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UP News: मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर मामले में आज आएगा फैसला, गाजीपुर के कपिलदेव सिंह हत्याकांड में है आरोपी

UP News: मुख्तार अंसारी करीब 18 साल से जेल की सलाखों के पीछे है. जेल में रहने के दौरान भी उसे कई आपराधिक मामलों में नामजद किया गया. अब एक के बाद एक मामलों में सुनवाई पूरी होने के बाद उसे सजा सुनाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मामले में उसे शनिवार को सजा सुनाई जा सकती है.

Lucknow: मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर दर्ज मामलों में सुनवाई पूरी होने के बाद अब एक के बाद एक सजा सुनाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. बीते दिनों गैंगस्टर केस में 10 साल की सजा होने के बाद अब एक अन्य केस में गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी को शनिवार को सजा सुनाई जा सकती है. यह फैसला पहले 27 अप्रैल को सुनाया जाना था. लेकिन एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में 6 मई की तारीख सजा सुनाने के लिए नियत की थी. मुख्तार अंसारी कपिलदेव सिंह की हत्याकांड (Kapil Dev hatyakand) का मुख्य आरोपी है.

मुहम्मदाबाद ​थाने में जांच के दौरान जोड़ा गया नाम

मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने बताया कि 2009 में मुहम्मदाबाद थाना में वीर हसन द्वारा 307 के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें मुख्तार अंसारी नामजद अभियुक्त नहीं थे. मुख्तार का नाम विवेचना के दौरान 120 B में जोड़ा गया था. मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू यादव था. इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी और वह इस केस में बरी हो चुके हैं.

गाजीपुर में 2010 में हुआ था कपिल देव हत्याकांड

लियाकत अली के अनुसार एक और मामला हत्या का था, जिसमें वर्ष 2010 में करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर में कपिल देव सिंह की हत्या कर दी गई थी. लियाकत अली का आरोप है कि कपिल देव सिंह के समय मुख्तार अंसारी जेल में था. लेकिन, उन पर फर्जी तरीके से 120 B के तहत इसमें भी मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि 302 के मामले में मुख्तार अंसारी बरी हो चुके हैं और 307 के मामले में भी मुख्य अभियुक्त सोनू यादव बरी हो चुका है. इन दोनों मामले को जोड़ कर गैंग चार्ट बनाया गया था, जिसमें बहस पूरी हो चुकी है. अब फैसला आएगा.

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जेल में रहते अब तक चार मामलों में सजा

मुख्तार अंसारी को 22 सितंबर 2022 से 29 अप्रैल 2023 के बीच चार मामलों में सजा हो चुकी है. सबसे पहली सजा 22 सितंबर 2022 को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दी. इस मामले में मुख्तार को लखनऊ में तैनात रहे जेलर के साथ मारपीट करने और धमकी देने के मामले में सात साल की सजा हुई. इसके बाद 23 सितंबर को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस डीके सिंह की बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी को पांच साल की सजा हुई.

इसके अलावा गाजीपुर में एडिशनल एसपी रहे उदय शंकर जायसवाल को जान से मारने की नीयत से हमला किया गया. इस मामले में 15 दिसंबर 2022 को मुख्तार अंसारी और उसके साथी भीम सिंह को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई. वहीं चौथा मामला गैंगस्टर एक्ट का था, जिसमें बीते दिनों 29 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने 10 वर्ष और उसके भाई अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई. मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है.

18 साल से जेल की सलाखों के पीछे है मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी जरायम की दुनिया में एक ऐसा नाम है, जिसकी दहशत उसके जेल के अंदर रहने के बाद भी कायम है. बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी बीते 18 साल से जेल में बंद है. बावजूद इसके उसका नाम अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है.

गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के विभिन्न थानों में जेल में रहते मुख्तार पर अब तक हत्या के कई मामले दर्ज हुए हैं. इस प्रकार करीब 60 साल के मुख्तार अंसारी पर कुल 61 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें से सबसे ज्यादा मुकदमे उसके गृह जनपद गाजीपुर में दर्ज हैं. जनवरी में 61वां मुकदमा उसके गृह जिले के मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र में उसरी चट्टी हत्याकांड में दर्ज हुआ था.

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