कोलकाता: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज देश में उच्च शिक्षा में सुधार की जरुरत पर जोर दिया और शिक्षा के क्षेत्र में देश के पुरातनकालीन वैभव को फिर से लौटाने की बात कही.
मुखर्जी ने यहां राष्ट्रीय शिक्षा परिषद में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘केवल गुणवत्ता परक शिक्षा नहीं होनी चाहिए, बल्कि उच्च शिक्षा के ऐसे केंद्र बनाये जाने चाहिए जैसे पुरातनकाल में नालंदा तथा तक्षशिला थे.’’ उन्होंने कहा कि भारत में 669 विश्वविद्यालय, 30,000 कॉलेज, 16 आईआईटी, 30 एनआईटी हैं लेकिन इनमें से एक भी अंतरराष्ट्रीय मानक वाला नहीं है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पुराने वैभव को फिर से पाना मुश्किल नहीं है लेकिन हमें प्रयास करने होंगे. कुछ लोगों ने पहल की है और परिणाम भी मिलने लगे हैं जिसके उदाहरण के तौर पर खडगपुर, मुंबई और मद्रास आईआईटी के नाम लिये जा सकते हैं.’’ मुखर्जी ने कहा कि पुरानी प्रतिष्ठा पाना तभी संभव होगा जब प्रेरित शिक्षकों की एक टीम हो और जो आईटी के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जुडी हो.