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आइएसएम का रीजनल सेंटर शीघ्र होगा चालू

कोलकाता/धनबाद: कोलकाता में छह माह के अंदर आइएसएम( इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) का रिजनल सेन्टर काम करने लगेगा. इसको लिए शहर के राजेरहाट इलाके में नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन(एनबीसीसी) की बिल्डिंग चिन्हित कर ली गयी है. इसका पूरा एक फ्लोर आइएसएम को सुपुर्द करने की तैयारी है. सोमवार को नयी दिल्ली रवाना होने के पूर्व […]

कोलकाता/धनबाद: कोलकाता में छह माह के अंदर आइएसएम( इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) का रिजनल सेन्टर काम करने लगेगा. इसको लिए शहर के राजेरहाट इलाके में नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन(एनबीसीसी) की बिल्डिंग चिन्हित कर ली गयी है.

इसका पूरा एक फ्लोर आइएसएम को सुपुर्द करने की तैयारी है. सोमवार को नयी दिल्ली रवाना होने के पूर्व आइएसएम के चेयरमैन पीके लाहिड़ी ने यह जानकारी दी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि झारखंड सरकार से जमीन मिलने के सकारात्मक संकेत मिले हैं. मुख्यमंत्री ने भी इसका भरोसा दिलाया है.

राष्ट्रपति के दौरे से और एक्सपोजर मिलेगा
बकौल चेयरमैन राष्ट्रपति के दौरे से आइएसएम को और एक्सपोजर मिलेगा. संस्थान का उत्साह बढ़ा है. मिनरल सेक्टर के विकास में हमारी जिम्मेवारी और बढ़ गयी है. हम अपनी कार्ययोजना को ज्यादा बेहतर तरीके से धरातल पर उतार पायेंगे. संस्थान को ग्लोबल स्टेट्स दिलाने में भी मदद मिलेगी. राज्य सरकार की मदद से हम इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर कर पायेंगे. ट्रेनिंग, प्लेसमेंट, इंटरनेशनल कांफ्रेंस आयोजित होंगे चेयरमैन के अनुसार कोलकाता में रिजनल सेंटर खुलने से ट्रेनिंग, प्लेसमेंट व इंटरनेशनल कांफ्रेंस आयोजित करने में मदद मिलेगी. दरअसल इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुविधा होने की वजह से वहां एक्सपर्ट का पहुंचना ज्यादा आसान है. धनबाद के सीधे वायु सेवा से जुड़े नहीं होने की वजह से इंटरनेशनल कंपनियां यहां आने से हिचकिचाती हैं.

यह पहली बार है कि आइएसएम का रिजनल सेन्टर धनबाद से बाहर किसी और राज्य में खुल रहा है. राजेरहाट में ही कोल इंडिया का नया भवन भी बन रहा है. ऐकेडमिक सुविधाओं में इजाफा होगा संस्थान में एकेडमिक सुविधाओं में और इजाफा होगा. दो हजार बिस्तर का नया ब्यॉज होस्टल व तीन सौ बेड के नये गल्र्स होस्टल का भा काम शुरू होना है. इससे बहुत हद तक छात्रों को रेसिडेंशियल सुविधाएं मिल सकेंगी. संस्थान में काफी निर्माण काम होना है. नया हेल्थ सेंटर का निर्माण भी प्रगति पर ही जून तक इसे भी हैंडओवर किये जाने की उम्मीद है. नया एकेडमिक कांपलेक्स अक्तूबर तक सुपुर्द कर दिया जायेगा. अक्तूबर तक नये सेट्रल लाइब्रेरी की बिल्डिंग का निर्माण पूरा कर लिये जाने का भरोसा दिलाया गया है. यह देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी होगी.

अफगान स्कूल ऑफ माइंस इंटरनेशनल प्रोजेक्ट अफगानिस्तान स्कूल ऑफ माइंस की स्थापना आइएसएम का इंटरनेशनल प्रोजेक्ट है. इसके तहत फिलवक्त अफगानी छात्रों को आइएसएम में ट्रेनिंग दी जा रही है. वहां इसकी स्थापना में आइएसएम की ओर से हर संभव मदद दी जायेगी. प्रधानमंत्री की ओर से ही अफगानिस्तान की सरकार को सहयोग का आश्वास्त किया गया है. इसका डीपीआर( डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने का जिम्मा भी आइएसएम को ही सौंपा गया है, और नये कोर्स शुरू नहीं होंगे चेयरमैन ने और नये कोर्स शुरू करने की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा- केमिकल इंजीनियरिंग व सिविल इंजीनियरिंग के रूप में दो नये कोर्स पहले ही शुरू किये गये है. इन्हें ही बेहतर करने की कोशिश की जा रही है. हमारा पूरा जोर क्वालिटी एजुकेशन पर है. ताकि जॉब मार्केट में छात्रों की डिमांड और बेहतर हो सके.

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