Rourkela News: राउरकेला पुलिस ने एक ओएएस अधिकारी से चार लाख रुपये की ठगी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों खुद को विजिलेंस अधिकारी बताते थे. उनके पास से विभिन्न बैंकों के एटीएम व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. शुक्रवार को राउरकेला जिला पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी नितेश वाधवानी व अन्य अधिकारियों ने इसकी विस्तृत जानकारी दी.
ओएएस अधिकारी ने दर्ज करायी थी धोखाधड़ी की शिकायत
पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपियों सुवर्णपुर जिले के बीरमहाजपुर थाना अंतर्गत गेंदामाल निवासी गणेश प्रसाद नंदा और उलुंडा थाना अंतर्गत नकडेही नवासी प्रदीप कुमार पंडा के खिलाफ बणई थाना में केस संख्या 272/11.12.2025 के तहत बीएनएस की धारा 308(2)/318(4)/319(2) तथा आइटी एक्ट 2005 की धारा 66(c)(d) में मामला दर्ज किया गया है. यह केस ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी की लिखित शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने धोखाधड़ी, धमकी, गलत बयानी और जालसाजी के माध्यम से उनसे कुल 4,00,000 रुपये की ठगी की है.
आरोपी ने खुद को विजिलेंस विभाग का अतिरिक्त एसपी बता धमकाया
आरोप के मुताबिक, आरोपी ने अपना परिचय त्रिपाठी बाबू बताया और कहा कि उसे हाल ही में अतिरिक्त एसपी, सतर्कता के पद पर पदोन्नत किया गया है. फिर उसने कहा कि सतर्कता विभाग में आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में ओएएस अधिकारी के खिलाफ केस संख्या 77/2025 दर्ज किया गया है. आरोपी ने शिकायतकर्ता से कुल 4,00,000 रुपये की धोखाधड़ी की थी, जो उसकी बहन सुकांति नंदा के बैंक खाते में स्थानांतरित की गयी थी.
आदतन जालसाज है गणेश नंदा, बहनोई की मदद से कई लोगों से की थी उगाही
पुलिस की ओर से शुरू की गयी जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी गणेश प्रसाद नंदा एक आदतन जालसाज है, जिसने 2021 में अपने लंबे समय के दोस्त और सह-आरोपी प्रदीप कुमार पंडा (बहन के पति) की मदद से खुद को सतर्कता अतिरिक्त एसपी बताकर विभिन्न सरकारी अधिकारियों को फोन करके पैसे की उगाही की थी. वे सतर्कता के नाम पर सुंदरगढ़, क्योंझर, देवगढ़ और अन्य जिलों के कई सरकारी अधिकारियों से लाखों रुपये ठग रहे हैं. वे अधिकारियों को धमकी देते थे कि वे उनके घरों पर अचानक छापेमारी करेंगे, क्योंकि उनके पास अवैध रूप से अर्जित आय है. जांच में यह भी पता चला कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने सामाजिक बदनामी, भय और अशांति से बचने के लिए उनकी मांगें पूरी कर दी थीं. आरोपियों द्वारा मांगी गई सारी रकम सुकांति नंदा (आरोपी गणेश प्रसाद नंदा की बहन) के नाम पर पंजीकृत बैंक खाते में है. वर्तमान मामले में, उन्होंने शिकायतकर्ता से 8,00,000 रुपये की मांग की और बाद में सतर्कता मामले को निपटाने के बहाने कुल 4,00,000 रुपये ले लिए. मामले की जांच जारी है और आरोपियों के सभी बैंक खातों के साथ-साथ उनकी निजी जानकारी भी जांच के दायरे में है.
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