10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कांग्रेस के नवसंकल्प चिंतन शिविर से पहले CWC में बोलीं सोनिया- पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस नेताओं का यह आह्वान भी किया कि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है. ऐसे में उन्हें नि:स्वार्थ भाव एवं अनुशासन के साथ काम करना होगा, क्योंकि पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए जादू की कोई छड़ी नहीं है.

नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ से पहले रविवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है. पार्टी नेताओं को चेतावनी देते हुए सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि पार्टी के मंचों पर आलोचना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि आम कांग्रेसजन का आत्मविश्वास एवं हौसला टूट जाये.

कांग्रेस नेताओं से किया यह आह्वान

उन्होंने पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस नेताओं का यह आह्वान भी किया कि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है. ऐसे में उन्हें नि:स्वार्थ भाव एवं अनुशासन के साथ काम करना होगा, क्योंकि पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए जादू की कोई छड़ी नहीं है.

नवसंकल्प चिंतन शिविर में प्रतिबिंबित हो पार्टी का पुनर्गठन

सोनिया गांधी का कहना था कि ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें पार्टी का पुनर्गठन प्रतिबिंबित होना चाहिए. यह चिंतन शिविर 13-15 मई को उदयपुर में आयोजित हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘इस शिविर में करीब 400 लोग शामिल हो रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर संगठन में किसी न किसी पद पर हैं या फिर संगठन अथवा सरकार में पदों पर रह चुके हैं. हमने प्रयास किया है कि इस शिविर में संतुलित प्रतिनिधित्व हो, हर पहलू से संतुलन हो.’

Also Read: Congress Chintan Shivir: राजस्थान में होगा कांग्रेस का चिंतन शिविर, 6 समन्वय समितियां गठित
सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों पर 6 समूहों में होगी चर्चा

सोनिया गांधी ने इस बात का उल्लेख भी किया कि राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा एवं सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों पर छह समूहों में चर्चा होगी. उन्होंने कहा, ‘जादू की कोई छड़ी नहीं है. नि:स्वार्थ काम, अनुशासन और सतत सामूहिक उद्देश्य की भावना से हम दृढ़ता और लचीलेपन का प्रदर्शन कर सकते हैं. पार्टी ने हमेशा हम सबका भला किया है. अब समय आ गया है कि कर्ज को पूरी तरह चुकाया जाये.’

रस्म अदायगी भर न हो चिंतन शिविर

सोनिया गांधी का यह भी कहना था, ‘हमारे पार्टी के मंचों पर स्व-आलोचना की निश्चित तौर पर जरूरत है. किंतु यह इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि आत्मविश्वास और हौसले को तोड़े तथा निराशा का माहौल बनाये.’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘चिंतन शिविर महज एक रस्म अदायगी नहीं होना चाहिए. मैं इसको लेकर प्रतिबद्ध हूं कि इसमें संगठन का पुनर्गठन परिलक्षित होना चाहिए, ताकि वैचारिक, चुनावी और प्रबंधकीय चुनौतियों से निपटा जा सके.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें