18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूपी भाजपा नेताओं की खुलेगी किस्मत, बनेंगे निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

हरीश तिवारी लखनऊ: कर्नाटक चुनाव के परिणाम मंगलवार को आने वाले हैं. कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनेगी या नहीं. यह तो कल के बाद ही मालूम चलेगा. लेकिन, यह तय है कि कल के बाद कभी भी यूपी भाजपा नेताओं की किस्मत चमक सकती है. कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद कभी भी राज्य […]

हरीश तिवारी

लखनऊ: कर्नाटक चुनाव के परिणाम मंगलवार को आने वाले हैं. कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनेगी या नहीं. यह तो कल के बाद ही मालूम चलेगा. लेकिन, यह तय है कि कल के बाद कभी भी यूपी भाजपा नेताओं की किस्मत चमक सकती है. कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद कभी भी राज्य सरकार निगमों, आयोगों और बोर्डों में खाली पड़े अध्यक्षों और उपाध्यक्ष के पदों पर नियुक्ति कर सकती है.

आज दिल्ली में भाजपा आलाकमान की प्रदेश नेतृत्व के साथ मुलाकात है. इस मुलाकात में इस मुद्दे पर भी विचार किया जाना है. लिहाजा वहां से इस पर हरी झंडी मिलने की उम्मीद की जा रही है. अगर सब ठीक ठाक रहा तो अगले हफ्ते तक इन पदों पर नियुक्ति शुरू हो जायेगी. प्रदेश में भाजपा की सरकार बने एक साल से ज्यादा का हो गया है और पार्टी संगठन की तरफ से निगमों के अध्यक्षों के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति करने के लिए सरकार को लिखा जा चुका है. ताकि कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्मान दिया जा सके और नाराज नेताओं की नाराजगी दूर की जा सके. इन नामित पदों की तादाद 350 के आसपास है.

पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय और सामाजिक समीकरणों के मुताबिक अपने समाज के जिन प्रभावी नेताओं के नाम की अनुशंसा करेगी, सरकार उस पर सहमति जताकर आदेश जारी करेगी. राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त इन नामित पदों पर विभिन्न जातियों के प्रभावशाली नेताओं को बिठाने के लिए उसने एक फार्मूला बनाया है. इसके तहत अति पिछड़ी व पिछड़ी जातियों को 50 फीसदी और अति दलित व दलितों को 15 फीसदी नामित पद देगी. इस तरह पिछड़ों व दलितों को 65 फीसदी देने के बाद बाकी 35 फीसदी अगड़ी जातियों को इन नामित पदों में हिस्सा देगी.

इन पदों के लिए कई नेताओं ने बड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा शुरू कर दिया तो कुछ ने दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं से संपर्कों के जरिए साधना शुरू कर दिया है. उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते तक पार्टी इन पदों के लिए नामों की घोषणा कर सकती है.

इसके साथ ही योगी जून के पहले हफ्ते में अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर सकते हैं. अभी उनको मिलाकर 47 सदस्यीय मंत्रिमंडल है. जबकि, इसमें 13 और मंत्रियों का समाहित किया जा सकता है. इसके तहत मंत्रियों के कामकाज की एक साल की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ समीक्षा कर करीब एक दर्जन मंत्रियों की छुट्टी कर सकते हैं तो इतने ही बड़े मंत्रियों के विभागों में फेरबदल कर सकते हैं. मंत्रिमंडल से हटाए जाने वाले कुछ मंत्रियों को संगठन के काम में लगाया जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें