लखनऊ : मुलायम -अखिलेश के बीच चल रहे विवाद को लेकर सुलह की कोशिशे अब भी जारी है. इस बीच मुलायम सिंह व शिवपाल यादव दिल्ली से लखनऊ लौट आये हैं. आज समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने अखिलेश से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि आजम खां मध्यस्तथा की भूमिका निभा रहे हैं.
समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण की जंग जारी रहने के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने आज अपने करीबी भरोसेमंद अमर सिंह से सलाह मशविरा किया. यह मुलाकात इन अटकलों के बीच हुई है कि वे 50 प्रतिशत से अधिक विधायकों और पदाधिकारियों के समर्थन वाले पत्र के साथ चुनाव आयोग जा सकते हैं.
जहां एक ओर मुलायम के करीबियों का कहना है कि उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करने के लिए समय मांगा है, वहीं आयोग ने इस बात से इंकार किया कि मिलने का समय मांगा गया है.इसके बाद शाम में दिल्ली आने के कुछ घंटे बाद मुलायम आयोग में गए बिना अपने भाई शिवपाल के साथ लखनउ लौट गये. आयोग के सूत्रों ने कहा कि उन्हें सपा संस्थापक की तरफ से कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ है.
एक अधिकारी ने दावा किया, ‘‘दरअसल, उनके पक्ष ने राम गोपाल यादव को राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाने के लिए पत्र अब तक नहीं सौंपा है.’ ‘समाजवादी पार्टी’ का नाम और इसका चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ अपने पास रखने के प्रयास में मुलायम और शिवपाल आयोग को समर्थन की जानकारी देने के लिए आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी आए थे जबकि उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव अपने लखनऊ आधिकारिक आवास पर बहुमत के समर्थन के अपने दावे के पक्ष में हस्ताक्षर वाले हलफनामे एकत्रित करते रहे.सूत्रों का दावा है कि अखिलेश ने 200 से अधिक विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों के हलफनामे प्राप्त किये हैं