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Thursday, March 28, 2024

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मल्लिकार्जुन खरगे से मिले अशोक गहलोत, राजस्थान विवाद को सुलझाने में जुटा कांग्रेस आलाकमान

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करने के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान आज भी इतना मजबूत है कि कोई नेता यह कहने की हिम्मत नहीं कर सकता कि वह अपनी पसंद का पद लेगा या फिर पार्टी उसे मनाने के लिए पद की पेशकश करे.

नई दिल्ली : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच लंबे अरसे से चल रहे विवाद को सुझलाने में कांग्रेस आलाकमान एक बार फिर जुट गया है. इस बीच, खबर यह है कि सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है. मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो मल्लिकार्जुन खरगे से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मिलना कोई औपचारिक मुलाकात नहीं है, बल्कि इस मुलाकात को कांग्रेस नेतृत्व की ओर से राजस्थान में अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी विवाद को सुलझाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि इस साल के आखिर में राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन दोनों नेताओं के बीच का विवाद सुलझा लिया जाना चाहिए. हालांकि, अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट ने भी मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है.

कांग्रेस में पसंद का पद लेने की किसी में हिम्मत नहीं : गहलोत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करने के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान आज भी इतना मजबूत है कि कोई नेता यह कहने की हिम्मत नहीं कर सकता कि वह अपनी पसंद का पद लेगा या फिर पार्टी उसे मनाने के लिए पद की पेशकश करे. अशोक गहलोत से सचिन पायलट को मनाने के लिए आलाकमान की ओर से कथित तौर पर पद की पेशकश किए जाने संबंधी खबर को लेकर सवाल किया गया था.

पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन की दी चेतावनी

माना जा रहा है कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जारी विवाद को खत्म करने के प्रयास में है. हाल ही में ‘जन संघर्ष यात्रा’ निकालने वाले सचिन पायलट ने मई के अंत तक उनकी मांगें नहीं मानने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. जयपुर में अपनी पांच दिवसीय ‘जन संघर्ष यात्रा’ का समापन करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था.

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सचिन पायलट ने रखीं तीन मांगे

सचिन पायलट ने हाल में तीन मांगें रखी थीं, जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करना और इसका पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पिछली वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना शामिल है. इससे पहले, कोरोनाकाल के दौरान सचिन पायलट ने कांग्रेस के 18 विधायकों को लेकर हरियाणा के मानेसर में डेरा डाल दिया था. यह उनकी ओर से अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत की शुरुआत मानी जा रही है.

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