पुलिस कमिश्नर को भी नोटिस
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी में 200 करोड़ रुपये से अधिक के कथित सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) घोटाला मामला एक बार फिर गरमा गया है.इस संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई एडीजे फास्ट कोर्ट में होगी. एडीजे फास्ट कोर्ट ने सिविल जज जूनियर डिवीजन सिलीगुड़ी के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है जिसमें कहा गया था कि एसजेडीए घोटाला की जांच कर रहे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर के. जयरमण के स्थानांतरण संबंधी याचिका की सुनवाई नहीं हो सकती.
यहां उल्लेखनीय है कि इस कथित घोटाले का मामला सामने आने के बाद सिलीगुड़ी के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर के.जयरमण ने इसकी जांच शुरू की थी और मालदा के तत्कालीन जिलाधिकारी गोदाला किरण कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. घोटाले के समय गोदाला किरण कुमार एसजेडीए के सीइओ थे. गोदाला किरण कुमार की गिरफ्तारी के बाद चारों तरफ हड़कंप मच गया था. इस मामले में जहां एक ओर कुछ घंटे बाद ही गोदाला किरण कुमार को जमानत दे दी गयी, वहीं दूसरी ओर के. जयरमण को भी कोलकाता स्थानांतरित कर दिया गया. उसके बाद के. जयरमण के स्थानांतरण को चुनौती देते हुए सिलीगुड़ी के तीन अधिवक्ताओं किशन लाल लोहिया, रतन बागची तथा संजय पाटोदिया ने सिविल जज जूनियर डिवीजन सिलीगुड़ी की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की.
लेकिन अदालत ने इस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताते हुए इसे रद्द कर दिया था. सिविल जज जूनियर डिवीजन के इस निर्णय के विरूद्ध तीनों अधिवक्ताओं ने 21/5/2014 को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश फास्ट कोर्ट सिलीगुड़ी के अदालत में अपील दायर की. अदालत ने 25/6/2014 को आदेश जारी करते हुए सिविल जज जूनियर डिवीजन के फैसले पर रोक लगा दी. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि के. जयरमण के स्थानांतरण से संबंधि याचिका की सुनवाई हो सकती है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार राज्य के पुलिस महानिदेशक तथा आईजी पुलिस सिलीगुड़ी से जवाब मांगा है. इस मामले की सुनवाई अब 28/8/2014 को होगी. इसके साथ ही सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर जगमोहन को भी नोटिस जारी किया गया है.