Mayawati Review Meeting: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की सभी पदों से रविवार को हटा दिया. उन्होंने कहा, अब उनकी आखिरी सांस तक पार्टी में उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा. मायावती ने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पिछले महीने पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद यह कदम उठाया है.
राम जी गौतम लेंगे आकाश आनंद की जगह
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में रविवार को पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर के साथ-साथ बाकी सभी अन्य पदों से हटाने का फैसला सुनाया. साथ ही उन्होंने पार्टी के नए नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद पर उनके पिता और पार्टी के महासचिव आनंद कुमार को बनाने की घोषणा की. इस पद को उनके साथ राज्यसभा सांसद राम जी गौतम संभालने वाले हैं.
आकाश आनंद को हटाने का कारण
इस बैठक में मायावती, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा उपस्थित थे. मायावती ने अचानक आकाश आनंद को सभी पदों से हटाने का कारण उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को बताया है. इन्हें भी मायावती ने कुछ दिनों पहले उनके पद से हटा दिया था. मायावती कहा है कि आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे थे, इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया है.
मायावती का प्रेस नोट
प्रेस रिलीज कर उन्होंने इस बदलाव की जानकारी देते हुए कहा मायावती ने कहा, ”अब मैंने यह निर्णय लिया है कि मेरे जीते जी व मेरी आखिरी सांस तक, पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा. साथ ही उन्होंने अपने भाई आनंद के बच्चों की शादी राजनीति से जुड़े परिवार में न करने की बात की.
02-03-2025-BSP PRESS NOTE-ALL INDIA MEETING pic.twitter.com/bSR7HBqt7v
— Mayawati (@Mayawati) March 2, 2025
पार्टी परिवार से पहले है, बोली मायावती
प्रेस रिलीज के आगे वह फिर से कहती हैं कि मेरे लिए पार्टी और आंदोलन आगे है, फिर परिवार और रिश्ते-नाते. साथ ही उन्होंने पार्टी के सदस्यों को भरोसा दिया है कि जब तक वे जीवित हैं, पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ पार्टी को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगी.
मायावती ने घर के बच्चों की शादी पर कहा
मायावती ने प्रेस नोट में बताया है कि उनके भाई आनंद कुमार ने अब से अपने बच्चों की शादी राजनीति से जुड़े परिवार में न करने का फैसला किया है. यह फैसला उन्होंने इसलिए लिया है ताकि अशोक कुमार की तरह कोई दूसरा भविष्य में पार्टी के नाम का गलत इस्तेमाल न करें.