UP Police: उत्तर प्रदेश में बंदियों को अवैध तरीके से मिलने वाली सुविधाओं को लेकर कई मामले उजागर हो चुके हैं. ऐसे मामलों में कार्रवाई भी हुई है. इसके बावजूद इस तरह के प्रकरण सामने आते रहते हैं. ताजा मामला प्रदेश के महोबा जनपद का है, जिसमें एक बंदी ने पेशी पर जाते समय मोबाइल से फेसबुक लाइव कर दिया. इसमें उसने अपने विरोधियों को खुलेआम धमकी दी और उन्हें सबक सिखाने की बात कही. इस दौरान उसके साथ वज्र वाहन में एक उपिनिरीक्षक और तीन कॉन्स्टेबल भी मौजूद थे. हैरानी वाली किसी ने उसे रोका नहीं. बंदी के फेसबुक लाइव का वीडियो वायरल हो गया, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा था. बाद में पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच पड़ताल कराई, जिसमें वीडियो सही पाया गया. इसके बाद लापरवाही बरतने पर उपनिरीक्षक समेत तीनों कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. हमीरपुर जनपद के थाना सुमेरपुर के गांव पंधरी निवासी लोकेंद्र उर्फ कारतूस यादव साल 2021 के गैर इरादतन हत्या के मामले में महोबा उपकारागार में बंद है. जेलर शिव मूरत सिंह ने बताया कि 21 अक्टूबर को हमीरपुर जनपद के एडीजे-फास्ट ट्रेक कोर्ट द्वितीय में आरोपी की एक अन्य वाद की तारीख थी. आरोपी को पुलिस लाइन से आई वज्र वाहन से ले जाया गया था. आरोपी को एसआई शशांक देव, हेड कॉन्स्टेबल अरविंद आर्या, कोशलेंद्र मिश्रा और कांस्टेबल कमलेश कुमार की अभिरक्षा में भेजा गया था. जेल के बाहर की जिम्मेदारी कारागार प्रशासन की नहीं होती है. इसके लिए बंदी को लेकर जा रहे पुलिस कर्मी जिम्मेदार होते हैं.
लोगों ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
बताया जा रहा है कि आरोपी कारतूस यादव वज्र वाहन के जरिए पेशी पर जा रहा था. तभी उसने मोबाइल के जरिए फेसबुक लाइव कर दिया. फेसबुक लाइव के दौरान उसने अपने दुश्मनों को गालियां दी और उन्हें देख लेने की धमकी भी दी. जब वह लाइव हुआ तो उसके फेसबुक फ्रेंड्स चौंक गए. किसी ने उसकी फेसबुक लाइव की वीडियो को रिकॉर्ड कर वायरल कर दिया. पेशी पर जा रहे बंदी की इस तरह फेसबुक लाइव होने पर कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे. वीडियो वायरल हुई तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया.
पुलिसकर्मियों ने गैरकानूनी कृत्य में दिया साथ
सवाल उठने लगे कि एक शातिर अभियुक्त न्यायालय की पेशी में जाते हुए बेखौफ फेसबुक लाइव कर रहा है, मगर उसके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसके इस गैरकानूनी कृत्य में साथ दिया. लोगों ने कहा कि जेल के बंदी के पास मोबाइल का होना और उससे फेसबुक लाइव करना जेल और उसके बाहर पुलिस अभिरक्षा में मिलने वाली सुविधाओं की तरफ इशारा करता है. यह कभी भी किसी बड़े अपराध का कारण भी बन सकता है. वहीं इस प्रकरण में खाकी की काफी किरकिरी होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है.