Bhubaneswar News: बीजू जनता दल ने आरोप लगाया है कि महानदी को खत्म करने की साजिश रची जा रही है. वरिष्ठ बीजद नेता तथा विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने आज यह आरोप लगाया. मीडिया से बातचीत में प्रसन्न आचार्य ने आरोप लगाया कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ द्वारा महानदी पर लगातार बराजों का निर्माण किये जाने के बावजूद ओडिशा सरकार निष्क्रिय बनी हुई है.
ओडिशा सरकार को सूचना दिये बिना छत्तीसगढ़ में हो रहा बराज का निर्माण
प्रसन्न आचार्य ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार बिना किसी अनुमति या ओडिशा सरकार को सूचना दिये महानदी पर एक के बाद एक बराज बना रही है. उन्होंने कहा कि महानदी का अस्तित्व सीधे तौर पर ओडिशा के अस्तित्व से जुड़ा है और यदि स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम सामने आयेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजद सरकार के कार्यकाल के दौरान ओडिशा ने केंद्र सरकार से संपर्क कर केंद्रीय जल आयोग से हस्तक्षेप की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई.
केंद्र के पक्षपातपूर्ण रवैये क खामिजा भुगत रही ओडिशा की जनता
आचार्य के अनुसार, उस समय इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा गया, क्योंकि केंद्र और छत्तीसगढ़ दोनों में भाजपा की सरकार थी, जबकि ओडिशा में बीजद सत्ता में थी. उन्होंने कहा कि उसी रवैये का खामियाजा आज ओडिशा की जनता और महानदी को भुगतना पड़ रहा है. प्रसन्न आचार्य ने कहा कि जब पहले ओडिशा ने इस मुद्दे को केंद्र के सामने उठाया था, तब उन्होंने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया और हमारी किसी भी शिकायत का समाधान नहीं किया. हर चीज को राजनीतिक चश्मे से देखा गया. आज उसी पक्षपात का परिणाम महानदी और ओडिशा की जनता भुगत रही है. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि अब जबकि केंद्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़, तीनों जगह भाजपा की सरकार है, तो इस गंभीर मुद्दे पर अब तक कोई निर्णायक कदम क्यों नहीं उठाया गया है.
24 साल के शासन में बीजद महानदी जल विवाद सुलझाने में नाकाम रहा : जयनारायण
बीजद के आरोपों पर भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बीजद के दावों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्षी दल ओडिशा में 24 साल तक सत्ता में रहा, लेकिन महानदी जल विवाद सुलझाने में नाकाम रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजद ने अपने कार्यकाल के दौरान तीन से चार कमेटियां बनायीं, लेकिन उनके नतीजों को कभी सार्वजनिक नहीं किया. मिश्रा ने यह भी दावा किया कि उन सालों में, बीजद सरकार को छत्तीसगढ़ में बराज बनाने के बारे में भी कोई स्पष्टता नहीं थी. वे दावा करते हैं कि उन्हें महानदी के बारे में उसके उद्गम से लेकर हीराकुद तक सब कुछ पता था. और फिर भी, उन्हें छत्तीसगढ़ के बराज के बारे में कोई जानकारी नहीं थी? उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है.
उच्चस्तरीय समिति की बैठक 22 दिसंबर को
जयनारायण मिश्रा ने बताया कि महानदी विवाद पर नयी बनी उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक 22 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे डिप्टी चीफ मिनिस्टर कनक वर्धन सिंह देव की अध्यक्षता में होगी. ओडिशा सरकार ने इससे पहले 10 दिसंबर को महानदी जल विवाद ट्रिब्यूनल के सामने राज्य की स्थिति को गाइड करने के लिए सात सदस्यों वाली एक हाइ-लेवल कमेटी बनायी थी. इस कमेटी में मंत्री सुरेश पुजारी, पृथ्वीराज हरिचंदन और संपद चंद्र स्वांई, सरकारी चीफ व्हिप सरोज कुमार प्रधान और विधायक निरंजन पुजारी, जयनारायण मिश्रा व सोफिया फिरदौस शामिल हैं. ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी के पानी के बंटवारे को लेकर विवाद महानदी जल विवाद ट्रिब्यूनल के सामने अभी भी विचाराधीन है.
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