कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज विधानसभा में विपक्षी वामदल सदस्यों के बहिर्गमन के बाद कहा कि वह जब चाहेंगी सदन में आयेंगी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि यदि विपक्ष के पास उनके विभागों के लिए कोई सवाल नहीं है तो वह कुछ भी नहीं कर सकतीं. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई.
शुक्रवार होने के कारण मुख्यमंत्री के विभागों के प्रश्नों का दिन था, लेकिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सुश्री बनर्जी को अनुपस्थित देख कर वाममोरचा के विधायकों ने विरोध जताना शुरू किया और विधानसभा की कार्यवाही का सारा दिन के लिए बहिष्कार कर गये. सभी विधायक विधानसभा से जुलूस की शक्ल में निकल कर रानी रासमणि एवेन्यू में सभा स्थल तक पहुंचे.
उधर, वाममोरचा के विधायकों के विधानसभा से बहिष्कार के बाद सुश्री बनर्जी विधानसभा पहुंचीं. विधानसभाध्यक्ष बिमान बनर्जी जब मुख्यमंत्री की मौजूदगी की मांग को लेकर वामदलों के बहिर्गमन पर खेद जताते हुए सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित करने वाले थे ममता ने खड़े होकर कहा: यदि कोई सवाल नहीं हैं तो मैं क्यों आउं? उन्होंने कहा : मैं जब चाहूंगी आउंगी. मैं माननीय सदन को काफी समय देती हूं. यदि कोई विषय नहीं तो मैं यहां आकर क्या करुंगी.
उन्होंने कहा : एकमात्र सवाल भूमि को लेकर है जो अदालत में विचाराधीन है और उन्हें इसकी सूचना दे दी गयी है. विधानसभाध्यक्ष बिमान बनर्जी ने प्रश्नकाल के शुरु होने पर वामदल सदस्यों के बहिर्गमन पर खेद जताया और कहा कि उन्हें अधिक धैर्यवान होना चाहिए. विधानसभा से बहिर्गमन के बाद वाममोरचा के घटक दल आरएसपी के विधायक सुभाष नस्कर ने कहा कि पिछले तीन साल से मुख्यमंत्री शुक्रवार को कभी नहीं आ रही हैं तथा उन लोगों के सवालों का जवाब नहीं दे रही हैं, जबकि सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था कि मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री उन लोगों के सवालों का जवाब देंगे. फॉरवर्ड ब्लॉक विधायक परेश अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास आठ-आठ दफ्तर हैं. वे लोग उनसे संबंधित सवाल भी जमा देते हैं, लेकिन वे सवाल नहीं छापे जाते हैं. माकपा विधायक अनीसुर रहमान ने कहा कि जब वे लोग विधानसभा से वाकआउट कर जाते हैं, तो मुख्यमंत्री विधानसभा आती हैं और विधानसभा में वक्तव्य रख कर चली जाती हैं. वह विपक्ष के सवालों से भय पा रही हैं.