लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा और अपना तीसरा बजट पेश किया. बजट के द्वारा योगी सरकार ने चुनावी साल में सबको साधने की कोशिश की. योगी ने अयोध्या, मथुरा, नैमिषारण्य आदि हिंदू तीर्थस्थलों के लिए विकास के लिए बजट में जहां खुलकर पैसा दिया, वहीं मदरसों के आधुनिकीकरण और मुस्लिम बच्चों के लिए वजीफे का एलान भी किया.
बजट में विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के तहत पूर्वांचल और बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिए कुल 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिए 300 करोड़ तथा बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. बजट में पूर्वांचल के दो बड़े शहरों गोरखपुर और वाराणसी में मेट्रो के लिए घोषणाएं की गयीं. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1194 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस अहम बजट में योगी सरकार ने अयोध्या, काशी और मथुरा के विकास के लिए 462 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. गांवों में गोवंश के रख-रखाव पर 247.60 करोड़ और शहरों में कान्हा गोशाला के लिए 200 करोड़ जारी किया गया, वहीं 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने पर जोर दिया गया.
अटल के नामवाली योजनाओं पर फोकस
योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित योजनाओं के लिए विशेष प्रावधान किये. अटल नवीकरण एवं शहरी रूपांतरण मिशन (अमृत) के लिए 2,200 करोड़, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़, लखनऊ विश्वविद्यालय में अटल सुशासन पीठ की स्थापना के लिए दो करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है. डीएवी कॉलेज में अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए पांच करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है.
भाषण समाप्त करते हुए अटल को किया याद
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण का समापन करते हुए अटल के विचार प्रकट किये. उन्होंने कहा कि अपने कालजयी पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचार, ‘कंधे से कंधा लगाकर, कदम से कदम मिलाकर, हमें अपनी जीवन यात्रा को ध्येय सिद्धि के शिखर तक ले जाना है, का अनुसरण कर रहे हैं.’
