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कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से क्या हुआ हासिल, 10 हजार लोगों के लिए खाना और नहाने की कैसे होती है व्यवस्था

Bareilly News: कांग्रेस ने सात सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा का आगाज कर देश में एक मजबूत विपक्षी पार्टी का एहसास कराया है. इस यात्रा से राहुल गांधी के व्यक्तित्व की पहचान हुई है. उनमें परिपक्वता भी बढ़ती दिखाई दे रही है.

Bareilly News: केंद्र की भाजपा सरकार के सामने देश का विपक्ष धराशायी हो गया था. लेकिन कांग्रेस ने इसी बीच 7 सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा का आगाज कर देश में एक मजबूत विपक्षी पार्टी का एहसास कराया है.

राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत के लोगों की समस्याएं, खानपान, लोगों से मिलकर उनके हर मुद्दे को जान रहे हैं. इस यात्रा से राहुल गांधी के व्यक्तित्व की पहचान हुई है. उनमें परिपक्वता भी बढ़ती दिखाई दे रही है. लोग विपक्ष में जिस नेता की तलाश में थे. उन्हें राहुल गांधी में वह नेता नजर आने लगा है. बड़ी संख्या में दलित और मुस्लिमों के साथ ही ब्राह्मण समाज के लोग यात्रा से जुड़ रहे हैं. यही कांग्रेस का बेस वोट था, जो अलग हट गया था.

यूपी में मुस्लिम पूरी तरह से सपा के साथ था. मगर, इस यात्रा के बाद मुस्लिमों का एक बड़ा तबका कांग्रेस के साथ खड़ा नजर आने लगा है. बागपत के मवीकला में बड़ी संख्या में भारत जोड़ो यात्रा में मुस्लिम भी पहुंचे थे, जो देश को बचाने के लिए कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी बता रहे थे. सभी जगह राहुल गांधी को देखने की होड़ लगी हुई है, तो वहीं उनको सुनने के लिए भी उत्सुकता है.

पूर्व सांसद राजेश शर्मा ने क्या कहा

4 डिग्री से भी कम का तापमान है. इसके बाद भी राहुल गांधी सिर्फ टी शर्ट में जनसभा कर रहे हैं. बनारस के पूर्व सांसद राजेश शर्मा ने बताया कि देश को एक गांधी ने आजादी दिलाई थी. अब राहुल गांधी ही देश को बचाएंगे. भारत को बर्बाद कर दिया है. गरीब, युवा से लेकर हर कोई परेशान है.

दांडी यात्रा से क्यों अलग है भारत जोड़ो यात्रा

महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से अंग्रेजो के खिलाफ दांडी मार्च शुरू किया था.यह यात्रा 24 दिन चली थी.241 मील की दूरी पूरी करने के बाद अंग्रेजों के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू हुआ था. वहीं राहुल गांधी ने 7 सितंबर को कन्याकुमारी से यात्रा शुरू कर कश्मीर तक जाने की प्लानिंग की है. यात्रा करीब 3100 किलोमीटर का सफर पूरा कर चुकी है. जनवरी के अंतिम सप्ताह तक यात्रा करीब 4 हजार किलोमीटर का सफर पूरा कर लेगी.

हर दिन 8 हजार लोगों का लंच, डिनर और नाश्ते की व्यवस्था

भारत जोड़ो यात्रा में हर दिन 8 हजार से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं. इनके लिए वाटर प्रूफ पंडाल लगाए गए हैं. कार्यकर्ताओं को ए, बी, सी श्रेणी में बांटा गया है. इतने लोगों के लिए खाने और पीने की जिम्मेदारी बड़ा मुश्किल काम है. सर्दी के मौसम में लगातार यात्रा चल रही है. लोगों के लिए रजाई ,बिस्तर के साथ ही 28 हीटर लगाएं गए हैं.

क्या है व्यवस्था

भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों के लिए नहाने और टॉयलेट के लिए 6 लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ती है. नहाने के लिए गर्म पानी को बड़ी संख्या में गीजर की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा यात्रा में शामिल लोगों को नाश्ता, लंच और डिनर कराया जाता है. इसके लिए प्रतिदिन 35 कुंटल आटा, 6 कुंटल दाल, 4 कुंटल सब्जी और 5 कुंटल चावल की जरूरत पड़ती है. और सुबह के नाश्ते के लिए 600 किलो चीनी और 6000 लीटर दूध का इस्तेमाल होता है.

कैसे चलती है भारत जोड़ो यात्रा

बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों को सुबह 3:30 बजे उठाकर चाय दी जाती है. इसके बाद चाय, पोहा और नमकीन आदि दी जाती है. सुबह 6:00 बजे से यात्रा शुरू होती है. 2 घंटे बाद यात्रा में 10 से 15 मिनट का टी ब्रेक होता है.

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यात्रा 12 से 15 किलोमीटर के बीच चलकर लंच लिया जाता है. यह 10 बजे से पहले होता है. लंच ब्रेक 10 बजे से 2:30 तक चलता है. कार्यकर्ताओं से बातचीत की जाती है. इसके बाद दोपहर 2:30 बजे से शाम 6 बजे तक यात्रा चलती है. शाम को 7 बजे से रात 12 बजे तक आने वाले हर व्यक्ति को डिनर कराया जाता है.

रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली

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