Lucknow: यूपी में इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ एटीएस (Anti-Terrorism Squad) की बड़ी कार्रवाई हुई है. यूपी एटीएस की टीम ने राजधानी लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत अन्य स्थानों में छापे मारे हैं. शनिवार सुबह से लेकर देर रात तक एक साथ चले सर्च ऑपरेशन में अब तक करीब 55 लोगों को हिरासत में लिया गया है. यूपी एटीएस पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों से जुड़े इन लोगों से पूछताछ कर रही है. एटीएस इनके बैंक खातों और आर्थिक लेन-देन की जानकारी भी जुटा रही है. छापेमारी को लेकर फिलहाल आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है. प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में सर्च ऑपरेशन में संदिग्धों को हिरासत में लिए जाने के बाद हड़कंप का माहौल है.
लखनऊ में युवक को उठाने का सीसीटीवी फुटेज आया सामने
राजधानी लखनऊ में एटीएस के विकासनगर से युवक को उठाने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक विकासनगर से एटीएस ने फोटो कॉपी की दुकान से एक युवक को पकड़ा. टीम उसे अपने साथ लेकर चली गई. एटीएस को आशंका है कि इस युवक उसका पिछले दिनों कुर्सी गांव और इटौंजा में पकड़े गए पीएफआई एजेंट से संबंध हैं. वहीं बीकेटी के अचरामऊ गांव में भी एटीएस ने छापेमारी की. पीएफआई से जुड़े दो लोगों को एटीएस ने हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि इनसे पूछताछ की जा रही है. इसके बाद पीएफआई से जुड़े अन्य संदिग्ध गिरफ्तार किए जा सकते हैं. इससे पहले एनआईए ने पीएफआई के लोगों की धरपकड़ के लिए यूपी में कई जगह छापेमारी की थी.
एटीएस की पश्चिमी यूपी-एनसीआर में ताबड़तोड़ छापेमारी
एनसीआर के इलाके मेरठ में लिसाड़ीगेट और कोतवाली थाना क्षेत्र से पांच संदिग्धों को हिरासत में लेने की बात सामने आई है. कहा जा रहा है कि लिसाड़ी गेट इलाके से सपा नेता अब्दुल खालिक अंसारी और मवाना के हीरा लाल मोहल्ला से मोहम्मद मूसा को हिरासत में लिया है. सपा नेता अब्दुल खालिक बुदलंशहर से महानगर अध्यक्ष भी रह चुका है. इसके अलावा पश्चिमी यूपी और एनसीआर में बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद और शामली में भी छापेमारी की गई है.
पूर्वांचल में भी कई संदिग्ध लिए गए हिरासत में
पूर्वांचल में आजमगढ़ में निजामाबाद और मुबारकपुर थाना क्षेत्र से तीन लोगों को हिरास में लिया गया है. वाराणसी में एटीएस ने चार लोगों की धड़पकड़ की है. टीम ने आदमपुर, जैतपुरा, भेलूपुर, सारनाथ, कोतवाली और चौक थाना क्षेत्रों में छापेमारी की.पकड़े गए लोगों के पास से मोबाइल और लैपटॉप से कई संदिग्ध और देश विरोधी गतिविधियों से जुड़ी सामग्री मिलने की बात कही जा रही है. वहीं मुरादाबाद से एक युवक को पकड़ा गया है, जो अपने ब्लाक में पीएफआई का प्रचार-प्रसार करता था.
केंद्र सरकार 2022 में लगा चुकी है प्रतिबंध
दरअसल पीएफआई पर केंद्र सरकार ने 2022 में प्रतिबंध लगा दिया था. पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग कई राज्यों ने की थी. वर्तमान में अभी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी पीएफआई का मुद्दा गरमाया हुआ है. दरअसल इस्लामी आतंकी संगठन सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद उससे जुड़े लोगों ने पीएफआई का गठन किया. पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बावजूद गैरकनूनी तरीके से अपनी गतिविधियों को संचालित करने का आरोप है.