Atique Ahmed News Live: उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद सहित तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इस तरह ये पहला मामला है, जब अतीक को दोषी करार दिया गया है. उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 100 मामले दर्ज हैं. लेकिन, किसी में भी उसे अभी तक सजा नहीं मिल पाई थी. आज उमेश पाल अपहरण केस उसके गले की फांस बन गया और अतीक को एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया. इसमें अतीक और अशरफ सहित 11 लोग आरोपी थे, जिनमें से एक आरोपी अंसार बाबा की पहले ही मौत हो चुकी है. हर पल की अपडेट जानने के लिए बने रहे Prabhat khabar.Com के साथ
लखनऊ. सांसद-विधायक अदालत ने मंगलवार को कथित माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद को अपहरण के एक मामले में सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उसे वापस साबरमती केंद्रीय कारागार (सेंट्रल जेल) के लिए शाम को रवाना कर दिया गया. इसी मामले में दोषमुक्त उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ को बरेली जेल वापस भेज दिया गया.
एमपी एमएलए कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद माफिया अतीक अहमद की तबियत खराब हो गयी है. नैनी जेल के गेट पर कैदी वैन में वह बैठा हुआ है. डाक्टरों की टीम उसका चेकअप कर रही है. करीब चार घंटे हो गये हैं अतीक हो कैदी वैन में बैठे हुए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चेकअक में उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ आया है. डॉक्टरों ने माफिया अतीक को दवाई दी है. (ब्रेकिंग)
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि आज ( मंगलवार ) अतीक अहमद को पहली बार किसी अदालत ने दोषी ठहराया है. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का अतीक अहमद और उसके साथियों ने अपहरण कर लिया था. आज कोर्ट ने इस मामले में अतीक अहमद और उसके 2 साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. हमने राज्य से माफिया के खात्मे का संकल्प लिया है .
उमेश पाल अपहरण कांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अतीक अहमद काे कहां की जेल में रखा जायेगा यह तस्वीर लगभग साफ हो गयी है. अतीक अहमद को अभी गुजरात की साबरमती जेल में स्थानांतरित किया जायेगा. यूपी पुलिस मामले की सुनवाई के लिये लायी थी. माफिया को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साबरमती जेल में रखा गया है. इस कारण उसे नैनी जेल में रखने के लिये सर्वोच्च अदालत में अपील दाखिल करनी होगी.
माफिया अतीक वापस गुजरात की साबरमती जेल जाने के लिये ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएगा. प्रयागराज के एमपी - एमएलए कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद अतीक अहमद ने कोर्ट से गुजारिश की कि उसे साबरमती जेल भेजा जाए. यूपी के डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा है कि अतीक को साबरमती जेल भेजा जायेगा.
अतीक अहमद नैनी सेंट्रल जेल पहुंच गया है. यहां मेडिकल के बाद उसे सजायाफ्ता कैदी के रूप में दी जाने वाली सुविधा दी जायेगी. अभी वह नैनी जेल में रहेगा. अभी कुछ दिन में यह तय हाेगा कि वह स्थायी रूप से नैनी जेल में रहेगा या साबरमती जेल में वापस किया जायेगा. करीब चार दशक बाद उसे किसी मामले में पहली बार सजा हुई है. प्रशासन के आला अधिकारी भी नैनी जेल पहुंच गये हैं.
उमेश पाल अपहरण कांड में सजा सुनाये जाने के बाद माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज की नैनी जेल में ही रखा जायेगा. इसके साथ ही गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती जेल के लौटने के कयास खत्म हो गये हैं. हालांकि उसके भाई अशरफ को बरेली जेल वापस भेजा जा रहा है.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने अशरफ को दोषमुक्त किए जाने को सही नहीं ठहराया. उन्होंने कहा कि अशरफ को दोषमुक्त किया जाना न्याय के हित में नहीं है. अशरफ और अतीक में कोई अंतर नहीं है. दोनों ने मिलकर कई अपराध किए हैं और एक दशक तक आम जनता को परेशान किया है, लोगों के जीवन को अंधकार में डालने का काम किया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद अतीक के शूटर्स का मनोबल बढ़ेगा, उन्हें लगेगा कि बड़े भाई को सजा मिली है. लेकिन छोटा भाई अशरफ दोषमुक्त करार दिया गया है. हमारे पति के मामले में ट्रायल चल रहा है, इन लोगों से लगातार खतरा बना हुआ है. उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पीड़ित परिवार ने कोर्ट के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा हम न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन, हमारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि आगे अतीक को फांसी की सजा दी जाए.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद सहित तीन आरोपियों शौलत हनीफ और दिनेश पासी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही सभी पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया गया है. सजा के ऐलान के बाद अतीक फूट-फूट कर रोया. अतीक को दोषी करार दिए जाने के बाद वकील इस कोशिश में जुटे रहे कि उसको कम से कम सजा दिलाई जा सके. कोर्ट में अतीक के वकीलों ने उसकी बीमारी का भी हवाला दिया. हालांकि कोर्ट ने अतीक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके करीबी शौलत हनीफ और दिनेश पासी को एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने दोषी करार दिया है. इन्हें कुछ देर बाद सजा सुनाई जाएगी. स्पेशल कोर्ट ने अतीक के भाई अशरफ सहित सात आरोपियों को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को लेकर वकीलों में बेहद नारागजी देखने को मिली. उमेश पाल के स्वयं अधिवक्ता होेने के कारण वकीलों ने इस मामले में अतीक अहमद को फांसी देने की मांग को लेकर नारेबाजी की. वकीलों की नारेबाजी को देखते हुए उनसे शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद सभी धाराओं में दोषी करार दिया गया है. इस तरह ये पहला मामला है, जब अतीक को दोषी करार दिया गया है. उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 100 मामले दर्ज हैं. लेकिन, किसी में भी उसे अभी तक सजा नहीं मिल पाई थी. आज उमेश पाल अपहरण केस उसके गले की फांस बन गया और अतीक को एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया. कोर्ट के दोषी करार देने के बाद अतीक और अशरफ गले मिलकर रोए. अतीक को आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की सजा सुनाई जा सकती है.
अतीक अहमद, अशरफ और अन्य आरोपियों के एमपी एमएलए कोर्ट रूम पहुंचने पर मामले में जज ने अपना फैसला सुनाया. अतीक को दोषी करार दिया गया है. थोड़ी देर में सजा का ऐलान होगा. बताया जा रहा है कि कोर्ट में अतीक और अशरफ गले मिलकर रोए. बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में दो अपराधी कोर्ट में नहीं आए थे, जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है.
अतीक अहमद, अशरफ और अन्य आरोपी कोर्ट रूम में पहुंच गए हैं. उनके वकील दयाशंकर पांडेय भी कोर्ट में मौजूद हैं. इसके अलावा अन्य अधिवक्ता भी साथ में हैं. कुछ देर में कोर्ट दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में सजा का ऐलान कर सकता है. वहीं कोर्ट परिसर में पुलिस का सख्त पहरा है. मामले को लेकर बाहर लोगों की भीड़ मौजूद है.
उमेश पाल अपहरण केस में नामजद आरोपियों को लेकर पुलिस कोर्ट परिसर पहुंची. पहले अशरफ को लेकर पुलिस कोर्ट परिसर में पहुंची. इसके बाद अतीक अहमद को दूसरे वाहन से कोर्ट में लाया गया. इन्हें एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किए जाने की कार्रवाई की जा रही है. कुछ देर बाद मामले में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट सजा को लेकर ऐलान कर सकता है.
उमेश पाल अपहरण मामले में अदालत में अतीक अहमद को आज पेश किया जाएगा. नैनी जेल से अतीक अहमद उसके भाई अशरफ को पुलिस कोर्ट में पेश करने के लिए ला रही है. कोर्ट 17 साल पुराने इस मामले में आज फैसला सुना सकती है. संभावना जताया जा रहा है कि अधिक को फांसी या फिर आजीवन कारावास हो सकती है.
उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट में सुनवाई को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि किसी तरह की समस्या नहीं है.अतीक अहमद और अशरफ को लेकर उचित व्यवस्था की गई है. इस बीच स्पेशल कोर्ट ने 19 अधिवक्ताओं की सूची जारी की है. ये अधिवक्ता इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में मौजूद रहेंगे.
उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट के सजा के ऐलान से पहले राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने कहा कि अखिलेश यादव की सोच अपराधियों के खिलाफ है. वह पीड़ित महिलाओं का दर्द समझते हैं. अतीक अहमद को अखिलेश यादव भी पंसद नहीं करते हैं. उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. इसी मामले को लेकर अतीक गिरोह से उनकी अनबन चल रही थी. अतीक गिरोह ने इसे लेकर उमेश पाल का अपहरण भी किया था, जिस पर आज कोर्ट को फैसला सुनाना है.
अतीक अहमद और अशरफ को कोर्ट ले जाने के लिए नैनी जेल से गाड़ियां रवाना हो गई. जेल परिसर से वैन के जरिए अतीक को कोर्ट ले जाया जा रहा है. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. उमेश पाल अपहरण 17 साल पुराने केस में आज फैसला सुनाया जाएगा.
नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह ने बताया कि अतीक अहमद व अशरफ को आज दोपहर 12:30 बजे तक कोर्ट के समक्ष पेश करने के आदेश हैं. थोड़ी देर में पुलिस टीम उन्हें लेकर रवाना होगी. उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट की होगी.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को जिस प्रिजन वैन से कोर्ट में ले जाया जाएगा, वह सामान्य जेल वाहन से अलग है. इसमें सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, साथ ही सुरक्षाकर्मियों का कड़ा घेरा रहेगा. सीसीटीवी कैमरे के जरिए अतीक और उसके भाई की हर पल निगरानी होती रहेगी.
उमेश पाल अपहरण मामले में सजा के ऐलान से पहले प्रयागराज में शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरी ने कहा कि कोर्ट में 10 आरोपियों की सुनवाई चल रही है. एक आरोपी की मौत हो चुकी है. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट के समक्ष आठ गवाह पेश किए. कानून की नजर में हर व्यक्ति समान है. कानून सर्वोच्च है. सजा कोर्ट पर निर्भर करेगी.
उमेश पाल अपहरण केस में अगर अतीक अहमद को सजा होती है, तो ये पहला मामला होगा. अतीक अहमद पर विभिन्न थानों में 100 मामले दर्ज हैं. लेकिन, किसी में भी उसे अभी तक सजा नहीं मिल पाई है. आज उमेश पाल अपहरण केस उसके गले की फांस बन सकता है. अतीक अहमद और अशरफ को अदालत ले जाने के लिए वज्र वाहन जेल परिसर में लाया जा चुका है. दोनों को अलग-अलग वाहन से कोर्ट में ले जाया जाएगा.
उमेश पाल अपहरण मामले में आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कुछ देर बााद सुबह 11 बजे एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसकी तैयारी कर ली गई है. दोनों को प्रिजन वैन से कोर्ट में ले जाया जाएगा. उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे. कोर्ट उमेश पाल अपहरण कांड में फैसला सुना सकता है. इसे लेकर कोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
अतीक अहमद ने अपने खिलाफ अन्य मामलों की तरह उमेश पाल अपहरण केस में भी बचने की पूरी कोशिश की. मामले का ट्रायल पूरा नहीं हो सके, इसके लिए वह लगातार अर्जियां लगाता रहा. लेकिन उमेश पाल की हाई कोर्ट में दायर याचिका के बाद उसकी एक नहीं चली. कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दो महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया. इसके बाद से रोजाना सुनवाई होने लगी. उमेश पाल की हत्या वाले दिन 24 फरवरी, 2023 को भी वह कोर्ट गए थे.
उमेश पाल अपहरण केस को लेकर वर्ष 2007 में तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश पासी, खान सौकत हनीफ, अंसार बाबा के खिलाफ अपहरण कर विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अपने पक्ष में बयान करने का आरोप लगाया था. विवेचना के दौरान जावेद उर्फ बज्जू, फरहान, आबिद, इसरार, आसिफ उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर का नाम सामने आया. मामले में अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए, जबकि अतीक, अशरफ सहित अन्य आरोपियों ने अपने बचाव के लिए कुल 54 गवाह पेश किए गए.
उमेश पाल अपहरण केस में सजा सुनाए जाने को लेकर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को अलग-अलग प्रिजन वैन से कोर्ट में ले जाया जाएगा. बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया जा रहा है. इस दौरान जेल से लेकर कोर्ट तक करीब 13 गाड़ियों में पुलिस कर्मी मौजूद रहेंगे. जेल से कोर्ट तक चप्पे चप्पे पर पुलिस की मौजूदगी रहेगी.
उमेश पाल अपहरण केस में सजा के ऐलान से पहले उनकी पत्नी जया पाल ने कहा कि अतीक अहमद को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इन लोगों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि भविष्य में कोई दूसरा अतीक और अशरफ पैदा नहीं हो, जो जेल में रहकर भी दूसरे की हत्या करा सके. जया पाल ने कहा कि वह घर में रहकर कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगी.
उमेश पाल अपहरण केस में आज सजा के ऐलान से पहले उमेश की मां शांति पाल ने कहा कि वह विकलांग हैं, कोर्ट में जाने की स्थिति में नहीं है. वहीं उनके परिवार के कोर्ट जाने पर जान का खतरा है. इस वजह से वह किसी को अदालत में नहीं भेजेंगी. उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों की सुरक्षा बढ़ाई गई है. लेकिन इसके हटाने पर हम लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा.
उमेश पाल अपहरण केस में आज सजा के ऐलान से पहले उमेश की मां शांति पाल ने कहा कि उनके बेटे ने लंबे समय तक इसे केस को कोर्ट में लड़ा. जब मामला पूरा होने वाला था, तो उसकी हत्या कर दी गई. अब अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ को फांसी की सजा मिलने पर ही बेटे की आत्मा को शांति मिलेगी.
उमेश पाल ने वर्ष 2006 में हुए अपने अपहरण मामले में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की. लेकिन, तत्कालीन सपा सरकार में अतीक अहमद के रसूख के आगे मामला दर्ज नहीं हो सका. उमेश पाल ने मायावती सरकार बनने के बाद 5 जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश पासी, खान सौकत हनीफ, अंसार बाबा के खिलाफ अपहरण कर विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अपने पक्ष में बयान करने का आरोप लगाया था. इस मामले में धूमनगंज पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 364, 323, 341, 342, 504, 506, 34, 120बी और सेवन सीएल अमेंडमेंट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की.
अतीक अहमद उमेश पाल अपहरण केस के लिए प्रयागराज लाया गया है. राजू पाल हत्याकांड के अगले साल 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर अतीक अहमद के कर्बला स्थित कार्यालय ले जाया गया था. आरोप है कि अतीक और उसके भाई अशरफ ने राजू पाल मर्डर केस में गवाही बदलने के लिए उमेश पाल पर खूब दबाव डाला. इसके दूसरे दिन एक मार्च 2006 को अदालत में ले जाकर अपने पक्ष में गवाही दर्ज करा ली थी. तब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. आरोप है कि उमेश पाल की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी.
उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ सहित अन्य आरोपियों की मुश्किलें मंगलवार को बढ़ सकती हैं. इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. केस को लेकर अतीक को गुजरात के साबरमती और अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया है. दोनों को नैनी जेल में रखा गया है, जहां से उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.
लखनऊ. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को नैनी जेल प्रशासन ने अलग- अलग सेल में रखा है. सभी को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है. जेलर स्तर के पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह सीसीटीवी कंट्रोल रूम की नियमित निगरानी करें. जेल के अंदर जिन जेल कर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है उनका चयन स्क्रीनिंग कर किया गया है्. बेदाग, तेजतर्रार और ईमानदार कर्मियों को अतीक गैंग वाली सेल के बाहर लगाया गया है. इससे पूर्व उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा है कि राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. योगी जी ने प्रदेश में माफियाओं के गठजोड़ को खत्म किया है. पिछली सरकारों के दौरान ये लोग इनसे संरक्षण के कारण शक्तिशाली हो गए थे. अतीक अहमद के भाई अशरफ के मामले में यूपी सरकार कोर्ट के आदेश का पालन कर रही है. राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल लाने पर उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा है कि अतीक अहमद आदि को लेकर हमने कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था कर रखी है. जैसे कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर वो समय से जेल पहुंचता है तो उसे (अतीक अहमद) जेल में रखा जाए. हमने कैमरे की व्यवस्था की और उसे कड़ी सुरक्षा में रखा जाएगा.
माफिया से नेता बने अतीक अहमद के भाई अशरफ को लेकर पुलिस वैन प्रयागराज पहुंची अशरफ को अपहरण के मामले में प्रयागराज जेल में स्थानांतरित किया जा रहा है. इसमें अतीक भी आरोपी है. अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया है. तीसरे आरोपी फरहान को भी नैनी जेल लाया गया है.
अतीक अहमद एक घंटे में प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचने की उम्मीद है. उसको लेकर नैनी जेल में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रहेगा. तन्हाई सेल में उसे रखा जायेगा. वहीं प्रयागराज पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. कोर्ट थोड़ी देर में सुनवाई करेगा. पुलिस ने अतीक से पूछताछ के लिये उसे रिमांड पर लेने का अनुरोध किया है. वहीं, उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा है कि राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
गैंगस्टर से राजनेता बने माफिया अतीक अहमद को सीधे नैनी जेल में ले जाया जायेगा. जेल प्रशासन ने इसको लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शाम छह बजे के करीब पुलिस उसे नैनी जेल लेकर पहुंचेगी. अतीक अहमद के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. अतीक प्रयागराज से करीब 150 किमी दूर है. वहीं भाई अशरफ लखनऊ- प्रयागराज के रास्ते में हैं. दोनों भाइयों को उमेश पाल अपहरण कांड में कोर्ट में पेश करेगी.
अतीक अहमद को लेकर काफिला लगातार आगे बढ़ रहा है. जालौन में पेट्रोल पंप पर गाड़ियों को थोड़ी देर रोकने के बाद अभी तक कहीं भी काफिला नहीं रोका गया है. अतीक का काफिला झांसी-कानपुर हाईवे से होते हुए एट पहुंचा. एट टोल प्लाजा से गुजरकर काफिला कैथेरी से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर चढ़ा. यहां से सीधे चित्रकूट होते हुए प्रयागराज के लिए कूच कर गया. उसके पीछे मीडिया के साथ बहन की गाड़ी भी चल रही है. कुछ घंटों बाद अतीक अहमद कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज पहुंचेगा.
अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया जा रहा है. जालौन में पेट्रोल पंप से रवाना होने के बाद अतीक का काफिला आगे बढ़ रहा है. उसके प्रयागराज पहुंचने को लेकर राजधानी में अफसरों को हर पल की अपडेट दी जा रही है. जहां जहां आवश्यकता होने पर काफिले को रोका जा रहा है, उसके बारे में भी अफसरों को बताया जा रहा है. इस बीच भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने एक बार फिर अतीक को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अतीक अहमद यूपी पहुंच चुका है. गाड़ी को पलटना होगा तो पलट ही जाएगी. उन्होंने कहा, 'मैं तो चाहता हूं गाड़ी पलट जाए'. सत्ता के सरक्षण से अतीक अहमद आगे बढ़ा है. अतीक अहमद को कठोर सज़ा मिलनी चाहिए.
झांसी से अतीक अहमद को लेकर रवाना होने के बाद काफिला जालौन में कुछ देर पेट्रोल पंप पर रुका, जहां गाड़ियों में पेट्रोल डलवाया गया. इस दौरान अतीक प्रिजन वैन में ही मौजूद रहा. पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही सुरक्षाकर्मियों ने उसकी गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया. इसके बाद अतीक का काफिला आगे रवाना हो गया. साबरमती जेल से लेकर अब तक पूरे रास्ते में पुलिस का काफिला 10वीं बार रुका.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद के साथ उसके भाई अशरफ को भी प्रयागराज से लाया जा रहा है. अशरफ को कड़ी सुरक्षा के बीच बरेली जेल से प्रयागराज के लिए पुलिस लेकर रवाना हुई. अशरफ का काफिला जल्द ही सीतापुर की सीमा में दाखिल होगा. अशरफ का काफिला उचौलिया से लखीमपुर के जंग बहादुर गंज, हरदोई के जहानीखेड़ा, लखीमपुर जनपद के मैगलगंज होते हुए सीतापुर की सीमा में दाखिल होगा. अशरफ को मंगलवार को कोर्ट में पेश किए जाने से पहले प्रयागराज जिला कारागार में रखा जाएगा.
झांसी से रवाना होने के बाद अतीक का काफिला बीच में पेट्रोल पंप पर रोका गया. अतीक की प्रिजन वैन के रुकते ही सुरक्षाकर्मियों ने उसे चारों तरफ से घेर लिया. इस दौरान मीडियाकर्मियों को उससे बातचीत नहीं करने दी गई. अतीक गाड़ी के अंदर ही बैठा रहा.
अतीक अहमद को यूपी लाए जाने के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में उसे पुलिस अभिरक्षा में लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा. प्रदेश सरकार शुचिता और पारदर्शिता के साथ अपना काम कर रही है. उन्होंने अतीक अहमद के रास्ते में एनकाउंटर की आशंका पर कहा कि आशंका से कुछ नहीं होता. हम अदालत के निर्णय का पालन कर रहे हैं. प्रदेश में कानून का राज स्थापित है. गुंडों और माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं अतीक अहमद को मंगलवार को उमेश पाल अपहरण कांड में सजा मिलने को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि पहले से ही अभियोजन पक्ष को कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं. यूपी पूरे देश में अभियोजन मामले में बेहतर पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाने में पहले स्थान पर है.
उमेश पाल अपहरण कांड मामले में अतीक अहमद आज शाम प्रयागराज पहुंच जाएगा. इस बीच उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि सजा मिलने से क्या होगा. जिस तरह से मेरे बेटे को मारा गया है, उसकी तरह इसका भी एनकाउंटर होना चाहिए. उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि जब तक अतीक अहमद और उसके पूरे परिवार को सजा नहीं मिलेगी, तब तक हमें सुकून नहीं मिलेगा.
अतीक को लेकर यूपी पुलिस झांसी से प्रयागराज के लिए रवाना हो गई है. इस दौरान उसकी सुरक्षा व्यवस्था में लगी गाड़ियों में इजाफा किया गया. इससे पहले शिवपुरी रोड पर थाना रक्सा के पास अतीक की वैन से अचानक एक गाय टकरा गई. चालक ने तुरंत ब्रेक लगाया. लेकिन, गाड़ी की चपेट में आने से गाय की मौके पर मौत हो गई. इसके बाद गाड़ी कुछ देर के लिए वहां रोकी गई. इसके बाद अतीक को झांसी रिजर्व पुलिस लाइन ले जाया गया.
उमेश पाल अपहरण कांड मामले में आरोपी अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. रविवार शाम यूपी एसटीएफ की टीम अतीक को कड़ी सुरक्षा के घेरे में लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई. राजस्थान और मध्य प्रदेश से होता हुआ अतीक का काफिला सोमवार सुबह झांसी से यूपी की सीमा में दाखिल हुआ. जहां रिजर्व पुलिस लाइन में उसे रोका गया. करीब डेढ़ घंटे के बाद काफिला प्रयागराज के लिए रवाना हुआ.
अतीक अहमद को झांसी रिजर्व पुलिस लाइन ले जाने के दौरान परिवार के सदस्य भी काफिले के पीछे पहुंचे. इस दौरान अतीक की बहन ने भाई के एनकाउंटर की आशंका जताते हुए कहा कि सड़क मार्ग से लाए जाने की जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा कि भाई की तबीयत ठीक नहीं है. उन्होंने पुलिस लाइन में काफिला रोके जाने को भी गलत ठहराया. अतीक की बहन ने कहा कि भाई अशरफ को भी प्रयागराज लाया जा रहा है. उन्हें असद के बारे में कोई जानकारी नहीं है और भाभी शाइस्ता परवीन का भी कुछ पता नहीं है. अतीक की बहन वकील के साथ काफिले के पीछे चल रही हैं.
अतीक अहमद को प्रयागराज लाए जाने के दौरान उसके परिवार के सदस्य भी काफिले के पीछे चल रहे हैं. परिवार की कुछ महिलाएं भी गाड़ी से झांसी पहुंची. इस दौरान उन्होंने कहा कि मीडिया से उन्हें अतीक के लाए जाने के रूट की जानकारी मिली. वह लोग कोटा से काफिले के पीछे चल रहे हैं. परिवार की एक महिला ने बताया कि उमेश पाल अपहरण कांड में 28 मार्च को कोर्ट जो फैसला सुनाएगा, वह हमें मान्य होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अन्य लोग काफिले के पीछे चल रहे हैं, उसी तरह हम लोग भी कोटा से साथ होंगे. बाकी इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
अतीक अहमद के झांसी रिजर्व पुलिस लाइन पहुंचने के बीच उसके भाई अशरफ को लेकर पुलिस प्रयागराज के लिए रवाना हो गई है. अशरफ को बरेली जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया जा रहा है. प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल अपहरण कांड में 28 मार्च को सजा सुनाई जा सकती है. इस अपहरण कांड में माफिया अतीक अहमद के साथ उसका छोटा भाई अशरफ भी आरोपी है. अशरफ करीब ढाई साल से बरेली जिला जेल में बंद है. उसे न्यालालय में पेश करने के लिए प्रयागराज पुलिस की टीम रविवार देर रात बरेली पहुंचीं. वहीं सोमवार को बरेली से निकलने के दौरान अशरफ ने कहा कि उसे डर लग रहा है, उसे भी खतरा है.
माफिया अतीक को प्रयागराज लाए जाने के बीच काफिले ने यूपी में प्रवेश कर लिया है. कड़ी सुरक्षा के बीच काफिला झांसी की सीमा में दाखिल हुआ.झांसी के रक्सा, सीपरी और पूंछ क्षेत्र होते हुए काफिला गुजरेगा. इसके लिए सभी थाना क्षेत्रों में पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं. वहीं राजधानी लखनऊ में आला अफसर इस संबंध में लगातार जानकारी ले रहे हैं. इसी रास्ते से कानपुर के चर्चित विकास दुबे को भी लाया गया था, इसके बाद वह मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई थी.
अतीक अहमद को यूपी लाये जाने के मामले में सियासत तेज होती जा रही है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि हत्या अपहरण सहित अनेक गंभीर अपराधों में वांछित अतीक और अशरफ़ के मामले में क़ानून अपना काम कर रहा है और करेगा. सपा बहादुर अखिलेश यादव की बयानबाज़ी का कोई औचित्य नहीं! उन्हें अतीक अशरफ़ का बचाव अथवा मदद करना है तो कोर्ट में करें, बार-बार पुलिस को धमकी न दें!
अतीक अहमद को यूपी लाए जाने के दौरान झांसी पुलिस भी अलर्ट है. मध्य प्रदेश की सीमा के बाद काफिला प्रदेश के झांसी जनपद में दाखिल होगा. इसके साथ ही यूपी की सीमा की शुरुआत हो जाएगी. अतीक अहमद के झांसी से गुजरने के दौरान पुलिस पहले से खास सतर्कता बरत रही है. झांसी के तीन थाना क्षेत्रों से होते हुए अतीक को लाया जाएगा. झांसी के रक्सा, सीपरी और पूंछ क्षेत्र होते हुए काफिला गुजरेगा. इसके लिए सभी थाना क्षेत्रों में पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं. कानपुर रोड के रास्ते काफिला निकलने की संभावना है.
अतीक अहमद को साबरमती जेल से लाए जाने के दौरान पुलिस बेहद सतर्कता बरत रही है. अभी तक केवल चुनिंदा जगहों पर ही कुछ देर के लिए काफिला रोका गया है. अतीक इस सीमा मध्य प्रदेश की सीमा में है. इसके बाद झांसी से ये काफिला उत्तर प्रदेश में दाखिल होगा. खास बात है कि जो अतीक रविवार को साबरमती जेल से निकलने के दौरान डरा हुआ था और अपनी जान पर खतरा जता रहा था, वह सुबह निश्चिंत नजर आया. मध्य प्रदेश में टायॅलेट के लिए रोकने के दौरान उसके पीछे चल रहे मीडियाकर्मियों ने जब उससे डर को लेकर सवाल किया तो अतीक ने बेखौफ अंदाज में कहा 'काहे का डर.'
अतीक अहमद को अहमदाबाद की साबरमती जेल से यूपी लाया जा रहा है. कड़ी सुरक्षा के बीच अब ये काफिला मध्य प्रदेश के शिवपुरी पहुंच गया है. रविवार शाम से अतीक का यूपी वापसी का सफर जारी है. हर कदम पर अधिकारी इसकी अपडेट ले रहे हैं. इस काम में 45 सदस्यीय टीम लगाई गई है. इसमें दो आईपीएस और तीन डीएसपी के अलावा 40 पुलिस कांस्टेबल लगाए गए हैं. पुलिस आज रात में अतीक को लेकर प्रयागराज पहुंचेगी.
माफिया अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच यूपी पुलिस अपने साथ प्रयागराज ला रही है. रविवार के बाद सोमवार सुबह अतीक को लेकर काफिला कोटा से आगे निकल गया है. बताया जा रहा है कि काफिले का अगला पड़ाव मध्य प्रदेश का शिवपुरी होगा. अतीक को साबरमती जेल से निकले 12 घंटे से अधिक का समय हो गया है. इस दौरान बीच में कुछ जगह थोड़ी देर के लिए काफिला रोका गया.
साबरमती जेल से ले जाने के बाद अतीक अहमद के वाहन को उदयपुर के बाईपास पर फिर रोका गया. जानकारी के अनुसार बाईपास पर पेट्रोल पंप के पास इस बार काफिले को रोका गया है. अतीक को कड़ी सुरक्षा में प्रयागराज पुलिस अपने साथ लेकर आ रही है. तीन बोलेरो और दो वज्र वाहनों से एसटीएफ और पुलिस की टीम साबरमती जेल से अतीक को प्रिजन वैन में बैठाकर रवाना हुई.
साबरमती जेल से रवानगी के बाद अतीक को लेकर यूपी एसटीएफ का काफिला राजस्थान के उदयपुर में दाखिल हुआ. यहां ऋषभदेव में काफिले को कुछ देर के लिए रोका गया. थोड़ी देर के ब्रेक के बाद अतीक को फिर प्रिजन वैन में बैठाया गया और काफिला आगे की ओर बढ़ गया. अतीक के सोमवार शाम तक प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है.
अतीक अहमद को गुजरात से लाने के मद्देनजर प्रयागराज में पूरी तैयारी कर ली गई है. कहा जा रहा है कि माफिया को नैनी जेल में रखा जाएगा. यहां सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया है. जेल के बाहर भी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. अतीक को नैनी जेल से ही कोर्ट में पेश किया जाएगा.
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