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अयोध्या: कुबेर टीला पर लगाई गई जटायु की प्रतिमा, 20 जनवरी को रामलला की मूर्ति गर्भगृह में होगी स्थापित

राम जन्मभूमि परिसर में जटायु की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है. कुबेर टीले के मार्ग पर इस प्रतिमा को स्थापित किया गया है. जटायु की प्रतिमा का 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनावरण करेंगे. यह मंदिर अयोध्या आंदोलन से जुड़े लोगों को समर्पित है.

Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन का काम अंतिम चरण में है. जल्द ही पर्यटकों के लिए यहां विभिन्न सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की रूपरेखा पर तैयार किया गया है. यहां का कोना कोना रामलला को समर्पित है. अयोध्या के जिलाधिकारी नितीश कुमार के मुताबिक हवाई अड्डे का पहला चरण लगभग पूरा हो चुका है. टर्मिनल भवन भी निर्माण के अंतिम चरण में है. हवाई पट्टी और नाइट लैंडिंग सुविधा का काम पूरा हो चुका है. उद्घाटन अब कभी भी हो सकता है. बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के लाइसेंस के साथ ही एयरलाइंस की फ्लाइट्स शुरू होने की कवायद चल रही है. इंडगो ने पहले चरण में अयोध्या से दिल्ली और अयोध्या से अहमदाबाद की फ्लाइट्स शुरू करने की पेशकश की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से पहले डीजीसीए का लाइसेंस मिलने की पूरी संभावना है. इसी तरह रेलवे स्टेशन को संवारने में जुटी राइट्स कंपनी के प्रोजेक्ट प्रभारी एके जौहरी के मुताबिक लिफ्ट समेत सभी उपकरणों की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है. सिविल निर्माण भी पूरा हो गया है. इस बीच राम जन्मभूमि परिसर में जटायु की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है. कुबेर टीले के मार्ग पर इस प्रतिमा को स्थापित किया गया है. जटायु की प्रतिमा का 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनावरण करेंगे. यह स्थान अयोध्या आंदोलन से जुड़े लोगों को समर्पित है. प्रतिमा को कांस्य धातु से विशेष तौर पर भव्य रूप में आकार दिया गया है.

ट्रस्ट तेजी से तैयारियों को पूरा करने में जुटा

अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट तैयारियों को तेजी से पूरा करने में जुटा है. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया गया है, जिसकी शुरुआत 17 जनवरी 2024 से होगी और 20 जनवरी को रामलला के विग्रह को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. इससे पहले रामलला 18 जनवरी को अयोध्यावासियों के बीच भ्रमण यात्रा पर निकलेंगे. श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुतरबिक काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में 121 से अधिक वैदिक ब्राह्मण 22 जनवरी तक अनुष्ठान कार्य संपन्न कराएंगे. प्राण प्रतिष्ठा से पहले 60 घंटे तक धर्मशास्त्रों के मुताबिक विभिन्न अनुष्ठान किए जाएंगे.

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17 जनवरी से शुरू होगी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए परिसर में कई मंडप व हवन कुंड तैयार किए जा रहे हैं. तय कार्यक्रम के मुताबिक अनुष्ठान की शुरुआत 17 जनवरी को होगी. इस दिन प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर संकल्प, गणपति पूजन, मातृका पूजन और पुण्यावाचन किया जाएगा. इस दिन चारों वेदों के मंत्र पढ़े जाएंगे. इसके लिए अलग अलग लोगों की व्यवस्था की गई है. मंडपम में उत्तर की ओर अथर्ववेद, पूर्व में ऋग्वेद, दक्षिण में यजुर्वेद और पश्चिम में सामवेद के विद्वान बैठेंगे. 18 पुराणों के अलग-अलग विद्वान पाठ करेंगे. उपनिषदों के भी मंत्र पढ़े जाएंगे. कर्मकांडी ब्राह्मण अनुष्ठान करेंगे. कर्मकांडों में मंदिर का क्षेत्रपाल पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रह पूजन, दस स्नान, हवन आदि होगा. इसके बाद 18 जनवरी को सरयू नदी के 121 कलश जल से भगवान रामलला की मूर्ति को स्नान कराया जाएगा. इसके बाद भगवान राम अयोध्या नगर का भ्रमण कर प्रजा से मिलेंगे, भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, मठ-मंदिरों में दर्शन करेंगे.

20 जनवरी को रामलला रात में करेंगे शयन

ट्रस्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक मूर्ति बनने के दौरान पत्थर, छीनी और हथौड़े से काफी काम होता है. उससे कई दोष उत्पन्न हो जाते हैं. इसकी शुद्धि के लिए कई तरह के अधिवास होंगे. 19 जनवरी को घृताधिवास, मध्वाधिवास, अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास होंगे. घृताधिवास में मूर्ति पर एक धागा बांधकर दो-दो मिनट के लिए घी में रख दिया जाएगा. फिर मध्वाधिवास में मूर्ति को शहद से भरे पात्र में रख देते हैं. अन्नाधिवास में मूर्ति को चावल से ढक देंगे. पुष्पाधिवास में पूरी मूर्ति पर फूल बिछा देंगे. कलश में औषधि और सरयू का जल डालकर मूर्ति और नए मंदिर के शिखर को स्नान कराया जाएगा, क्योंकि शिखर में देवता वास करते हैं. इसके बाद शैयाधिवास का अनुष्ठान 20 जनवरी को होगा यानी पूरी रात रामलला शयन करेंगे. इधर, पूरे दिन बाकी अनुष्ठान चलते रहेंगे. इसके बाद मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.

21 जनवरी का कार्यक्रम

ट्रस्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक न्यास पूजा की शुरुआत 21 जनवरी की सुबह होगी. मूर्ति के सिर, ललाट, नाखून, नाक, मुख, कंठ, आंख, बाल, हृदय से लेकर पांव तक में प्राण डालने के लिए दो घंटे तक न्यास मंत्रों का जाप होगा. मूर्ति के सिर से लेकर पांव तक के लिए अलग-अलग मंत्रों का जाप करते हैं. इसे न्यास विद्या कहते हैं। मुहूर्त के दौरान मूर्ति के नीचे सोने की श्लाका और कुशा रखते हैं.

22 जनवरी को श्लाका खींचने के साथ होगी प्राण प्रतिष्ठा

इसके बाद 22 जनवरी को अभिजित मुहूर्त में सुबह 11:30 से दोपहर 12:40 बजे के बीच सोने की श्लाका और कुशा को खींच दिया जाएगा. श्लाका खींच देने पर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा स्वत: हो जाएगी. इसके बाद 56 भोग अर्पित कर भगवान राम की महाआरती होगी. पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.

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