36.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

इन शिक्षकों का होगा तबादला, ऑनलाइन आवेदन को नहीं खुला पोर्टल, ट्रांसफर के आधार अंक पर शिक्षक आपस में बंटे

उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने 8 जून को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश हुआ है. तबादला में अंकों का जो मानक बनाया है उसको लेकर शिक्षकों में डर है कि उनका नहीं होगा ,उनसे जूनियर को तबादला हो जाएगा. इससे मतभेद पनप रहे हैं.

लखनऊ . उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 200 किमी दूर आकांक्षी जिला के प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2015 से सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत मंजू परेशान हैं. वह चाहती हैं कि आगरा, हाथरस और मथुरा में कहीं उनका तबादला हो जाए. सालों से वह प्रयास कर रही हैं लेकिन जिस जिला में वह कार्यरत हैं वह आकांक्षी जिला है. इस कारण आवेदन करने के बाद भी उनका तबादला नहीं हुआ. बेसिक शिक्षा विभाग ने 8 जून को तबादला का कार्यक्रम घोषित कर दिया. मंजू जिस जिला में कार्यरत हैं इस बार वहां से भी अन्य जिलों की भांति शिक्षकों का तबादला होगा. जिस तबादला पर रोक लगी थी , वह रोक हट जाने के बाद भी मंजू के खुश न होने का कारण वह ‘भारांक’ हैं जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग तबादला मेरिट तैयार करेगा.

मेरिट में पिछड़ने का सता रहा डर

बहराइच में कार्यरत सहायक अध्यापक राहुल कुमार भी इस बात को लेकर डरे हैं कि उनकी मेरिट कम रह गई तो क्या होगा. मंजू शर्मा ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि 8 आकांक्षी जिला को छोड़ दिया जाए तो सभी जिलों के शिक्षकों को तबादला के लिए दो बार मौका मिला है. इस बार आकांक्षी जिला से भी तबादला हो रहे हैं लेकिन सरकार ने मात्र दस फीसदी शिक्षकों का तबादला करने का निर्णय लिया है. जबकि इन जिलों में रोक लगी होने के कारण तबादला का इंतजार करने वाले शिक्षकों की संख्या ही सर्वाधिक नहीं है, तबादला की कतार में लगे वरिष्ठतम शिक्षकों की संख्या भी किसी भी गैर आकांक्षी जिला के मुकाबले बहुत अधिक है. ऐसे में इन जिलों के शिक्षकों के साथ पूर्व में हुए अन्याय की भरपाई के लिए 10 फीसदी की सीमा को बढ़ाकर दो गुना करने की जरूरत थी. जिनके पति – पत्नी सरकारी नौकरी में नहीं उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है. प्राइवेट नौकरी करने वालों का भी परिवार है.

 तबादलों में सरकारी- प्राइवेट नौकरी को लेकर भेदभाव 

अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर कुछ अन्य शिक्षकों ने कहा कि तबादला के लिए भारांक (वरीयता तय करने वाले कुल अंक) इस तरह से निर्धारित किया है कि सामान्य शिक्षक का तबादला असंभव है. बीमार और विकलांग को मेरिट के लाने के लिए अतिरिक्त अंक देना समझ में आता है, लेकिन सरकारी नौकरी वालों को 10 अंक देना व्यवहारिक नहीं है. बलरामपुर में कार्यरम नोयडा में कार्यरत मुकेश उदाहरण देते हैं,-वह लखनऊ के रहने वाले हैं और निजी कंपनी में इंजीनियर हैं. पत्नी सोनभद्र में कार्यरत हैं. उनके साथ पढ़ाने वाली टीचर के पति भी शिक्षक हैं और गृह जनपद में कार्यरत हैं. वेटेज मिलने के कारण पत्नी के साथ वाली टीचर का तबादला हो ही जाएगा. वे दोनों अपने घर से नौकरी करेंगे. हम दोनों घर से सैकड़ों किमी दूर रह जाएंगे.

तबादले के लिए शिक्षकों की ऐसे तय होगी वरीयता

सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के लिए – 1 अंक

दिव्यांग अध्यापक/अध्यापिका – 10 अंक

असाध्य गंभीर रोग से पीड़ित- 20अंक

सरकारी सेवा वाले पति – पत्नी – 10 अंक

एकल अभिभावक – 10 अंक

महिला – 10

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अध्यापक/अध्यापिका – 05

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक/शिक्षिका- 03

9 से आवेदन, कार्यमुक्त की तारीख 27 जून

उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने 8 जून को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. निर्धारित कार्यक्रम के तहत 9 जून से http://interdistricttransfer.upsde.gov.in परअंतर्जनपदीय स्थानांतरण के आवेदन लिए जाने थे. घर जाने के उत्साह में आधी रात को 8 जून जैसे ही खत्म हुए शिक्षकों ने लिंक खोलने के प्रयास शुरू कर दिए. यह और बात है कि पोर्टल खुला नहीं. शिक्षक 9 जून से 14 जून की आधी रात तक एनआइसी द्वारा विकसित पोर्टल http://interdistricttransfer.upsde.gov.in पर आवेदन कर सकेंगे. 10 से 18 जून तक बीएसए डॉटा का सत्यापन कर लॉक करेगे. 19 से 22 जून तक एनआईसी स्थानांतरण की कार्यवाही करेगा. 27 जून से कार्यमुक्त कर दिया जाएगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें