Kashi Vishwanath Temple: देश के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में शुमार काशी विश्वनाथ मंदिर में एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है. वीआईपी और सुगम दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से ठगी करने वाले 21 फर्जी पुजारी-पंडों को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दशाश्वमेध और चौक थाना क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई ने मंदिर की व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
वीआईपी दर्शन के नाम पर वसूली और धोखाधड़ी
गिरफ्तार किए गए फर्जी पुजारी खुद को मंदिर से अधिकृत बताकर श्रद्धालुओं को ‘वीआईपी दर्शन’ या ‘सुगम दर्शन’ कराने का झांसा देते थे. इसके बदले में वे हजारों रुपये तक वसूलते थे. इनमें से कुछ आरोपी पारंपरिक वस्त्र और धार्मिक चिह्नों का इस्तेमाल करते थे, जिससे वे असली पुजारियों जैसे लगते थे और लोगों को आसानी से भ्रमित कर लेते थे.

श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार की भी पुष्टि
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि ठगी के साथ-साथ आरोपी श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार भी करते थे. कुछ मामलों में श्रद्धालुओं को धमकाया गया, जबकि कई बार जब श्रद्धालु पैसे देने से मना करते थे तो उनसे बदसलूकी की जाती थी. कई श्रद्धालुओं ने इसकी शिकायत प्रशासन से की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई संभव हो सकी.
कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में उछाल
गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनने के बाद मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु व्यवस्था से अनजान होते हैं, जिसका फायदा उठाकर ये फर्जी पुजारी उन्हें जाल में फंसा लेते थे.
पारंपरिक वेषभूषा बन गई ठगी का हथियार
आरोपियों ने खुद को ‘पंडा समाज’ का सदस्य बताकर श्रद्धालुओं का विश्वास जीतने की कोशिश की. पारंपरिक धोती-कुर्ता, तिलक, रुद्राक्ष और धार्मिक मंत्रोच्चारण का सहारा लेकर ये लोग खुद को वैध पुजारी साबित करते थे. लेकिन हकीकत में इनका मंदिर प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं था.
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजना
वाराणसी पुलिस ने बताया कि दशाश्वमेध और चौक थाना क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर 21 फर्जी पुजारी-पंडों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही एक विशेष निगरानी टीम का गठन किया गया है जो श्रद्धालुओं से ठगी करने वालों पर कड़ी नजर रखेगी.
प्रशासन ने की सख्त चेतावनी जारी
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के बहकावे में न आएं और केवल मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित व्यवस्था के तहत ही दर्शन करें. किसी भी संदेहजनक गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने के निर्देश भी दिए गए हैं.
काशी की आस्था पर चोट, व्यवस्था पर सवाल
यह घटना न केवल श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है, बल्कि मंदिर व्यवस्था की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करती है. विश्वनाथ मंदिर में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता सुरक्षा और पारदर्शी प्रणाली की जरूरत महसूस की जा रही है.
काशी विश्वनाथ मंदिर जैसे आस्था के केंद्र में फर्जी पुजारियों द्वारा श्रद्धालुओं से की जा रही ठगी चिंता का विषय है. पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन साथ ही यह आवश्यक हो गया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी समाधान तलाशे जाएं.