नोएडा : होमगार्ड की ड्यूटी लगाने में हुए करोड़ों के घोटाले की जद में आये जिला कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय में सोमवार की देर रात को संदिग्ध अवस्था में आग लग गयी. मामले में सूरजपुर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सूत्रों के मुताबिक, जिस बक्से में आग लगी, उसमें वर्ष 2014 से अब तक विभिन्न सरकारी विभागों में प्रतिनियुक्त किये गये होमगार्ड के मस्टर रोल रखे थे. वे सभी जल गये हैं.
अधिकारी ने बताया कि इस घटना की जांच के लिए नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी सिटी) के नेतृत्व में एक टीम बनायी गयी है. जिले में होमगार्ड की ड्यूटी लगाने को लेकर करोड़ों का घोटाला सामने आया है. इस मामले में सूरजपुर थाने में मुकदमा दर्ज है और पूरे प्रकरण की जांच गौतमबुद्ध नगर की अपराध शाखा कर रही है. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि यह मामला गंभीर है तथा इसकी जांच के लिए गुजरात से विधि विज्ञान की टीम बुलायी जायेगी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्ध नगर वैभव कृष्ण ने बताया कि देर रात पुलिस को सूचना मिली कि जिला कलेक्ट्रेट स्थित जिला कमांडेंट होमगार्ड के कार्यालय में आग लग गयी है. उन्होंने बताया कि सूरजपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र दीक्षित व एफएसओ सूरजपुर मौके पर पहुंचे. वहां उन्हें होमगार्ड के वेतन का मास्टर रोल वाला एक बड़ा बक्सा जली हुई अवस्था में पड़ा मिला. बक्से के अंदर मौजूद सभी मस्टर रोल पूरी तरह से जल गये थे.
वैभव कृष्ण ने कहा कि मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. पूरी घटना के जांच के आदेश दिये गये हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच के लिए एसपी सिटी के नेतृत्व में जिला स्तर पर एसआईटी गठित की गयी है. प्रथम दृष्टया यह पता चला है कि जले हुए बक्से में वर्ष 2014 के बाद से गौतमबुद्ध नगर के विभिन्न पुलिस थानों, सरकारी कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर तैनात होमगार्ड के वेतन के मस्टरोल रखे थे.
उन्होंने बताया कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में होमगार्ड की ड्यूटी लगाने में अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला हुआ है. इस मामले में 13 नवंबर को सूरजपुर थाने में होमगार्ड विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. कृष्ण वैभव ने बताया कि इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की टीम कर रही है. उन्होंने माना कि देर रात को संदिग्ध अवस्था में होमगार्ड कमांडेंट के कार्यालय में लगी आग से जांच प्रभावित होगी.
एसएसपी ने बताया कि पहली नजर में लगता है कि जांच को प्रभावित करने के लिए ही बक्से में आग लगायी गसह है. कृष्ण वैभव ने बताया कि पूर्व में होमगार्ड विभाग के लोगों ने जनपद के विभिन्न थानाध्यक्षों की फर्जी मुहर व हस्ताक्षर का प्रयोग कर करोड़ों का घोटाला किया. इस मामले की जब जांच करायी गयी, तो पता चला कि होमगार्ड थानों में काम पर नहीं आते थे, किन्तु उनकी हाजिरी लगाकर जनपद के विभिन्न थानाध्यक्षों की फर्जी हस्ताक्षर व मुहर के सहारे बैंक से उनका वेतन ले लिया जाता है.
एसएसपी की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय टीम बनायी. इसमें लखनऊ मुख्यालय में तैनात एसएसओ सुनील कुमार, मिर्जापुर के जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह, बागपत के मंडलीय कमांडेंट नीता भारती, मेरठ के मंडलीय कमांडेड डीडी मौर्य शामिल हैं. समिति ने जनपद के विभिन्न थानों में जाकर एक-एक दस्तावेज की जांच की तथा इस मामले में घोटाले होने की रिपोर्ट शासन को सौंपी है.
एसएसपी ने बताया कि बीते छह महीने में किन-किन स्थानों में कितने होमगार्डों की तैनाती हुई और उनके वेतन किस तरह से निकाले गये, इस बात की जांच की गयी है. सभी थानों में एक-एक टीम बनाकर छह महीने के भीतर होमगार्डों की तैनाती की जांच की जा रही है.