Aligarh News: रघुवीरपुरी इलाके में रविवार सुबह एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया. 32 वर्षीय युवक मनीष शर्मा ने अपने ही घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. घरवालों को जब सुबह इसकी भनक लगी, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. मौके से एक दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसे मनीष ने अलीगढ़ एसएसपी को संबोधित करते हुए लिखा था. इस पत्र में उसने लखनऊ की एक शादीशुदा महिला और उसके पति को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
परिवार में पसरा मातम, बहनों की शादी हो चुकी, माता-पिता का पहले ही निधन
मनीष शर्मा मूल रूप से अलीगढ़ के बन्नादेवी थाना क्षेत्र के रघुवीरपुरी का रहने वाला था. वह कुछ सालों से फरीदाबाद में एक सप्लीमेंट की दुकान पर नौकरी कर रहा था. कुछ समय के लिए लखनऊ में भी रह चुका था, जहां वह एक महिला के संपर्क में आया. नौकरी छूटने के बाद मनीष हाल ही में अलीगढ़ लौट आया था और वकालत की तैयारी कर रहा था. उसने एलएलबी की पढ़ाई की थी. परिवार में माता-पिता का निधन हो चुका है. बड़ा भाई नोएडा में नौकरी करता है और दोनों बहनों की शादी हो चुकी है.
रात को खाया खाना, सुबह फंदे पर लटका मिला शव
परिजनों के अनुसार मनीष शनिवार रात को खाना खाकर अपने कमरे में सो गया था. सुबह जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो परिजनों ने खिड़की से झांका. कमरे की लाइट जल रही थी और मनीष का शव फंदे से लटका हुआ था. तत्काल पुलिस को सूचना दी गई. बन्नादेवी थाना पुलिस मौके पर पहुंची, दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा. फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए.
सुसाइड नोट में महिला और पति पर गंभीर आरोप
मनीष द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि वह जब फरीदाबाद में नौकरी करता था, तब लखनऊ की एक शादीशुदा महिला ने उसे पहले फोन और फिर मैसेज कर संपर्क किया. महिला ने कहा कि वह अकेली है, उसका पति ध्यान नहीं देता और उसे किसी ऐसे शख्स की तलाश है जो उसका ख्याल रख सके. धीरे-धीरे दोनों के बीच बातचीत बढ़ी और संबंध भी बन गए.
मनीष ने लिखा है कि महिला ने पहले दोस्ती की, फिर अपने साथ बिजनेस करने के लिए बुला लिया. महिला की एक दोस्त के साथ परांठे की दुकान शुरू करवाई. मनीष ने ईमानदारी से काम किया, लेकिन नगर निगम ने दुकान बंद करा दी. जब वह वापस अलीगढ़ लौटने लगा तो महिला के पति ने उससे मारपीट की, ढाई हजार रुपये और मोबाइल छीन लिया.
अब झूठे मुकदमे में फंसा दिया, जीने की कोई वजह नहीं बची
सुसाइड नोट में मनीष ने लिखा है कि उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं. फोन पर गाली-गलौज और धमकी दी जाती थी. शनिवार को उसे यह जानकारी मिली कि महिला ने उसके खिलाफ छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया है. इससे वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुका था. मनीष ने लिखा….
“मैंने कोई गलती नहीं की. फिर भी मुझे झूठे केस में फंसाया गया. अब जीने की कोई वजह नहीं बची. मैं अपनी मौत के लिए उसी महिला और उसके पति को जिम्मेदार ठहराता हूं”
दोस्त को भेजा था व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट
इस दिल दहला देने वाले मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है कि मनीष ने अपना सुसाइड नोट एक नजदीकी दोस्त को व्हाट्सएप पर भी भेजा था. संभवतः वह इस कदम को उठाने से पहले पूरी तैयारी कर चुका था. पुलिस ने मोबाइल और अन्य साक्ष्य कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है.
पुलिस का बयान: जांच जारी, अभी तक तहरीर नहीं मिली
सीओ द्वितीय राजीव द्विवेदी ने बताया कि मनीष की आत्महत्या के मामले में दो पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है. इसमें लखनऊ की एक महिला और उसके पति को सीधे तौर पर आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. फिलहाल मृतक के परिजनों की ओर से कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण ‘हैंगिंग’ पाया गया है. आगे की जांच के लिए पुलिस पूरी तत्परता से काम कर रही है.
रिश्तों के छलावे में टूट गई एक जिंदगी
यह मामला न केवल एक युवक की आत्महत्या का है, बल्कि उस सामाजिक और मानसिक दबाव का भी आईना है जिसमें आज का युवा उलझ कर टूट जाता है. अगर मनीष के आरोप सही हैं, तो यह सिर्फ एक प्रेम प्रसंग नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश भी हो सकती है. पुलिस की निष्पक्ष जांच ही अब इस मौत की असल वजह को सामने ला सकती है.