आगरा : प्रेम के प्रतीक ताजमहल की खूबसूरती पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है. खबर है कि ताजमहल के सफेद संगमरमर पर हरे और काले धब्बे उभर आये हैं, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कीटों का संक्रमण बढ़ रहा है. ताजमहल यमुना के किनारे स्थित है और यह कीटों के पनपने का स्थायी स्थल हो गया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार यहां अब यह समस्या स्थायी रूप से व्याप्त हो गयी है.
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‘ताज’ पर लगा दाग,पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने फिर चेताया
आगरा : प्रेम के प्रतीक ताजमहल की खूबसूरती पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है. खबर है कि ताजमहल के सफेद संगमरमर पर हरे और काले धब्बे उभर आये हैं, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कीटों का संक्रमण बढ़ रहा है. ताजमहल यमुना के किनारे स्थित है और यह कीटों के पनपने का […]
पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार ताजमहल के संगमरमर पर जो हरे और काले निशान बन रहे हैं वह विशेष प्रकार के कीटों के मलमूत्र के जमा होने से बन रहे हैं. इन कीटों में मक्खी-मच्छर सहित पानी में पनपने वाले कई कीट शामिल हैं. विभाग के अनुसार यह कीट अपने मलमूत्र से ताजमहल की खूबसूरत डिजाइन और संगमरमर को नुकसान पहुंचा रहा है. इससे ताजमहल के फर्श और छत के भव्य और आकर्षक डिजाइन को नुकसान पहुंच रहा है. पहले सिर्फ अप्रैल और अक्तूबर के माह में ताजमहल को इन कीटों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब यह समस्या पूरे साल देखने को मिल रही है.
पुरातत्व विभाग के एक कर्मचारी ने मीडिया को बताया कि इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि यमुना नदी को साफ किया जाये, फिलहाल हर शुक्रवार को ताजमहल की दीवारों को साफ किया जा रहा है. यह प्रयास किया जाता है कि सफाई के दौरान ताजमहल के संगमरमर को किसी तरह का नुकसान ना हो. विभाग ने यह सलाह भी दी है कि यमुना में फैक्टरी का कचड़ा और गंदा पानी नहीं छोड़ा जाये, लेकिन अबतक इस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया है जिसके कारण ताजमहल की खूबसूरती पर खतरा मंडरा रहा है.
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