छह दिन की ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी को लेकर कुल्लू रवाना.
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दस लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में एचपी पुलिस ने आसनसोल से अभिषेक को किया गिरफ्तार
छह दिन की ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी को लेकर कुल्लू रवाना. कमिश्नरेट क्षेत्र में तीन मामलों में आरोपी को मिली थी जमानत. साइबर थाना के एक मामले में आठ जनवरी को जमानत पर हुआ था रिहा, एक दिन बाद ही पकड़ा गया. पूरे देश में फैला हुआ है इनका नेटवर्क, ठगी का पैसा देश के […]
कमिश्नरेट क्षेत्र में तीन मामलों में आरोपी को मिली थी जमानत.
साइबर थाना के एक मामले में आठ जनवरी को जमानत पर हुआ था रिहा, एक दिन बाद ही पकड़ा गया.
पूरे देश में फैला हुआ है इनका नेटवर्क, ठगी का पैसा देश के कोने-कोने में पहुंचा.
ठगी के मामले में आसनसोल से अभिषेक पांचवा आरोपी जिसे ले गयी कुल्लू पुलिस.
अपराधियों को पकड़ने के लिए कुल्लू के पुलिस अधीक्षक ने गठित की विशेष जांच टीम.
आसनसोल : हिमाचल प्रदेश (एचपी) पुलिस ने कुल्लू जिला के निरमंड थाना में 25 अगस्त 2019 को दर्ज कांड संख्या 68/2019 ऑनलाइन 10 लाख रुपये ठगी के मामले में आसनसोल साऊथ थाना क्षेत्र अंतर्गत सिटी बस स्टैंड के पास से शुक्रवार रात को आरोपी अभिषेक कुमार सिंह (25) को गिरफ्तार किया. उसने ठगी की राशि से खरीदे गए चार लाख 97 हजार रुपये के गिफ्ट बाउचर से कुल 29 मोबाइल फोन खरीदकर कोलकाता सहित विभिन्न इलाकों में बेचा है. आरोपी कोलकाता में फ्लैट किराए पर लेकर रहता है. उसका पैतृक आवास जौनपुर जिला (उत्तर प्रदेश) के जफराबाद थाना अंतर्गत हाऊज चभानी गांव है.
कमिश्नरेट की साइबर क्राइम थाना ने कांड संख्या 12/2019 में आईपीसी की धारा 419 और 420 में उसे आठ जनवरी को जमानत मिली थी. दुर्गापुर थाना कांड संख्या 205/19 में आईपीसी की धारा 419 और 420 तथा आसनसोल नॉर्थ थाना में कांड संख्या 322/19 में आईपीसी की धारा 420,406,360,367,368,471 में भी उसे जमानत मिली हुई है. बुधवार को जमानत पर रिहा होने के एक दिन बाद ही शुक्रवार को एचपी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
शनिवार को उसे आसनसोल अदालत के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकरी (सीजेएम) प्रभारी सातवें न्यायिक दण्डाधिकरी प्रान्तिक बोस के समक्ष पेश किया. आरोपी ने गिफ्ट बाउचर की खरीदारी कहां से की, उसके सहयोगी कौन है? इसकी जानकरी प्राप्त करने के उद्देश्य से उसे कुल्लू ले जाने के लिए छह दिन की ट्रांजिट रिमांड की अपील की. अदालत ने अपील मंजूर किया. जिसके उपरांत एचएम पुलिस उसे लेकर कुल्लू के लिए रवाना हो गयी.
क्या है मामला?
कुल्लू जिला के निरमंड थाना अंतर्गत अवेरा गांव के निवासी कुम्भ दास विमल ने अपनी शिकायत में लिखा कि 25 अगस्त 2019 को मोबाइल फोन नम्बर 6206524238 से उनके मोबाइल फोन पर कॉल आया. उनका आईसीआईसीआई बैंक में अकाउंट है.
उस अकाउंट का एटीएम ब्लॉक होने का झांसा देकर उनसे बात की और ओटीपी नम्बर उनसे ले लिया. 25 अगस्त को ही कुल 28 ट्रांजक्शन में उनके अकाउंट से 10 लाख रुपये निकल गया. तत्काल उन्होंने इसकी शिकायत निरमंड थाने में दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज हुआ और पुलिस जांच में जुट गई.
कैसे हुई आरोपी की गिरफ्तारी
इस कांड में पुलिस ने जिस मोबाइल फोन से पीड़ित के मोबाइल फोन पर फोन आया था, उस नम्बर का सीडीआर निकाला. सीडीआर के आधार पर पता चला कि यह नम्बर झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत मधुबनी निवासी प्रकाश कुमार दास का है. एचपी पुलिस प्रकाश के पास पहुंचने पर पता चला कि यह नम्बर उनका साला सोहित रविदास उपयोग कर रहा है. पुलिस ने सोहित को गिरफ्तार किया. इस नम्बर का उपयोग अलग-अलग कुल नौ मोबाइल फोन में किया गया था.
पीड़ित के अकाउंट से जो दस लाख रुपये एक दिन में निकला वह पैसा 19 किस्तों में पेटीएम में, आठ किस्तों में सिट्रस में और एक क़िस्त में टेक्प्रोस इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट में ट्रांसफर हुआ. पेटीएम में 19 किस्त में 4,97,000 रुपया जो ट्रांसफर हुआ. उस पैसे से 21 गिफ्ट बाउचर खरीदा गया. इस गिफ्ट बाउचर से आरोपी अभिषेक ने पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में स्थित अनेकों बिग बाजार से कुल 29 मोबाइल फोन की खरीदारी की. एचपी पुलिस सभी बिग बाजरों में जाकर जांच की तब आरोपी अभिषेक की जानकारी उन्हें मिली. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.
कैसे दिया कांड को अंजाम?
एचपी पुलिस का मानना है कि आरोपी अभिषेक कांड का मास्टरमाइंड है. इस कांड को अंजाम देने के लिए उसने अनेकों लड़कों का उपयोग किया है. किसी ने फोन करके ओटीपी लिया. ओटीपी लेने के दौरान ही अपने असामी से मोबाइल फोन पर नोटिफिकेशन कैप्चर, स्क्रीन रिकॉर्डर प्रोग्राम इंस्टॉल करवाते हैं.
जिससे उस व्यक्ति के मोबाइल फोन पर आने वाले हर नोटिफिकेशन की सूचना उन्हें मिलती रहती है. 28 किस्तों में पैसा निकला था. हर क़िस्त के लिए ओटीपी वे अपने मोबाइल पर ही एप के जरिये देख रहे थे. तीन लोग एक साथ पैसा ट्रांसफर के कार्य को अंजाम दे रहे थे. जिससे पैसा तीन अलग-अलग वॉलेट में भेजा गया.
अभिषेक सस्ते में गिफ्ट बाउचर खरीदा
आरोपी अभिषेक की गिरफ्तारी के बाद प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह इस प्रकार के ठगी के पैसे से जो गिफ्ट बाउचर खरीदे जाते हैं. वह इन गिफ्ट बाउचरों को सस्ते में खरीदकर उससे विभिन्न प्रकार के सामानों की खरीदारी कर बाजार में बेचता था. इससे उसकी अच्छी आय होती थी.
इलेक्ट्रॉनिक्स समान से लेकर राशन का समान भी वह गिफ्ट बाउचर से खरीदकर बेच देता था. उसने इस कांड में जामुड़िया निवासी मोहम्मद अफजल को अपना सहयोगी बताया है. उससे एचपी पुलिस पहले की आसनसोल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर ले गयी है. वह भी साइबर थाना कांड संख्या 12/19 में गिरफ्तार हुआ था.
फर्जी नाम से की थी खरीदारी
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि 21 गिफ्ट बाउचर से उसने बिग बाजार से मोबाइल फोन की खरीदारी की थी, उसमें उसने फर्जी नाम का इस्तेमाल किया था. उसने अपना नाम राजा कुमार, पिता बिनोद कुमार, पिपरा (बिहार) बताया था. वीडियो फुटेज में बिग बाजार के कर्मियों ने उसकी शिनाख्त की थी. जिसके आधार पर उसका फोटो निकाला गया, तब उसके सही नाम की पहचान हुई.
सिट्रस में ट्रांसफर पैसे को महिंद्रा कोटक में ट्रांसफर किया
पीड़ित के खाते से निकले दस लाख रुपये में से चार लाख रुपया सिट्रस इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट में आठ किस्तों में ट्रांसफर हुआ था. यह पैसा महिंद्रा कोटक के चार ग्राहकों के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया. जिसमें बिहार के सत्यम कुमार जासवा, ओडिशा के प्रदीप कुमार महंता, उत्तर प्रदेश के आलोक सिंह और महाराष्ट्र के जोगेस बबनराव धुधे के अकाउंट में गया है. पीड़ित के अकाउंट से टेकपरोस इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट में 99,999 रुपया ट्रांसफर हुआ था. यह पैसा असम के बरबेता निवासी कानूराम राय के खाते में गया है. एचपी पुलिस इसकी भी जांच कर रही है.
अभिषेक ने अपना अपराध कबूल किया
ट्रांजिट रिमांड के लिए शनिवार को एचपी पुलिस ने आरोपी अभिषेक को सीजेएम प्रभारी न्यायिक दण्डाधिकरी प्रान्तिक बोस के समक्ष पेश किया. उस दौरान उसने बताया कि उसने गिफ्ट बाउचर से 29 मोबाइल फोन की खरीदारी की है. उसने पुलिस को बताया कि इस कांड में उसके साथ अनेकों लोग जुड़े हैं. उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही सभी अंडरग्राउंड हो जाएंगे.
पुलिस अधीक्षक ने विशेष जांच टीम बनायी : कुल्लू जिला में ऑनलाइन ठगी के कुल पांच मामलों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक जी सिंह ने डीएसपी शक्ति सिंह के नेतृत्व में 13 सदस्यीय विशेष जांच टीम का गठन किया है. इस टीम में दो मामलों में कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. टीम में डीएसपी श्री सिंह के साथ निरीक्षक संदीप पठानिया, अवर निरीक्षक निर्मल सिंह, हेड कांस्टेबल हेमंत कुमार, राजेश कुमार, कांस्टेबल रंजन, देशराज, सुरेश कुमार, सोनू राम, सरिता और दुर्गा शामिल थी.
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