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Rourkela News: एनआइटी में जुटे दुनियाभर के भारतीय खगोल वैज्ञानिक, सूर्य, ग्रहों, तारे, आकाशगंगा और ब्लैक होल पर करेंगे चर्चा

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला में भारतीय खगोल वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी वार्षिक सभा हो रही है. इसमें दुनियाभर से 400 खगोल वैज्ञानिकों ने भाग लिया है.

Rourkela News: औद्योगिक नगरी राउरकेला में इस सप्ताह देश-विदेशों से आये भारतीय खगोल वैज्ञानिकों का सबसे बड़ा वार्षिक जमावड़ा हो रहा है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) राउरकेला 15 से 19 फरवरी के दौरान खगोल वैज्ञानिकों की संस्था भारतीय ज्योतिर्विज्ञान परिषद (एएसआइ) की 43वीं वार्षिक सभा आयोजित कर रहा है. यह न केवल ओडिशा, बल्कि पूर्वी भारत के लिए पहली एएसआइ सभा है. इसमें 400 से अधिक खगोल वैज्ञानिकों ने भाग लिया है. वे सूर्य, ग्रहों, तारे, आकाशगंगा, ब्लैक होल आदि जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे. छात्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए कई गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं. सभा का औपचारिक उद्घाटन 16 फरवरी की सुबह 9:15 बजे एनआइटी राउरकेला के भुवनेश्वर बेहेरा सभागृह में होगा.

प्रो प्रह्लाद सी अग्रवाल को मिलेगा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

15 फरवरी को एक अंतर-सरकारी और अंतरराष्ट्रीय विज्ञान मेगा प्रोजेक्ट के उपयोग पर कुछ कार्यशालाएं आयोजित की गयी. एएसआइ खगोल विज्ञान व खगोल भौतिकी अनुसंधान के साथ-साथ क्षमता निर्माण गतिविधियों में छात्रों, वैज्ञानिकों और नागरिकों के योगदान पहचानते हुए उन्हें कई पुरस्कारों के माध्यम से सम्मानित करता है, जो उद्घाटन समारोह के दौरान प्रदान किये जायेंगे. एएसआइ गोविंद स्वरूप लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड-2024 प्रो प्रह्लाद सी अग्रवाल (पूर्वतः टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुंबई) को दिया जा रहा है. प्रो अग्रवाल एक प्रख्यात खगोलशास्त्री हैं, जो भारत में एक्स-रे खगोल विज्ञान के विकास में अग्रणी रहे हैं और उन्होंने अंतरिक्ष में भारत की पहली वेधशाला एस्ट्रोसैट मिशन की शुरुआत की थी. एक दृढ़ सलाहकार भूमिका और प्रभावी शासन रणनीतियों के साथ, उन्होंने भारत में सबसे बड़ा ऑप्टिकल टेलीस्कोप स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. सम्मेलन के शेष दिन हाल के शोध निष्कर्षों पर चर्चा के लिए समर्पित होंगे.

विद्यार्थी दूरबीनों से खगोलीय पिंडों का अवलोकन करेंगे

भारतीय ज्योतिर्विज्ञान परिषद की जनसंपर्क एवं शिक्षा समिति ने स्थानीय आयोजकों और एस्ट्रोएनआइटीआर के साथ मिलकर छोटे विद्यार्थियों के लिए कई लोकप्रिय कार्यक्रमों की योजना बनायी है. आदित्य-एल1 अंतरिक्ष मिशन, सूर्य, तारों के जीवनचक्र और एक्सोप्लैनेट (सौर मंडल के बाहर के ग्रह) पर व्याख्यान आयोजित किये गये हैं. विद्यार्थी दूरबीनों से खगोलीय पिंडों का अवलोकन भी करेंगे. ये आयोजन सरकारी स्वायत्त महाविद्यालय और एनआइटी परिसर में होंगे.

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