कांग्रेस के चिंतन शिविर से पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टेंशन नजर आने लगा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बैनर-पोस्टर कांग्रेस चिंतन शिविर के होटल के बाहर से हटा दिये गये हैं. मामले को लेकर अभी किसी प्रकार की प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है. हालांकि बैनर-पोस्टर किसने और क्यों हटाया इस बात का पता अभी तक नहीं चल पाया है. विधानसभा चुनाव के पहले राजस्थान में कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही है. सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शह-मात का खेल जारी है. कांग्रेस आलाकमान के सख्त निर्देश के बाद बयानबाजी भले ही बंद होती दिखने लगी हो लेकिन खींचतान कम होती नजर नहीं आ रही है. पिछले महीने अजमेर में गहलोत- पायलट समर्थक आमने-सामने आ गये थे.
चिंतन शिविर युवाओं पर फोकस
इधर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के चिंतन शिविर के पहले कहा है कि देश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर यदि कोई पार्टी चुनौती देकर हरा सकती है तो वह सिर्फ कांग्रेस है. कांग्रेस पार्टी के उदयपुर में प्रस्तावित नव संकल्प चिंतन शिविर के बारे में उन्होंने कहा कि यह शिविर बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है. आगे की रणनीति तय करने में यह शिविर बहुत अहम साबित होगा. पायलट ने कहा कि इस शिविर में देशभर के 425 कांग्रेस नेता उदयपुर में नजर आने वाले हैं, जिनमें से लगभग आधे प्रतिनिधियों की उम्र 40 वर्ष से कम है. शिविर में युवाओं को प्राथमिकता दी गई है.
राजस्थान में कब है विधानसभा चुनाव
गौर हो कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के अंत तक होने वाले हैं. कांग्रेस आलाकमान का वर्तमान में अपना पूरा फोकस राजस्थान में है. सचिन पायलट ने कुछ दिन पहले ही नई दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. पायलट से मुलाकात के एक दिन पहले ही सीएम गहलोत सोनिया गांधी से मिले थे. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद दिल्ली में मीडिया से बात की थी. उन्होंने कहा था कि राजस्थान कांग्रेस के हालात पर सोनिया गांधी को अवगत कराया गया है. कांग्रेस 2023 के चुनावों में एक बार फिर जीत का परचम लहराएगी.