21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में HC ने कहा- अजय मिश्र टेनी ने अगर किसानों को धमकाया न होता तो हिंसा न होती

इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की. अदालत ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने अगर किसानों को खदेड़ने की धमकी देने वाला बयान नहीं दिया होता तो लखीमपुर में हिंसक घटना नहीं हुई होती. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्र ऊर्फ मोनू है.

Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की. अदालत ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने अगर किसानों को खदेड़ने की धमकी देने वाला बयान नहीं दिया होता तो लखीमपुर में हिंसक घटना नहीं हुई होती. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्र ऊर्फ मोनू है.

Also Read: Lakhimpur Kheri Violence: आशीष मिश्र सहित 13 आरोपियों पर हत्या के प्रयास जैसी धाराएं लगीं, कोर्ट ने दी मंजूरी

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले से जुड़े चार आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की है. अदालत ने आरोपी लवकुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की जमानत अर्जी को कोर्ट खारिज किया है. 10 फरवरी को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने आशीष को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद किसान संगठनों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने 18 अप्रैल को जमानत रद्द कर दिया था. इस समय आशीष मिश्रा जेल में हैं. आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उनकी गाड़ी ने प्रदर्शनकारी किसानों को कुचला.

Also Read: Lakhimpur Kheri Violence: चार्जशीट में केंद्रीय राज्य मंत्री का नाम नहीं होने पर मृतकों के परिजन नाराज
कोर्ट ने धारा 144 का किया जिक्र

हाइकोर्ट ने कहा, ‘ऊंचे पदों पर बैठे राजनीतिक व्यक्तियों को समाज में इसके नतीजों को देखते हुए एक सभ्य भाषा अपनाते हुए सार्वजनिक बयान देना चाहिए. उन्हें गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए क्योंकि उन्हें अपनी स्थिति और उच्च पद की गरिमा के अनुरूप आचरण करना आवश्यक है.’ अदालत ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि जब क्षेत्र में धारा 144 लागू थी तो कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कार्यक्रम में क्यों शामिल हुए? अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि सांसदों को कानून का उल्लंघन करने वाले के रूप में नहीं देखा जा सकता. इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दलीलों को सुनने के बाद कहा कि यह विश्वास नहीं होता कि केंद्रीय मंत्री और राज्य के उप मुख्यमंत्री को क्षेत्र में धारा 144 लागू होने की कोई जानकारी नहीं थी.

Also Read: Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा जेल से रिहा, हाईकोर्ट ने दी जमानत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें