25.1 C
Ranchi
Tuesday, March 19, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

लॉकडाउन का असर : राजस्थान के अनेक शहरों में हवा की गुणवत्ता में ‘आश्चर्यजनक’ सुधार

lockdown effect: राजस्थान में पिछले लगभग एक महीने से जारी लॉकडाउन से भले ही आम जनता को दिक्कत हुई हो, लेकिन इससे ज्यादातर शहरों में हवा की गुणवत्ता में ‘आश्चर्यजनक’ सुधार देखने को मिला है. कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के खतरे से निबटने के लिए राजस्थान में 22 मार्च से लॉकडाउन है.

जयपुर : राजस्थान में पिछले लगभग एक महीने से जारी लॉकडाउन से भले ही आम जनता को दिक्कत हुई हो, लेकिन इससे ज्यादातर शहरों में हवा की गुणवत्ता में ‘आश्चर्यजनक’ सुधार देखने को मिला है. कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के खतरे से निबटने के लिए राजस्थान में 22 मार्च से लॉकडाउन है.

Also Read: अशोक गहलोत की सरकार ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर लगाया प्रतिबंध, लॉकडाउन पर कही यह बात

अधिकारियों के अनुसार, इस राज्य के कई कस्बों और शहरों में वायु की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते यात्रा पर लगाये गये कड़े प्रतिबंध और वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों सहित गैर-आवश्यक गतिविधियों को बंद करने से यह सुधार हुआ है.

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष पवन कुमार गोयल ने लॉकडाउन के दौरान आंकड़ों के अध्ययन से निकले प्रमुख निष्कर्षों की जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन से राज्य में परिवेशी वायु गुणवत्ता में सुधार आया है. सभी स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अब संतोषजनक हो गया है, जो पहले खराब से संतोषजनक तक था.

Also Read: Covid19 के 25 नये केस मिले, राजस्थान में मरीजों की संख्या 1100 के पार, 40 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू

उन्होंने कहा कि इन स्टेशनों पर एक्यूआई में 21 (शास्त्री नगर, जयपुर) से 68 (भिवाड़ी-रीको औद्योगिक क्षेत्र-III) फीसदी के बीच कमी आयी है. उन्होंने बताया कि इस दौरान भिवाड़ी के एक्यूआई में अधिकतम सुधार देखा गया है. भिवाड़ी में पीएम10, पीएम2.5 और नाइट्रोजन के ऑक्साइड जैसे प्रमुख प्रदूषकों के संदर्भ में भी लगभग 70 प्रतिशत कमी देखी गयी है.

इसी तरह अन्य शहरों में जहां वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत वाहनों से होने वाला प्रदूषण और सड़क की धूल का री-सस्पेंशन होने के कारण प्रमुख प्रदूषकों में 27 से 73 फीसदी तक की महत्वपूर्ण कमी देखी गयी है. पीएम2.5 की कमी लॉकडाउन के बाद के दिनों में अधिक स्पष्ट है, जो लॉकडाउन के प्रभावी प्रवर्तन एवं ज्यादातर स्थानों पर परिवेश के तापमान में वृद्धि के परिणामस्वरूप प्रदूषकों के बेहतर फैलाव के कारण हो सकता है.

Also Read: मात्र 20 पैसे में एक व्यक्ति को सैनिटाइज कर देता है ‘काजरी’ का ‘टनल’, ऐसे करता है काम

श्री गोयल ने बताया कि वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में परिवहन, उद्योग, बिजली संयंत्र, निर्माण गतिविधियां, जैव ईंधन का जलना, डस्टरी-सस्पेंशन और अन्य आवासीय गतिविधियां सम्मिलित हैं. मंडल जयपुर में अपनी तीन और अलवर, अजमेर, भिवाड़ी, जोधपुर, कोटा, पाली और उदयपुर में स्थित एक-एक सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) के नेटवर्क के माध्यम से वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है.

अध्ययन के लिए 15 से 21 मार्च की लॉकडाउन से पहले की अवधि और 22 मार्च से 7 अप्रैल की लॉकडाउन अवधि के डेटा का उपयोग किया गया है.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें