लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कल कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी के पर्सनल सिक्योरिटी अफसर (पीएसओ) की जिद प्रदेश सरकार को काफी महंगी पड़ेगी. लोहिया इंस्टीट्यूट की एमआरआइ मशीन में मंत्री के इस पीएसओ की पिस्टल चले जाने के कारण मशीन बंद है. यहां पर अब 15 दिन तक एमआरआइ मशीन नहीं चलेगी, इसके साथ ही मशीन को ठीक कराने में करीब 52 लाख रुपए की धनराशि खर्च होगी.
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लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कल कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी के पर्सनल सिक्योरिटी अफसर (पीएसओ) की जिद प्रदेश सरकार को काफी महंगी पड़ेगी. लोहिया इंस्टीट्यूट की एमआरआइ मशीन में मंत्री के इस पीएसओ की पिस्टल चले जाने के कारण मशीन बंद है. यहां पर अब 15 दिन […]
डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में विप्रो जी कंपनी की मशीन लगी है. इस मशीन की कीमत पांच करोड़ रुपया है। कल के हादसे के बाद आज कंपनी के इंजीनियर लखनऊ में थे. इन सभी ने मशीन की जांच की। इसके बाद कंपनी ने इसे दुर्घटना बताया है. कंपनी का एएमसी करार दुर्घटना के मामले में लागू नहीं होगा। कंपनी के इंजीनियर ने एमआरआइ मशीन को ठीक करने के लिए 52 लाख रुपए का एस्टीमेट संस्थान प्रसाशन को सौंपा है. इंजीनियर ने बताया कि मशीन को ठीक होने में कम से कम 15 दिन का समय लगेगा. तब तक लोहिया संस्थान में एमआरआइ का काम नहीं होगा.
इंजीनियर्स की टीम के मशीन का निरीक्षण करने के बाद संस्थान के प्रशासन की बैठक हुई. इसमें निदेशक, संयुक्त निदेशक के साथ वित्तीय नियंत्रक भी थे. करीब दो घण्टे तक चली बैठक के बाद कंपनी के इस मशीन को ठीक करने के लिए सौंपा गया 52 लाख रुपए का इस्टीमेट पास किया गया.
*घटना पर जांच कमेटी गठित*
इसके साथ ही घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी के अध्यक्ष डीन डॉ मुकुल मिश्रा, सचिव चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुब्रत चंद्रा और सदस्य रेडियोलॉजी विभाग की हेड डॉ रागिनी सिंह बनाई गयी हैं. यह टीम इस घटना में हुई चूक के कारण जानने के साथ ही अब भविष्य में घटना न हो इसके लिए योजना तैयार करेगी.
अस्पताल में शस्त्र प्रतिबंधित
चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुब्रत चंद्रा ने कहा कि लोहिया संस्थान में मेडिकल प्रोटोकाल को फॉलो किया जाएगा. अब सुरक्षा प्रभारी को ओपीडी के साथ ही पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी व अन्य क्लिनिकल डिपार्टमेंट में किसी भी व्यक्ति को अस्त्र के साथ प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए है. अब भविष्य में होने वाली किसी दुर्घटना से बचाव के सारे प्रयाग होंगे.
विदेश से आएगी हीलियम गैस
मशीन की मैग्नेटिक फील्ड डिफ्यूज की जाएगी. इसके बाद मशीन में पड़ी 2500 लीटर से अधिक हीलियम गैस निकाली जाएगी. यह महंगी गैस विदेश से मंगवाकर दोबारा मशीन में डाली जाएगी. जिससे यह फिर से कार्य करने लायक होगी.
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