लखनऊ / शाहजहांपुर : नाबालिग से रेप के मामले में जोधपुर की अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद पीड़िता ने राहत की सांस ली है. घटना से सहमी हुई पीड़िता ने आखिरकार खुद के ऊपर किये गये जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करने का फैसला किया. पीड़िता के साथ जब यह घटना हुई, उससमय उसकी उम्र मात्र 16 वर्ष की नाबालिग थी. अब जुलाई माह में 21वें वर्ष में प्रवेश करनेवाली पीड़िता ने कहा कि ‘पांच साल के बाद मेरी नजरबंदी खत्म हुई है.’
पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि ‘इतने बड़े आदमी के खिलाफ आवाज उठाने के कारण दहशत के माहौल में रहना पड़ता था. पिछले पांच सालों में कई लोगों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा. गवाहों को भी मार दिया गया. मेरी शिक्षा बाधित हुई. मेरे परिवार को डराया-धमकाया गया. पिछले पांच सालों के दौरान घर से बाहर निकलने के दौरान डर के साये में रहती थी. बार-बार पीछे देखती रहती थी कि कोई पीछा तो नहीं कर रहा. कई बार तो मेरे पास से गुजरनेवाले लोग कभी गाली देते, तो कभी अश्लील कॉमेंट करते. धमकियां भी मिलती थी.’
पीड़िता ने आगे कहा कि ‘अपराध किसी और ने किया था, लेकिन डर के साये में मुझे रहना पड़ता था. एक तरह से कहें कि पिछले पांच वर्षों से मुझे घर में ही नजरबंद रहना पड़ा. यह सब एक डरावना सपने जैसा लगता है.’ टीवी पर सजा सुनाये जाने के बाद पीड़िता ने कहा, ‘न्याय की जीत हुई है.’ अदालत के फैसले से लोगों में डर पैदा होगा. साथ ही समाज में संदेश भी जायेगा. पीड़िता ने बताया कि ‘अभी मैं बीकॉम कर रही हूं. अब मैं अपने भविष्य के बारे में सोच सकूंगी. आम लड़कियों की तरह जिंदगी जी सकूंगी.’