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…अब इंतजार है योगी मंत्रिमंडल के विस्तार का, होगी कई मंत्रियों की छुट्टी और नये लोगों की इंट्री

समाज में प्रभावी नेताओं को मिलेगी तवज्जो हरीश तिवारी@लखनऊ अगर सब ठीक-ठाक रहा तो योगी सरकार अगले महीने की शुरूआत में अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करेगी. इसके लिए भाजपा नेता अरसे से उम्मीद लगाये हुए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कैराना चुनाव में जिम्मेदारी संभाल चुके नेताओं को मंत्रिमंडल में तव्‍वजो मिलेगी. लेकिन […]

समाज में प्रभावी नेताओं को मिलेगी तवज्जो

हरीश तिवारी@लखनऊ

अगर सब ठीक-ठाक रहा तो योगी सरकार अगले महीने की शुरूआत में अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करेगी. इसके लिए भाजपा नेता अरसे से उम्मीद लगाये हुए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कैराना चुनाव में जिम्मेदारी संभाल चुके नेताओं को मंत्रिमंडल में तव्‍वजो मिलेगी. लेकिन उन मंत्रियों के लिए भी बुरी खबर है, जिनका संघ और संगठन के पास गलत फीडबैक है. लिहाजा माना जा रहा है कि योगी सरकार ऐसे मंत्रियों की छुट्टी भी करेगी. जिनको लेकर जनता में नाराजगी है.

प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भाजपा सरकार को बने हुए एक साल से ज्यादा हो गया है. अगले साल देशभर में लोकसभा चुनाव होने हैं. लिहाजा मंत्रिमंडल का पुगर्गठन किया जाना है. इसके लिए पार्टी नेता उम्मीद लगाये हुए हैं. पिछले एक साल के दौरान राज्य में राज्यसभा चुनाव, विधानपरिषद का चुनाव और तीन लोकसभा के उपचुनाव और एक विधानसभा का उपचुनाव हुआ है.

राज्यसभा और विधानपरिषद के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज की और पार्टी का मैनेजमेंट राज्यसभा की नवीं सीट को जीतने में भी कामयाब रहा. जिसके कारण विपक्ष को महज एक सीट मिली. लेकिन पार्टी को सबसे बड़ा छटका गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर मिला जहां उपचुनाव में पार्टी को करारी शिकस्त मिली औऱ दोनों सीट गंवानी पड़ी.वहीं कैराना और नूरपुर में हुए उपचुनाव में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी. लिहाजा इसके बाद मंत्रिमंडल में विस्तार तय है.

ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय और सामाजिक समीकरणों के मुताबिक मंत्रिमंडल में विस्तार होगा. जिन नेताओं का अपने समाज में प्रभाव है उन्हें मंत्री बनाया जाना है. इसके साथ ही कुछ मंत्रियों का सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया जाना है. इसके उनके एक साल की रिपोर्ट के आधार बनाया जायेगा. ऐसे मंत्रियों को संगठन में जगह दी जायेगी. ताकि उनकी नाराजगी कम की जा सके.

फिलहाल योगी सरकार का 47 सदस्यीय मंत्रिमंडल है और इसे बढ़ाकर 60 किया जा सकता है. मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में नये बने एमएलसी और कुछ भाजपा के केंद्रीय संगठन में भूमिका निभाने वाले प्रदेश के बड़े नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह देकर सरकार का साफ-सुथरा चेहरा होने का संदेश दिया जायेगा. पिछले एक साल में प्रभावी भूमिका निभाने वाले कुछ विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों को भी मंत्री बनाया जा सकता है.

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