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Bundelkhand Expressway: 296 किमी लंबी सड़क से बुंदेलखंड के 7 जिलों का जल्द होगा उद्धार, पढ़ें खास खबर

यूपीडा/UPEIDA की ओर से जानकारी दी गई है, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सक्षम नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में बेहतर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. 296 किलोमीटर लंबे #बुंदेलखंड_एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जोरों पर है. जल्द ही इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया जाएगा!’

Bundelkhand Expressway News: उत्तर प्रदेश को जल्द ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है. 296 किलोमीटर लंबा यह प्रोजेक्ट सात जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा. इस एक्सप्रेसवे का तकरीबन 91 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. यूपीडा की ओर से जानकारी दी गई है कि इस प्रोजेक्ट का जल्द ही उद्घाटन कर दिया जाएगा.


बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा/UPEIDA) की ओर से जानकारी दी गई है, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सक्षम नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में बेहतर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. 296 किलोमीटर लंबे #बुंदेलखंड_एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जोरों पर है. जल्द ही इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया जाएगा!’ हाल ही में हुए यूपीडा की 73वीं बोर्ड बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अवनीश कुमार अवस्थी ने परियोजना की प्रोग्रेस रिपोर्ट साझा की थी. उन्होंने बताया था कि एक्सप्रेसवे पर 90 प्रतिशत काम हो चुका है. जो कि अब 91 फीसदी हो चुका है.


गंगा एक्सप्रेसवे पर भी की गई थी चर्चा

यह बैठक गोमती नगर स्थित यूपीडा मुख्यालय में आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया था कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण तेज गति से चल रहा है. रिकॉर्ड समय में अब तक कुल 264 किलोमीटर लंबाई में बिटुमिन स्तर (डीबीएम) का काम पूरा किया जा चुका है. वर्तमान में 90 प्रतिशत से अधिक भौतिक निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. उस बैठक में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना में चेंज ऑफ स्कोप के तहत कराए जा रहे काम के लिए बोर्ड द्वारा सहमति प्राप्त कर स्वीकृति ली गई थी. इसके साथ ही मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे के सिविल निर्माण कार्य के लिए वित्तीय व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए परियोजना के मुख्यालय का निर्धारण, तकनीकी स्टाफ और फील्ड स्टाफ के लिए भवन, वाहन, फर्नीचर आदि की आवश्यकता के संबंध में निदेशक मंडल से अनुमोदन लिया गया था.

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