KANPUR NEWS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को शहर के दौरे पर रहेंगे और इस दौरान उनके लिए जो भोजन तैयार किया जाएगा, वह पूरी तरह से सादगी और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है. पीएमओ की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि भोजन ऐसा हो जो उन्हें “घर जैसा” महसूस कराए कम नमक, कम मिर्च, कम मसाले और सीमित मात्रा में घी का प्रयोग. जिला प्रशासन और खाद्य आपूर्ति एवं औषधि प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
घर जैसा सादा खाना: स्वाद भी, सेहत भी
प्रधानमंत्री के भोजन में विशेष रूप से अरहर की दाल, लौकी और तरोई की सब्जियां, चावल, मल्टीग्रेन रोटी और उबले हुए चने शामिल रहेंगे. यह संपूर्ण आहार न केवल स्वास्थ्यवर्धक है, बल्कि भारतीय भोजन की सादगी और पोषण का भी प्रतीक है. यह मेन्यू दर्शाता है कि पीएम मोदी व्यक्तिगत जीवन में भी साधारण और स्वास्थ्य-संवेदनशील आदतों को अपनाते हैं.
मीठे में भी सेहत का ख्याल
मीठे को लेकर पीएमओ की ओर से कोई विशेष निर्देश नहीं दिए गए हैं, लेकिन यदि प्रधानमंत्री मीठा लेने की इच्छा जाहिर करते हैं, तो उन्हें शुगर फ्री रसमलाई या गुड़ और बादाम से बना हलवा परोसा जाएगा. यह मीठा भी पारंपरिक स्वाद के साथ सेहत का संतुलन बनाए रखेगा.
कड़ी निगरानी में तैयार होगा भोजन
जिला खाद्य अधिकारी संजय प्रताप के अनुसार, प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान खानपान की पूरी व्यवस्था एसपीजी की निगरानी में होगी. इसके अलावा, खाद्य विभाग प्रत्येक व्यंजन की जांच करेगा ताकि भोजन की गुणवत्ता, ताजगी और स्वच्छता सुनिश्चित की जा सके. रोटी विशेष रूप से मल्टीग्रेन आटे से बनाई जाएगी ताकि उसमें पोषण और फाइबर की मात्रा अधिक हो.
चाय की चुस्की भी शामिल
पीएम मोदी के बारे में यह सर्वविदित है कि वे चाय के शौकीन हैं. ऐसे में उनके दौरे के दौरान चाय भी परोसी जा सकती है, लेकिन उसमें भी शक्कर की मात्रा का ध्यान रखा जाएगा या फिर शुगर फ्री विकल्प दिए जाएंगे.
सादगी में है असली शक्ति
पीएम मोदी के खानपान की यह व्यवस्था यह दर्शाती है कि सादगी में ही असली शक्ति है. एक ओर जहां वीआईपी कार्यक्रमों में अक्सर भव्य और भारी भोजन की परंपरा रही है, वहीं प्रधानमंत्री अपने सरल भोजन से एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि नेतृत्व का वास्तविक स्वरूप अनुशासन और स्वास्थ्य के प्रति सजगता से ही झलकता है.
यह खबर पीएम मोदी की व्यक्तिगत जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति उनकी सजगता का प्रतीक है. यह संदेश भी देती है कि जब देश का नेतृत्व स्वयं संयमित जीवन जीता है, तो वह जनमानस के लिए प्रेरणा बनता है.