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UP News: निकाय चुनाव की तैयारी कर रही राष्ट्रीय लोक दल को बड़ा झटका, अब यूपी की राज्य पार्टी नहीं रही

लोकसभा चुनाव 2109 के परिणाम आने के बाद निर्वाचन आयोग ने 6 राज्य स्तरीय पार्टियों को नोटिस जारी किया था. इसमें रालोद का भी नाम था. रालोद ने मान्यता बरकरार रखने का अनुरोध किया था. चुनाव आयोग ने सोमवार को अपना निर्णय दे दिया. अब रालोद तीसरे दर्जे की पार्टी यानि गैर मान्यता वाली पंजीकृत पार्टी होगी.

लखनऊ. भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal)का एक राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है. राष्ट्रीय लोक दल को ऐसे समय झटका लगा है जब उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की घोषणा हो चुकी है. रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने हाल ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की थी. यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए तीन सदस्यीय चयन समिति का गठन किया गया था. उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के लिए नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा था. रालोद का लोकसभा में एक भी सदस्य नहीं है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भी राज्य सभा के सदस्य है.

मानक पर मात खा गयी पार्टी

किसी भी पार्टी को राज्य की पार्टी की मान्यता बचाये रखने के लिए विधान सभा के चुनाव में डाले गए वैध वोटों का कम से कम छह फीसद वोट लाने होते हैं.साथ ही विधानसभा में कम से कम 2 सीटें जीतनी चाहिए. इसके अलावा एक पार्टी को लोकसभा के चुनाव में डाले गए वैध वोटों का कम से कम 6 फीसद वोट और लोकसभा में कम से कम एक सीट जीतनी चाहिए. रालोद विधान सभा में सीट के मानक पर तो खरी उतरती है. वर्तमान में विधान सभा में नौ विधायक हैं लेकि वोट प्रतिशत, 2022 के विधान सभा चुनाव में पार्टी को मात्र 3.18% कुल मत मिला है.

सपा के साथ से संजीवनी मिली, मान्यता फिर भी नहीं बची

चौधरी अजीत सिंह की पार्टी रालोद बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी वाले महागठबंधन में शामिल होकर 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरी थी. बागपत , मुजफ्फरनगर और मथुरा कुल तीन सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे. तीनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी बागपत से चुनाव लड़े. यहां सत्यपाल सिंह ने उनको हरा दिया. 2022 के विधान सभा चुनाव में रालोद को समाजवादी पार्टी का साथ मिलने पर ‘जीवन’ मिल गया. 33 में आठ सीट जीत गयी. वोट प्रतिशत भी वर्ष 2017 में मिले 1.78 फीसद से बढ़कर 3.18% हो गया. सपा के साथ खतौली उपचुनाव लड़ा तो रालोद के प्रत्याशी मदन भैया ने बीजेपी को 22,165 वोट से हराकी विधान सभा में पार्टी सदस्यों की संख्या आठ से बढ़ाकर नौ पर पहुंचा दी.

27 साल पहले 1996 में अस्तित्व में आयी रालोद

राष्ट्रीय लोक दल पार्टी की नींव पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजीत सिंह ने रखी थी. अजीत सिंह केंद्र और राज्य में कई बार मंत्री रहे. रालोद (RLD) का पश्चिमी उत्तर प्रदेश विशेषकर जाट बाहुल्य सीटों पर ऐसा दबदबा था कि केंद्र और राज्य में किसी की भी दल कह सरकार रही हो अजीत सिंह और उनकी पार्टी के बिना वह सरकार पूरी नहीं मानी जाती थी. 27 साल पहले 1996 में अस्तित्व में आयी रालोद का अब अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है. पार्टी का आधिकारिक चुनाव चिह्न एक हैंडपंप है.

विधानसभा चुनाव में रालोद का प्रदर्शन

साल प्रत्याशी जीत वोटों का %

1996 – 38- 8 2.13%

2002 – 38- 14 2.65%

2007 – 254- 10 1.95%

2012 – 46 – 9 2.33%

2017 – 171- 1 1.71%

2022 – 33 – 8 3.18%

लोकसभा चुनाव में रालोद का प्रदर्शन

साल प्रत्याशी जीत

1998 – 8- 0

1999 – 7- 2

2004 – 10- 3

2009 – 7- 5

2014 – 8- 0

2019 – 3- 0

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