Rourkela News: तालेचर-बिमलगढ़ रेल पथ पर अब तक तालेचर, सुनाखनि व समल स्टेशन निर्माण का काम पूरा हो चुका है. इस रेलपथ पर जहां तक निर्माण का काम पूरा हो चुका है, वहां तक पुरी, कटक व भुवनेश्वर से आनेवाली ट्रेनों की चलाने की मांग हो रही थी. अब इस रेलपथ पर समल तक यात्री ट्रेन चलाने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है. जल्द ही यहां की पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी. इसके लिए समल स्टेशन को एसएएमएल का स्टेशन कोड भी जारी किया जा चुका है. साथ ही पाराबिल का काम भी प्रगति पर है, यदि वहां का काम खत्म होने के बाद उसका सीआरएस इंस्पेक्शन हो जाता है तो वहां तक भी ट्रेन चलाये जाने की संभावना है.
क्षेत्र का होगा विकास, लोगों को मिलेगा लाभ
जानकारी के अनुसार ईस्ट कोस्ट रेलवे के प्रिंसिपल चीफ कॉमर्शियल मैनेजर की ओर से सामल स्टेशन को स्टेशन कोड प्रदान कर दिया गया है. जिससे इस रेलपथ पर तालचेर से समल तक 30 किलोमीटर तक जल्द ही यात्री ट्रेन दौड़ने लगेगी. इससे स्थानीय क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा. विदित हो कि इस रेलपथ के निर्माण में विलंब होने के कारण अब तक निर्मित स्टेशन तालचेर, सुनाखनि व सामल की देखरेख के लिये ट्रेन चलाना जरूरी समझा जा रहा था. इसे लेकर सचेतन नागरिक मंच व ओडिशा रेल यूजर्स मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी फोरम की ओर से लगातार मांग हो रही थी.
सुंदरगढ़ के बिमलगढ़ की ओर से भी काम में तेजी लाये जाने की जरूरत
सचेतन नागरिक मंच राउरकेला के अध्यक्ष विमल बिसी ने कहा कि अब कटक, भुवनेश्वर व कटक से आनेवाली यात्री ट्रेनों को तालचेर, सुनाखनि से होकर समल तक चलाया जा सकता है. इससे इस अंचल के यात्रियों की सुविधा होगी. लेकिन सुंदरगढ़ के बिमलगढ़ की ओर से भी इस रेलपथ के काम में तेजी लाये जाने की जरूरत है. वहीं ओडिशा रेल यूजर्स मल्टीमाडल कनेक्टिविटी फोरम के संस्थापक रंजीत स्वांई ने कहा कि इस रेलपथ पर समल तक यात्री ट्रेन चलाने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है. यह काम एक साल पहले ही किया जाना चाहिए था क्योंकि यहां पर सीआरएस इंस्पेक्शन का काम मार्च, 2024 में ही खत्म हो चुका था. वहीं पाराबिल स्टेशन का काम भी काफी हद हो चुका है. इसे भी जल्द बनाकर सीआरएस इंस्पेक्शन के बाद चालू किया जाता है तो यात्रियों को और सुविधा होगी.
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