चक्रधरपुर. चक्रधरपुर की रामनवमी सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाला सांस्कृतिक उत्सव भी है. चक्रधरपुर से प्रत्येक वर्ष 33 लाइसेंसी अखाड़ों से रामनवमी जुलूस निकलता है. सभी अखाड़ों का जुलूस गुप्ता चौक पर इकट्ठा होता है, फिर अपने गंतव्य को लौट जाता है. चक्रधरपुर हर साल रामनवमी के अवसर पर भक्ति, जोश और उत्साह से सराबोर हो जाता है. यह पर्व यहां के लिए सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक भव्य सांस्कृतिक आयोजन भी है. इसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं. नौ दिनों तक कीर्तनों में राम के जाप होते हैं. गुदड़ी बाजार का कीर्तन सबसे बड़ा होता है. रामनवमी जुलूस में डीजे बजाने पर रहेगा प्रतिबंध. चक्रधरपुर में काफी दिन पहले से रामनवमी की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. मुख्य बाजार और प्रमुख मंदिरों को आकर्षक रोशनी और झंडों से सजाया जाता है. विभिन्न अखाड़ों और धार्मिक संगठनों की ओर से विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है. इसमें भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की झांकियां मुख्य आकर्षण होती हैं. चक्रधरपुर की रामनवमी की सबसे खास बात यहां के पारंपरिक अखाड़े हैं. ये अखाड़े दशकों से इस पर्व का अभिन्न हिस्सा रहे हैं. शोभायात्रा के दौरान अखाड़ों के युवा सदस्य लाठी, तलवार, भाला और अन्य पारंपरिक शस्त्रों के साथ अपनी कला और शौर्य का प्रदर्शन करते हैं. यह आयोजन न केवल साहस और शक्ति का प्रदर्शन करता है, बल्कि युवाओं में अनुशासन और संस्कृति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है. हर साल रामनवमी के दौरान प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है. इस साल रामनवमी जुलूस में डीजे पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.
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