में जितने भी शातिर अपराधी किसी भी कांड को अंजाम दिया उस दौरान वे मोबाइल फोन का उपयोग नहीं किया है. अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए फिलहाल कॉल डंप प्रक्रिया पुलिस के बड़ी हथियार है.
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